वेस्टइंडीज के खिलाफ हाल ही में खेली गई दो टेस्ट मैचों की सीरीज को टीम इंडिया ने 2-0 से जीत लिया। इस सीरीज में भारतीय टीम के नए खिलाड़ी पृथ्वी शॉ को प्लेयर ऑफ द सीरीज के रूप में चुना गया। अपने करियर की शानदार शुरुआत करते हुए पृथ्वी शॉ ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट की पहले पारी में ही शतक ठोक डाला। पृथ्वी शॉ ने डेब्यू मैच में ही शतकीय पारी खेली तो दूसरे टेस्ट मैच में उन्होंने अर्धशतक लगाया। पृथ्वी शॉ काफी समय से सुर्खियों में बने हुए थे और आखिरकार उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ मौका मिला और इस मौका का उन्होंने बखूबी फायदा भी उठाया। पृथ्वी शॉ अंडर 19 विश्व कप टीम के कप्तान भी रहे हैं और उन्होंने अपनी कप्तानी में भारतीय अंडर 19 क्रिकेट टीम को खिताबी भिड़ंत में भी जीत दिलाई थी।
हालांकि क्रिकेट के खेल में ऐसे कई खिलाड़ी देखे गए हैं जिन्होंने पृथ्वी शॉ की तरह करियर का आगाज तो बेहतरीन तरीके से किया लेकिन बाद में वे खिलाड़ी फीके पड़ गए। आइए जानते हैं ऐसे ही पांच खिलाड़ियों के बारे में जिन्होंने अपने डेब्यू टेस्ट मैच में शतक से शुरुआत की लेकिन बाद में उनका असर कम होता गया और एक समय के बाद उनका क्रिकेट करियर भी खत्म हो गया।
#5 हामिश रदरफोर्ड
न्यूजीलैंड के हामिश रदरफोर्ड ने भी अपने करियर की शानदार शुरुआत की थी। साल 2013 में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 171 रनों के साथ डेब्यू किया था। हालांकि रदरफोर्ड का जलवा ज्यादा वक्त तक देखने को नहीं मिला और 15 टेस्ट के बाद ही वो टीम से नदारद हो गए।
इस दौरान उन्होंने बस एक और अर्धशतक लगाया। रदरफोर्ड साल 2008 में न्यूजीलैंड की अंडर 19 विश्व कप टीम का हिस्सा था। इसी वक्त विराट कोहली अंडर 19 भारतीय टीम के कप्तान थे।
#4 कर्क एडवर्ड्स
वेस्टइंडीज के कर्क एडवर्ड्स ने भी अपने करियर का शानदार आगाज किया था। भारत के खिलाफ साल 2011 में डेब्यू करने के साथ ही उसी में किर्क एडवर्ड्स ने शतकीय पारी को अंजाम दिया था। भारतीय क्रिकेट टीम की तरफ से हरभजन सिंह, प्रवीण कुमार, ईशांत शर्मा और मुनाफ पटेल की शानदार गेंदों का सामना करते हुए कर्क एडवर्ड्स ने ये कारनामा कर दिखाया था। एडवर्ड्स ने तीसरे टेस्ट की दूसरी पारी में शतक बनाया था। वहीं उन्हें इस मैच में शिवनारायण चंद्रपॉल का भी खूब साथ मिला, जिन्होंने खुद शतकीय पारी को अंजाम दिया।
हालांकि कर्क एडवर्ड्स ये फॉर्म ज्यादा समय तक बनाकर नहीं रख सके। इसके बाद किर्क एडवर्ड्स संघर्ष करते हुए दिखाई दिए। अगले 16 मैचों में उन्होंने 1 और शतक लगाया और इसके अलावा 8 अर्धशतक लगाए। वहीं साल 2014 के बाद से कर्क एडवर्ड्स ने वेस्टइंडीज के लिए कोई भी मुकाबला नहीं खेला है।
#3 फवाद आलम
पाकिस्तान क्रिकेट टीम में भी कई शानदार खिलाड़ी देखने को मिले हैं। गेंदबाज से लेकर बल्लेबाज तक पाकिस्तान क्रिकेट टीम में कई बेहतरीन खिलाड़ियों ने विश्व क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ने का काम किया है। हालांकि समय के साथ कई खिलाड़ी चमके भी लेकिन जल्द ही उनकी चमक भी फीकी पड़ गई।
पाकिस्तान के फवाद आलम ने भी अपने करियर की एक शानदार शुरुआत की थी। पाकिस्तान अंडर 19 क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले फवाद आलम ने साल 2009 में डेब्यू किया था और डेब्यू मैच में ही उन्होंने शतक लगा दिया। उन्होंने अपना डेब्यू मैच श्रीलंका के खिलाफ खेला था। उस दौरान श्रीलंका की गेंदबाजी काफी घातक थी। हालांकि आश्चर्य की बात ये है कि इस टेस्ट के बाद उन्होंने महज दो टेस्ट मुकाबले और खेले। हालांकि उन्होंने साल 2009 के बाद से पाकिस्तान के खिलाफ कोई टेस्ट मुकाबला नहीं खेला और उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ साल 2015 में आखिरी एकदिवसीय मुकाबला खेला।
# 2 प्रवीण अामरे
यह काफी दुर्लभ बात है कि अपने डेब्यू मैच में एक भारतीय बल्लेबाज उपमहाद्वीप के बाहर सफल होता है। कई लोग सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ को साल 1996 में इंग्लैंड में खेली गई उनकी पारी को याद करते हैं। ऐसे में लोग भारतीय क्रिकेटर प्रवीण अामरे को बहुत ही कम जानते हैं, जिन्होंने अपने डेब्यू मुकाबले में भारत से बाहर शतकीय पारी को अंजाम दिया था। प्रवीण अामरे ने 6 नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए साउथ अफ्रीका के खिलाफ अपने डेब्यू मुकाबले में तब शतकीय पारी को अंजाम दिया था जब भारतीय क्रिकेट टीम का स्कोर 38-4 था।
सचिन तेंदुलकर के कोच रमाकांत आचरेकर ने एक बार दावा किया था कि अामरे मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर की तुलना में बेहतर बल्लेबाज होंगे लेकिन ऐसा हो नहीं सका। अामरे का अंतर्राष्ट्रीय करियर कभी भी उड़ान नहीं भर सका। उनका करियर कुछ खास नहीं रहा और फिलहाल वो भारत के कुछ टॉप बल्लेबाजों को प्रशिक्षिण और सलाह देते हैं।
#1 स्टियान वैन जिल
स्टियान वैन जिल दक्षिण अफ्रीका के प्रतिभाशाली क्रिकेटर की खोज के तौर पर जाने जाते हैं। एक समय पर स्टियान वैन जिल को साउथ अफ्रीका के भविष्य के खिलाड़ी के तौर पर देखे जाते थे। साल 2017 में ससेक्स में शामिल होने से पहले उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के लिए 12 टेस्ट खेले, लेकिन 2014 में सेंचुरियन में वेस्टइंडीज के खिलाफ उनकी नाबाद शतकीय के पारी के कारण जाना जाता है। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगा दिया था और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपने पहले मैच से ही वो अपने तेवर दिखा चुके थे।
हालांकि उनके तेवर तब तक ठंड़े पड़ चुके थे जब उन्होंने 11 टेस्ट मुकाबलों में एक भी अर्धशतकीय पारी भी नहीं खेली। 2016 में उन्होंने अपने करियर का 12 और आखिरी टेस्ट मुकाबला खेला। इसके बाद उन्होंने इंग्लिश काउंटी क्रिकेट खेलने का फैसला किया। लेकिन अगर दक्षिण अफ्रीका उन पर थोड़ा ध्यान देती तो वह दक्षिण अफ्रीका के जैक कैलिस और ग्रीम स्मिथ के जगह की भरपाई कर सकते थे।