भारत (Indian Cricket Team) की तरफ से एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय में सबसे तेज़ अर्धशतक बनाने का रिकॉर्ड अजीत अगरकर के नाम है। क्या आप चौंक गए? 14 दिसम्बर, 2000 को अजीत अगरकर ने ज़िम्बाब्वे के खिलाफ राजकोट में 21 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया था और कपिल देव के 1983 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 22 गेंदों में बनाये गए अर्धशतक के रिकॉर्ड को तोड़ा था। यह रिकॉर्ड पिछले 22 साल से अगरकर के नाम है और इस कोई नहीं तोड़ पाया है।
भारत और ज़िम्बाब्वे के बीच राजकोट में पांच मैचों की एकदिवसीय सीरीज का आखिरी मैच चल रहा था और भारत पहले ही सीरीज में 3-1 की अजेय बढ़त बना चुकी थी। ज़िम्बाब्वे ने टॉस जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी के लिए बुलाया था। भारत की शुरुआत खराब रही और 42 के स्कोर तक सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और श्रीधरन श्रीराम आउट होकर वापस लौट चुके थे। 84 के स्कोर पर युवराज भी 29 रन बनाकर चलते बने। उसके बाद 27वें ओवर में वीरेंदर सहवाग 19 रन बनाकर आउट हुए और भारतीय पारी काफी संकट में दिख रही थी।
लेकिन यहाँ से हेमांग बदानी ने रीतिंदर सिंह सोढ़ी के साथ 102 रनों की साझेदारी की और भारत को 200 के पार पहुँचाया। बदानी 77 रन बनाकर आउट हुए और वहां पर किसी ने नहीं सोचा था कि भारत 300 के स्कोर तक पहुंचेगा। लेकिन अजीत अगरकर ने आते ही मैच को पूरी तरह से भारत की तरफ मोड़ दिया। उन्होंने बेहतरीन शॉट्स लगाये और 21 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा कर रिकॉर्ड बना दिया। उस पारी में अगरकर ने 25 गेंदों में चार छक्के और सात चौके की मदद से नाबाद 67 रन बनाये और भारत का स्कोर 301/6 तक पहुंचा दिया। रीतिंदर सिंह सोढ़ी ने भी 53 रनों की पारी खेली और दोनों के बीच 85 रनों की धुआंधार साझेदारी हुई।
लक्ष्य के जवाब में ज़िम्बाब्वे की टीम 48वें ओवर में 262 रन बनाकर ऑल आउट हो गई और भारत ने मैच 39 रनों से और सीरीज 4-1 से अपने नाम किया। अगरकर ने गेंदबाजी में भी कमाल का प्रदर्शन किया और सिर्फ 26 रन देकर तीन विकेट लिए। उन्हें मैन ऑफ़ द मैच चुना गया।
उसके बाद से वीरेंदर सहवाग, युवराज सिंह और राहुल द्रविड़ ने 22 गेंदों में अर्धशतक बनाया लेकिन कोई भी अगरकर के रिकॉर्ड को तोड़ नहीं पाया। अब देखना है कि और कब तक ये अनोखा रिकॉर्ड अगरकर के नाम रहता है। गौरतलब है कि एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय में सबसे तेज़ अर्धशतक का रिकॉर्ड एबी डीविलियर्स (16 गेंद vs वेस्टइंडीज) के नाम है।
(Video Courtesy - www.indiancricketfans.com)