रिचर्ड हैडली के बाद शेन बांड न्यूज़ीलैंड के सबसे तेज गेंदबाज़ माने जाते थे। वह खतरनाक तेज गेंद तो फेंकते ही थे, साथ ही वह इनस्विंग कराने में माहिर थे। इसके आलावा उनकी पैरों में पड़ती यॉर्कर काफी खतरनाक हुआ करती थी। दुर्भाग्यवश बांड का करियर भी काफी छोटा रहा। उनका करियर चोटों से भरा रहा और एक बार तो उन्हें 2 साल तक चोट की वजह से बाहर रहना पड़ा था। इसी वजह से उनका करियर छोटा रहा। लेकिन जब ये कीवी अपने चरम पर होता था, तो उन्हें गेंदबाज़ी करते हुए देखना काफी अच्छा लगता था। साल 2003 के वर्ल्डकप में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 23 रन देकर 6 विकेट लिए थे। जहां वह पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन गेंदबाज़ के तौर पर उभरे थे। इसी विश्वकप में बांड ने अपनी सबसे तेज गेंद 156.4 km/h भारत के खिलाफ फेंकी थी। बांड ने 18 टेस्ट मैचों में 87 विकेट और 82 वनडे मैचों में 147 विकेट लिए थे। इसके आलावा उन्होंने 20 टी-20 मैचों में 25 विकेट लिये थे।