रणजी ट्रॉफ़ी 2017-18: 5 बल्लेबाज़ जो अपने प्रदर्शन से दे रहे हैं टीम इंडिया में दस्तक

FEATUrE

रणजी ट्रॉफी 2017-18 के ग्रुप स्टेज के मैच खत्म हो चुके हैं। ज्यादातर टीमों को अंतिम दिन तक नॉक-आउट में जगह बनाने के लिए जूझना पड़ा। विदर्भ, केरल और मध्यप्रदेश जैसी छुपे रुस्तम टीमें अभी तक शानदार खेल का प्रदर्शन कर रही हैं। ये टीमें ग्रुप मैचों में अपने खिलाड़ियों के जोरदार प्रदर्शन के बदौलत अब क्वार्टर फाइनल में अपना स्थान बना चुकी हैं। वहीं ट्रॉफी जीतने की मजबूत दावेदार मुम्बई और गुजरात जैसी टीमों को नॉक-आउट में जगह बनाने के लिये अंतिम दिन तक जूझना पड़ा।

इस टूर्नामेंट में बल्लेबाजों ने अभी तक बल्लेबाजी के लिए मददगार पिच का फायदा उठाते हुए काफी रन बनाए हैं और इसी वजह से अभी तक इस टूर्नामेंट में 3 तिहरे शतक और 9 दोहरे शतक बन चुके हैं। इस सूची को हमने बल्लेबाज की निरंतरता, रन, औसत, मैच जिताऊ प्रदर्शन जैसे मापदंडों को ध्यान के रखकर तैयार किया है।

मनीष पांडे (कर्नाटक), सिद्धेश लड (मुम्बई), संजू सैमसन (केरल), रविकुमार समर्थ (कर्नाटक), प्रियंक पंचल (गुजरात) ये सभी उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने शानदार प्रदर्शन किया है फिर भी इस सूची में जगह बनाने से चूक गए हैं।

आईये अब आपको रणजी ट्रॉफी 2017-18 के लीग मैचों के 5 सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों के बारे में बताते हैं:

#5 संजय रामास्वामी (विदर्भ)

संजय रामास्वामी विदर्भ क्रिकेट में बिल्कुल अनजान नाम है लेकिन उन्होंने इस रणजी ट्रॉफी सत्र में शानदार खेल दिखाया है। 22 वर्षीय इस दाएं हाथ के बल्लेबाज ने अभी तक 8 पारियों में 95.00 की औसत से 665 रन बनाए हैं। उन्होंने अभी तक खेले इस सत्र के 6 रणजी मैचों में 3 शतक और 2 अर्धशतक जमाये हैं।

वाराणसी में जन्मे इस बल्लेबाज ने पहले ही मैच में पंजाब के खिलाफ मोहली में 161 रन बनाकर टूर्नामेंट की शुरुआत शानदार तरीके से की थी। छत्तीसगढ़ और सेना के खिलाफ साधारण प्रदर्शन के बाद उन्होंने फिर शतकीय पारी खेली। उन्होंने अपना तीसरा शतक हिमाचल प्रदेश के खिलाफ अंतिम लीग मैच में लगाया। शीर्ष क्रम में उनके निरन्तर प्रदर्शन की बदौलत ही विदर्भ बिना कोई मैच गंवाये क्वार्टर फाइनल में पहुंच चुका है।

संजय अपने कोच चंद्रकांत पंडित के मार्गदर्शन में लगातार एक बेहतर क्रिकेटर बनते जा रहे हैं। क्या वह नॉकआउट में भी अपना शानदार प्रदर्शन जारी रख, भारतीय चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर पाएंगे ?

#4 फैज़ फ़जल (विदर्भ)

FAIZ FAZAL

फैज़ फ़ज़ल इस सूची में शामिल होने वाले विदर्भ के दूसरे बल्लेबाज हैं। संजय और फ़ैज की सलामी जोड़ी आपस में मिलकर 8 पारियों में 7 शतक बना चुकी हैं और दोनों विपक्षी टीम के लिए सबसे बड़ा खतरा रहते हैं। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 101.42 की जबरदस्त औसत से 710 रन बनाए हैं, जिसमें 4 शतकीय पारियां शामिल है।

32 वर्षीय इस बल्लेबाज ने पिछले 3 सालों से रणजी ट्रॉफी में निरन्तर अच्छी बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया है और इसी वजह से उन्हें पिछले साल भारत की तरफ से एकदिवसीय मैच खेलने का मौका मिला था। अपने खेले एकमात्र मैच में उन्होंने अर्धशतकीय पारी भी खेली थी।

फ़ैजल के लिए टूर्नामेंट की शुरुआत कुछ खास नहीं रही थी और उन्होंने पहले मैच में पंजाब के खिलाफ मात्र 21 रन बनाए थे लेकिन उसके बाद उन्होंने अगले 3 मैचों में छत्तीसगढ़, सेना और बंगाल के खिलाफ क्रमशः 125, 136 और 142 रनों की पारियां खेली।

उनके बाद अंतिम लीग मैच में भी फ़जल ने हिमाचल प्रदेश के खिलाफ दोहरा शतक बनाया और चयनकर्ताओं के सामने अपना मजबूत दावा पेश कर दिया है।

#3 हनुमा विहारी (आंध्र प्रदेश)

HANUMAN VIHARI

हनुमा विहारी के लिए यह अब तक का सबसे सफल घरेलू सत्र रहा है। उन्होंने 94.00 के औसत से 752 रन बनाए हैं जिसमें नाबाद तिहरा शतक भी शामिल है और वह सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों में दूसरे स्थान पर हैं।

इस 24 वर्षीय बल्लेबाज के लिए सत्र की शुरुआत कुछ खास नहीं रही और चेन्नई में हुए तमिलनाडु के खिलाफ मैच की दोनों पारियों को मिलाकर सिर्फ 16 रन ही बना पाएं। लेकिन आगे के मैचों में उन्होंने फॉर्म हासिल कर लिया।

बड़ोदरा के खिलाफ हुए मैच में 150 रन बनाकर उन्होंने आंध्र प्रदेश को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। उसके बाद उन्होंने ओड़िसा के खिलाफ 456 गेंदों में 302 रनों की नाबाद पारी खेली और टीम के स्कोर का 52% रन उनके बल्ले से ही निकला। इसके बाद भी विहारी ने अपना शानदार फॉर्म जारी रखा और अगले 3 मैचों में 3 अर्धशतकीय पारियां खेली।

गेंदबाजी में भी विहारी ने अपने हाथ दिखाए और 3 विकेट भी हासिल किए।

#2 अनमोलप्रीत सिंह (पंजाब)

ANMOL PREET

अनमोलप्रीत सिंह ने पंजाब के लिए इस सीजन में शानदार प्रदर्शन किया है। 19 वर्षीय इस बल्लेबाज ने अपनी 7 पारियों में 753 रन बनाए हैं जिसमें तीन बड़े शतक और एक अर्धशतक शामिल हैं। उन्होंने दो शतकों को दोहरे में तब्दील बड़ी पारियां खेलने की काबिलियत भी दर्शा दी है। और उनका औसत भी 125.50 का रहा है, इन आंकड़ों को जो बात और भी खास बनाती है वह ये है कि यह उनका पहला सीजन ही है।

अपने पहले मैच में अर्धशतक बनाने के बावजूद, विदर्भ के खिलाफ हुए दूसरे मैच की एकादश में उन्हें जगह नहीं मिली। हिमाचल प्रदेश के खिलाफ सीके नायडु ट्रॉफी में एक शानदार दोहरा शतक लगाकर उन्होंने टीम में फिर से अपनी जगह बना ली।

टीम में वापस आने के बाद उन्होंने गोवा के खिलाफ शतकीय पारी खेली और फिर छत्तीसगढ़ के खिलाफ दोहरा शतक ठोक दिया। करियर की शुरुआत कमाल रही और उन्हें बोर्ड प्रेसिडेंट इलेवन में जगह भी मिली। हालांकि उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला पर वह टीम का हिस्सा थे। इससे यह साफ हो जाता है कि चयनकर्ताओं को इस बल्लेबाज पर काफी भरोसा है।

सेना के खिलाफ अनमोलप्रीत ने एक और शतक बनाया। टूर्नामेंट में तीसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज होने के बावजूद वह पंजाब को नॉकआउट्स में नहीं पहुंचा पाएं। फिर भी, इस युवा के लिए ये एक सनसनीखेज शुरुआत है।

#1 मयंक अग्रवाल (कर्नाटक)

MAYANK

मयंक अग्रवाल ने इस रणजी ट्रॉफी सीजन में हर किसी का ध्यान अपनी तरफ़ आकर्षित किया है। उन्होंने 133.00 के अविश्वसनीय औसत से 6 मैचों में 1064 रन बनाए हैं और वह इस सत्र के रणजी ट्रॉफी के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भी हैं।

अग्रवाल ने इस साल रणजी ट्रॉफी में 5 शतक भी जमाए हैं, जिसमें एक तिहरा शतक भी शामिल है। उनकी इसी फॉर्म की वजह से कर्नाटक की टीम ने आसानी से नॉक-आउट में अपनी जगह पक्की कर ली।

इस 26 वर्षीय दाएं हाथ के बल्लेबाज के लिए टूर्नामेंट की शुरुआत निराशजनक रही थी और उन्होंने अपने पहले दो मैचों में 31, 0 और 0 का स्कोर बनाया था। जिसके कारण टीम में उनकी जगह पर सवाल खड़ा हो रहा था। उसके बाद उन्होंने महराष्ट्र के खिलाफ तिहरा शतक बनाया और उनकी इस पारी की बदौलत कर्नाटक ने महाराष्ट्र पर एक पारी और 136 रन से जीत हासिल की।

उस पारी के दौरान मयंक 727 मिनट तक पिच पर रहे और 494 गेंदों का सामना किया। उसके बाद अगली 6 पारियों में उन्होंने 4 शतकीय और एक 90 रनों की पारी खेली।

उनके इस खेल को देखकर लगता है कि उन्हें जल्द ही भारतीय टीम में शामिल कर लिया जायेगा।

लेखक- दीबक मोहन अनुवादक- ऋषिकेश सिंह

Edited by Staff Editor
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