दक्षिण अफ्रीका के कार्यवाहक कप्तान फाफ डू प्लेसी ने बॉल टेंपरिंग मामले पर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के फैसले के खिलाफ अपील की है। प्लेसी पर आईसीसी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होबार्ट टेस्ट मैच के दौरान गेंद से छेड़छाड़ करने का दोषी मानते हुए जुर्माना लगाया था। इस 32 वर्षीय खिलाड़ी पर आचार संहिता के सेक्शन 2.2.9 के उल्लंघन के तहत एक सुनवाई के बाद 100 फीसदी मैच फीस का जुर्माना लगा था। दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड ने इस मामले को एक स्वतंत्र जांच आयोग के समक्ष ले जाने का फैसला किया।
क्रिकेट साउथ अफ्रीका के मुख्य कार्यकारी हारून लोगर्ट ने पुष्टि करते हुए कहा “फाफ की कानूनी टीम ने मैच रेफरी के तमाम लिखित दस्तावेज़ और निर्णय की कॉपी का अध्ययन करने के बाद इस फैसले के खिलाफ अपील करने का फैसला किया है। फाफ इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि उन्होंने बॉल की स्थिति से कोई छेड़छाड़ नहीं की, और ना ही उनका ऐसा करने का इरादा था। रेफरी उन्हें दोषी पाने में सही नहीं थे। क्रिकेट साउथ अफ्रीका डू प्लेसी का समर्थन करेगा। नियमों की व्याख्या, विज्ञान और प्रदर्शन आदि बातें देखी जानी चाहिए।“
पिछले सप्ताह एक वीडियो में फाफ डू प्लेसी मिंट के थूक को गेंद पर लगाते हुए दिखे थे। होबार्ट की तेज गेंदबाजों के लिए मददगार पिच पर ऑस्ट्रेलिया की टीम 85 और 161 रनों पर आउट हो गई थी। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका ने उस टेस्ट को एक पारी और 80 रनों से जीत लिया था। डू प्लेसी को आईसीसी ने गेंद की कंडीशन से छेड़छाड़ करने के आरोप में दोषी पाया और मामले पर सुनवाई के बाद पूरी मैच फीस काटने का जुर्माना लगाया।
यह भी दिलचस्प है कि अपेक्स बॉडी ने ऑस्ट्रेलिया के डेविड वार्नर और भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली पर इसी प्रकार के आरोपों पर जांच नहीं की।
फाफ डू प्लेसी के अनुसार “मैं निर्णय से बिलकुल सहमत नहीं हूं और मुझे लगता है मैंने गेंद चमकाई। क्रिकेट में यह कोई गलत कार्य नहीं है। गेंद चमकाने का काम सभी करते हैं। मेरा गेंद से छेड़छाड़ या कुछ गलत करने का कोई इरादा नहीं था।“