विश्वकप 1983 के फाइनल मैच में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए बेहद निराशाजनक प्रदर्शन किया। लेकिन गेंदबाजों ने भारत को मैच में बनाये रखा। मैच संतुलित था, लेकिन मैदान पर जैसे ही विस्फोटक बल्लेबाज़ विवियन रिचर्ड्स पहुंचे उन्होंने ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी करते हुए 28 गेंदों में 33 रन बनाये और भारत मैच से तकरीबन बाहर हो गया। लेकिन कपिल देव ने कमाल कर दिया, मदन लाल ने रिचर्ड्स को एक शार्ट गेंद फेंकी जिसे वह सही से पढ़ नहीं पाए और गेंद खाली मिड विकेट क्षेत्र में हवा लहरा गयी। मैच में भारत का दिन था और कपिल देव ने लम्बी दौड़ लगाकर इस अहम कैच को पकड़ लिया। भारतीय कप्तान ने तकरीबन 20 मीटर की दौड़ लगाते हुए इस कैच को अंजाम दिया। ये कैच आश्चर्यजनक था, जिसे कपिल देव ने बेहतरीन सूझ-बूझ से पकड़ा और भारत की मैच में वापसी करा दिया। बाद में रिचर्ड्स ने कहा कि उन्हें नहीं पता की कपिल देव कहां थे। लेकिन जब उन्होंने कैच पकड़ लिया तो मैंने मान लिया कि मेरा समय समाप्त हुआ। उनके आउट होने के बाद वेस्टइंडीज बल्लेबाजों इ आउट होने की होड़ मच गयी और भारत मुकाबला जीत गया।