क्रिकेट का ये सबसे अहम पहलू होता है, जब तेज गेंदबाज़ किसी एक्सप्रेस की तरह दौड़ लगाते हुए अपनी तेज गेंदों से बल्लेबाजों को सकते में डाल देता है। ऐसी गेंदे जो बल्लेबाज़ को घुटने टेकने को मजबूर कर देती हैं। ऐसा कई दशकों से होता आया है। जब इस खेल पर किसी तेज गेंदबाज़ ने कमाल का खेल दिखाया है। आज हम आपको ऐसे ही 8 एक्सप्रेस गेंदबाजों के बारे में बता रहे हैं। नोट: इस लिस्ट में हमने उन्हीं तेज गेंदबाजों को शामिल किया है, जिन्होंने अपने पूरे करियर में लगातार तेज गेंदबाज़ी की है। शोएब अख्तर(पाकिस्तान) हम यहां आसानी से ये बात कह सकते हैं कि अख्तर ने इस खेल पर काफी प्रभाव छोड़ा है। जब वह लम्बे गेंदबाज़ी रनअप से दौड़ते थे, उनके हवा में लहराते हुए बाल जबर्दस्त लगते थे। शोएब अख्तर ऐसे तेज गेंदबाज़ थे, जो अपनी तेजी और लेट स्विंग से बल्लेबाजों से निपटना अच्छी तरह से जानते थे। शोएब अख्तर तब लाइमलाइट में आये थे, जब उन्होंने 1999 में कोलकाता टेस्ट मैच में भारत के बल्लेबाज़ी दिग्गज राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर को रिवर्स स्विंग यॉर्कर से बोल्ड कर दिया था। उसके बाद शोएब को दुनिया का सबसे खतरनाक गेंदबाज़ माना जाने लगा। वह लगातार 150 से अधिक की स्पीड से गेंद फेंकते रहे। उन्होंने क्रिकेट इतिहास की सबसे तेज 161.3 किमी/घंटे की रफ्तार वाली गेंद साल 2003 में फेंका था। ये वह समय था जब शोएब अख्तर बतौर गेंदबाज़ अपने चरम पर थे। हालाँकि वह विवाद और चोट की वजह इस लय को बरकरार नहीं रख पाए और उनका करियर इससे काफी प्रभावित हुआ। शोएब ने 46 टेस्ट मैच खेले थे जिसमें उन्हें 178 विकेट मिले थे। साथ ही उन्होंने 163 मैचों में से 247 विकेट लिए थे। उनका करियर इस तरह खत्म होना कहीं न कही एक सवाल छोड़ जाता है। ब्रेट ली (ऑस्ट्रेलिया) ब्रेट ली बिना किसी शक के बीते दशक के बेहतरीन तेज गेंदबाज़ रहे हैं। साल 2000 से वह ऑस्ट्रेलियाई टीम के लगातार सदस्य रहे थे। वह निरंतर 150 से अधिक की स्पीड से गेंदबाज़ी करने में सक्षम थे। उन्हें बेहतरीन यॉर्कर और इनस्विंग यॉर्कर डालने के लिए जाना जाता था। वह निचले क्रम के बल्लेबाजों के लिए किसी दुस्वप्न की तरह थे। ली ने 2004-2008 में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। बाद का करियर उनका चोटों से भरा रहा और वह दोबारा अपना प्रभाव छोड़ने में नाकामयाब रहे। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए 76 टेस्ट मैच खेले थे, जिसमें उन्हें 310 विकेट मिले थे। ली वनडे के बहुत ही अच्छे गेंदबाज़ थे। जहाँ उन्होंने 221 मैचों से 380 विकेट लिए थे। साथ ही 25 टी-20 मैचों में उन्होंने 28 विकेट लिए थे। ली ने नेपियर में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 160.8 किमी/घंटे की सबसे तेज गेंद फेंकी थी। जेफ़ थॉमसन(ऑस्ट्रेलिया) जेफरी थामसन इस खेल के सच्चे दिग्गज थे। उन्होंने तेज गेंदबाज़ी को नया आयाम दिया था। उनका एक्शन गुलेल की तरह था। थामसन ने दुनिया में अपनी तेजी का लोहा मनवाया था। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइक बेय्रले ने थामसन के बारे में कहा, “जब आप थॉमसन का सामना करते हैं तो जिंदगी के सारे दुख भूल जाते हैं"। ये थामसन का खौफ था। वह गजब की कटर और स्विंग कराते थे। उनकी बाउंसर से बल्लेबाज़ कांप जाते थे। थामसन ने 51 टेस्ट मैचों में 200 विकेट लिये थे। इसके आलावा उन्होंने वनडे में 50 मैचों में 55 विकेट लिए थे। थामसन को भरोसा था कि वह 180 km/h की स्पीड में गेंद फेंकते हैं। लेकिन उनकी रिकार्डेड गेंद 160.5 km/h थी जो उन्होंने 1975-76 में एक टेस्ट मैच में फेंका था। मिचेल स्टार्क (ऑस्ट्रेलिया) इस गेंदबाज़ ने खुद को इस युग का सबसे तेज गेंदबाज़ बनाया है। साथ ही हर बड़ी टीम के साथ इन्होने कमाल की गेंदबाज़ी की है। मिचेल स्टार्क के बारे में सबसे खास बात है कि वह कभी कभार ही धीमी गेंद डालते हैं। स्टार्क निरंतर 150 से अधिक की स्पीड में लगातार गेंदबाज़ी कर सकते हैं। उनकी सबसे तेज गेंद 160.4 km/h बीते साल न्यूज़ीलैंड के खिलाफ रिकॉर्ड की गयी थी। वह दायें हाथ के बल्लेबाज़ को अपने स्विंग से मुश्किल में डाल सकते हैं। स्टार्क विश्वकप 2015 में अपने पीक पर थे। जहाँ उन्हें 22 विकेट मिले थे और इसके लिए उन्हें मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट चुना गया था। ऑकलैंड में उन्होंने न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 28 रन देकर 6 विकेट लिए थे। जो बेहतरीन प्रदर्शन है। हालाँकि वह लगातार चोट से भी जूझते रहे हैं। साथ ही इस खिलाड़ी को टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन करना होगा। मिचेल स्टार्क नई पीढ़ी के गेंदबाज़ हैं और इस वजह से वह अपना करियर लम्बा बना सकते हैं। 25 टेस्ट में स्टार्क ने 91 विकेट लिया है। उन्होंने 20 टी-20 में 26 विकेट लिए हैं। सर एंडी रोबर्ट्स (वेस्टइंडीज) सर एंडी रोबर्ट्स बहुत ही अलग खिलाड़ी रहे हैं। शांत, संतुलित और सरल स्वाभाव के वह इस दुनिया के ऐसे गेंदबाज़ थे। तगड़े कंधे वाले इस क्रिकेटर ने तेज गेंदबाज़ी को नया आयाम दिया है। उनके बाउंसर काफी खतरनाक हुआ करते थे। इसके आलावा वह स्लोवर भी अच्छा डालते थे। वह सबसे जल्दी 100 टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाज़ बने थे। उनकी तेज गेंदें बल्लेबाजों की सांसें थाम देती थीं और उन्होंने सबसे तेज 159.9 km/h के स्पीड से गेंद फेंकी थी। ये कमाल उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के वाका में तेज गेंदबाज़ी कम्पटीशन में 1975 में फेंकी थी। रोबर्ट्स 70 के दशक में अपने चरम पर रहे। उन्होंने 47 टेस्ट में 202 विकेट और 56 वनडे में 87 विकेट लिए थे। मिचेल जॉनसन (ऑस्ट्रेलिया) जॉनसन के करियर के बारे में जो अनुमान लगाया गया था, उसका अंत वैसा हुआ नहीं। लेकिन फिर भी वह एक बेहतरीन एक्सप्रेस गेंदबाज़ के तौर पर जाने जाते हैं। अपने चरम पर वह सबसे डरावने गेंदबाज़ हो जाया करते थे। वह बल्लेबाजों को अपनी लेट स्विंग, शार्प बाउंसर और कोण बनाती गेंदों से चौंका दिया करते थे। हालांकि इस ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ की फॉर्म में निरंतरता नहीं थी। जॉनसन साल 2013-14 में अपने चरम पर रहे थे। जहाँ उन्होंने एशेज में इंग्लैंड को अकेले दम पर हराने में कामयाब रहे थे। उन्होंने इस दौरान ही अपनी सबसे तेज गेंद 156.8 km/h चौथे टेस्ट में फेंकी थी। उसके बाद उन्होंने दक्षिण अफ्रीका को भी चौंका दिया था। उन्होंने इस दौरान 8 मैचों में 59 विकेट भी लिए थे। दुर्भाग्यवश उनकी फॉर्म खराब हो गयी और उन्होंने बीते साल नवम्बर में सन्यास ले लिया। जॉनसन ने 73 टेस्ट मैचों में 313 विकेट और 153 वनडे में 239 विकेट लिए हैं। इसके आलावा 30 टी-20 में 39 विकेट लिए हैं। शेन बॉन्ड (न्यूज़ीलैंड) रिचर्ड हैडली के बाद शेन बांड न्यूज़ीलैंड के सबसे तेज गेंदबाज़ माने जाते थे। वह खतरनाक तेज गेंद तो फेंकते ही थे, साथ ही वह इनस्विंग कराने में माहिर थे। इसके आलावा उनकी पैरों में पड़ती यॉर्कर काफी खतरनाक हुआ करती थी। दुर्भाग्यवश बांड का करियर भी काफी छोटा रहा। उनका करियर चोटों से भरा रहा और एक बार तो उन्हें 2 साल तक चोट की वजह से बाहर रहना पड़ा था। इसी वजह से उनका करियर छोटा रहा। लेकिन जब ये कीवी अपने चरम पर होता था, तो उन्हें गेंदबाज़ी करते हुए देखना काफी अच्छा लगता था। साल 2003 के वर्ल्डकप में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 23 रन देकर 6 विकेट लिए थे। जहां वह पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन गेंदबाज़ के तौर पर उभरे थे। इसी विश्वकप में बांड ने अपनी सबसे तेज गेंद 156.4 km/h भारत के खिलाफ फेंकी थी। बांड ने 18 टेस्ट मैचों में 87 विकेट और 82 वनडे मैचों में 147 विकेट लिए थे। इसके आलावा उन्होंने 20 टी-20 मैचों में 25 विकेट लिये थे। डेल स्टेन(दक्षिण अफ्रीका) निडर, डरावने, आक्रामक, भावनात्मक जैसे विश्लेषण डेल स्टेन के तूफ़ान को बयान कर सकते हैं। वह इस युग के ऐसे गेंदबाज़ हैं, जो अच्छी स्पीड में गेंदबाज़ी तो कर ही सकते हैं साथ ही वह गेंद को दोनों तरफ स्विंग भी कराते हैं। उनकी सबसे तेज 155.7 km/h गेंद न्यूज़ीलैंड के खिलाफ फेंका था। उन्होंने इसी क्षमता से टेस्ट में 400 विकेट लिए हैं। जब भी स्टेन अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपने चरम पर रहे हैं, उनकी गेंदों से आग निकली है। वह दक्षिण अफ्रीका के ऐसे गेंदबाज़ हैं, जिन्होंने सबसे जल्दी 100 विकेट लिए हैं। जिन्होंने दुनिया के सभी बल्लेबाजों पर अपना कहर बरपाया है। साल 2008 में स्टेन को आईसीसी रैंकिंग में नम्बर एक टेस्ट प्लेयर का इनाम भी मिला था। उन्होंने तब साल भर में 14 टेस्ट मैचों में 86 विकेट लिए थे। स्टेन भी लगातार चोट का शिकार होते रहे हैं। जिससे उनकी तेजी और फॉर्म पर असर पड़ा है। हालांकि आशा है कि वह बहुत जल्द अपने पुराने रंग में नजर आएंगे। स्टेन ने 82 टेस्ट मैचों में 402 विकेट और वनडे में 112 मैचों में 175 विकेट लिए हैं। इसके आलावा उन्होंने 42 टी-20 में 58 विकेट लिए हैं। लेखक- भावेश भिमानी, अनुवादक- विजय शर्मा