भारत (India Cricket team) के पूर्व खिलाड़ी उन्मुक्त चंद (Unmukt Chand) ने देश में क्रिकेट से संन्यास लिया और अमेरिका (USA) में अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के सपने को साकार करने गए। इस दौरान उन्होंने बिग बैश लीग (BBL) में मेलबर्न रेनेगेड्स (Melbourne Renegades) से करार किया, जहां उन्हें पूरे सीजन में खेलने का मौका नहीं मिला। उन्मुक्त चंद ने ऐसे में अपनी बीबीएल टीम पर तंज कसा है।
2012 में ऑस्ट्रेलिया में खेले गए विश्व कप में भारतीय अंडर-19 टीम को चैंपियन बनाने वाले उन्मुक्त चंद घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में कम मौके मिलने के कारण निराश हुए और उन्होंने अमेरिका जाकर खेलने का फैसला किया। वहां से वो इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने के लिए अपना दम झोंक रहे हैं।
हालांकि, उन्मुक्त चंद ने इतिहास रचा जब वह बीबीएल से करार करने वाले भारत के पहले पुरुष खिलाड़ी बने। चंद ने मेलबर्न रेनेगेड्स के साथ करार किया था।
उन्मुक्त चंद ने जब करार किया था तब कहा था, 'मुझे बीबीएल देखना पसंद है और दुनियाभर के क्रिकेटर्स इसमें खेलने आते हैं। यह शानदार मंच है और मैं हमेशा से यहां खेलना चाहता था। आने वाले सालों में मेरा ध्यान अपना नाम बनाने पर है और उम्मीद है कि जिस टीम के लिए खेलूं, उसे चैंपियनशिप खिताब दिलाने में मदद कर सकूं।'
उन्मुक्त के डेब्यू का इंतजार बरकरार
उन्होंने साथ ही कहा था, 'मुझे हमेशा से ऑस्ट्रेलिय में खेलना पसंद है। मैं पहले मेलबर्न में नहीं रहा हूं। मुझे पता है कि मेलबर्न में काफी भारतीय रहते हैं। तो यह अच्छा होगा। मुझे उम्मीद है कि लोग यहां आकर मैच देखेंगे।'
हालांकि, उन्मुक्त चंद को रेनेगेड्स की तरफ से अब तक डेब्यू का मौका नहीं मिला जबकि टीम ने 11 में से सात मैच गवाएं हैं। मौजूदा बीबीएल लीग में कई कोविड-19 मामले सामने आए हैं, जिसके कारण फ्रेंचाइजी विभिन्न खिलाड़ियों की सेवाएं ले रही है।
इससे निराश उन्मुक्त चंद ने मेलबर्न रेनेगेड्स पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, 'छुट्टियों जैसा ज्यादा महसूस हुआ। धन्यवाद मेलबर्न।'
इस बीच अमेरिका में 28 साल के चंद ने अपने करियर की शुरूआत माइनर लीग में खेलकर की, जहां उन्होंने अपनी टीम सिलिकॉन वेली का खिताब दिलाया। वैसे 2010 में डेब्यू करने वाले उन्मुक्त चंद ने अब तक 77 टी20 खेले, जिसमें 22.35 की औसत और 116.09 के स्ट्राइक रेट से 1565 रन बनाए हैं।