पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) और श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड (SLC) एशिया कप 2023 के हाइब्रिड मॉडल के कारण आए खर्च को लेकर एक दूसरे से भिड़ गए हैं। पिछले साल हुए इस टूर्नामेंट को स्थानांतरित करने के कारण तीन से चार मिलियन डॉलर यानी तकरीबन 25 से 33 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आया था। अब इस खर्च को भरने के लिए पीसीबी और श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के बीच जंग छिड़ी हुई है।
पिछले सप्ताह बाली में हुई एशियाई क्रिकेट परिषद की मीटिंग के दौरान श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड ने स्पष्ट करते हुए कहा था कि वह इस खर्च का वहन नहीं करेंगे, क्योंकि इस टूर्नामेंट के आयोजन से अतिरिक्त कमाई नहीं हुई है और वह टूर्नामेंट का आधिकारिक मेजबान भी नहीं था। इस टूर्नामेंट के आयोजन का खर्च बढ़ने का एक कारण पीसीबी के पूर्व अध्यक्ष जका अशरफ भी रहे, जिन्होंने पहले मैच को लाहौर की जगह मुल्तान में कराया था।
इस मामले में जहां एसएलसी ने खर्च वहन करने से मना कर दिया है तो दूसरी ओर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड अतिरिक्त खर्च के भुगतान के लिए एसीसी पर दवाब बना रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान से मेजबानी अधिकार वापस लेने और इसे दूसरे देश में आयोजन कराने का निर्णय एसीसी ने लिया था।
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए एक सूत्र ने बताया कि एसीसी प्रमुख जय शाह ने पूरे टूर्नामेंट को श्रीलंका में स्थानांतरित करने का फैसला किया था लेकिन पीसीबी चार मैचों की मेजबानी अपने देश में करना चाहता था।
सूत्र ने आगे बताया कि जय शाह ने पीसीबी के कार्यवाहक अध्यक्ष खावर शाह और सीईओ सलमान नसीर को समाझाया कि पाकिस्तान इस टूर्नामेंट का मेजबान बना रहा और श्रीलंका के आयोजन स्थल और सुविधाओं का उपयोग किया , इसलिए एसएलसी का बकाया पैसा पीसीबी द्वारा चुकाया जाना चाहिए।
एसएलसी अध्यक्ष शमी सिल्वा ने एसीसी के सामने चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि पीसीबी ने अभी भी होटल में ठहरने और चार्टर्ड उड़ानों के बिल का भुगतान नहीं किया है। इस पर जय शाह ने सिल्वा को सीधे पीसीबी से निपटने की सलाह दी है। पीसीबी सीईओ सलमान नसीर ने श्रीलंका बोर्ड के अध्यक्ष शमी सिल्वा को आश्वासन दिया है कि होटल में ठहरने और स्थल किराए से संबंधित कुछ बिल सत्यापन की प्रक्रिया में हैं और पीसीबी द्वारा जल्द ही मंजूरी दे दी जाएगी।