दक्षिण अफ्रीका के टेस्ट कप्तान फाफ डू प्लेसी ने यह सुनिश्चित किया है कि वे बॉल टेंपरिंग मामले पर आईसीसी के निर्णय के खिलाफ की गई अपील को वापस नहीं लेंगे। हालांकि इस बार भी वे दोषी पाए जाते हैं, तो एक मैच का प्रतिबंध लगने का खतरा बना हुआ है। पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होबार्ट टेस्ट के बाद डू प्लेसी पर 100 फीसदी मैच फीस का जुर्माना लगा था। डू प्लेसी बीते मंगलवार को ही दक्षिण अफ्रीका की टेस्ट टीम के स्थायी कप्तान नियुक्त किए गए हैं। दक्षिण अफ्रीकी कप्तान के अनुसार "अपील वापस लेना एक नॉन क्रिकेटर का नजरिया लगता है। जिस तरीके से मसले का निस्तारण किया गया, उससे मैं सहमत नहीं हूं, जब सब कुछ सुनवाई के लिए आता है, तब भी यह किस प्रकार घटित हुआ। जो मैं नहीं चाहता, ऐसा फैसला आता है, तो मुझे इसके विरुद्ध खड़ा होने के सिद्धान्त के अनुसार जाना होगा। एक कप्तान का यही काम है कि उन कारणों के खिलाफ आप डटकर लड़ाई लड़ो।" एक वीडियो फूटेज में डू प्लेसी होबार्ट टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी के दौरान मिंट के थूक से बॉल चमकाते हुए नजर आए थे जो उनके मुंह में साफ नजर आ रही थी। यह आईसीसी के 42.2 कानून का उल्लंघन माना गया, क्योंकि किसी कृत्रिम पदार्थ को गेंद पर लगाकर उसकी वास्तविक स्थिति से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। आईसीसी ने दक्षिण अफ्रीकी कप्तान पर चार्ज लगाते हुए न्यायिक जांच बैठाई जिसमें उन्हें दोषी पाया गया, और 100 फीसदी मैच फीस का जुर्माना लगाया। इस बारे में डू प्लेसी का कहना था कि मिंट का स्वीट सभी खिलाड़ियों के मुंह में था और मैंने इसे अपने मुंह में छुपाने का प्रयास भी नहीं किया, इसे आचार संहिता का उल्लंघन नहीं कहा जाना चाहिए। कई पूर्व खिलाड़ियों और ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मिथ ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से 'कृत्रिम' शब्द की व्याख्या करने की मांग की। डू प्लेसी द्वारा की गई अपील पर आईसीसी ने एक स्वतंत्र कमेटी से 19 दिसंबर को सुनवाई की तारीख निर्धारित की है।