हम यहां आसानी से ये बात कह सकते हैं कि अख्तर ने इस खेल पर काफी प्रभाव छोड़ा है। जब वह लम्बे गेंदबाज़ी रनअप से दौड़ते थे, उनके हवा में लहराते हुए बाल जबर्दस्त लगते थे। शोएब अख्तर ऐसे तेज गेंदबाज़ थे, जो अपनी तेजी और लेट स्विंग से बल्लेबाजों से निपटना अच्छी तरह से जानते थे। शोएब अख्तर तब लाइमलाइट में आये थे, जब उन्होंने 1999 में कोलकाता टेस्ट मैच में भारत के बल्लेबाज़ी दिग्गज राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर को रिवर्स स्विंग यॉर्कर से बोल्ड कर दिया था। उसके बाद शोएब को दुनिया का सबसे खतरनाक गेंदबाज़ माना जाने लगा। वह लगातार 150 से अधिक की स्पीड से गेंद फेंकते रहे। उन्होंने क्रिकेट इतिहास की सबसे तेज 161.3 किमी/घंटे की रफ्तार वाली गेंद साल 2003 में फेंका था। ये वह समय था जब शोएब अख्तर बतौर गेंदबाज़ अपने चरम पर थे। हालाँकि वह विवाद और चोट की वजह इस लय को बरकरार नहीं रख पाए और उनका करियर इससे काफी प्रभावित हुआ। शोएब ने 46 टेस्ट मैच खेले थे जिसमें उन्हें 178 विकेट मिले थे। साथ ही उन्होंने 163 मैचों में से 247 विकेट लिए थे। उनका करियर इस तरह खत्म होना कहीं न कही एक सवाल छोड़ जाता है।