#2 भुवी, बुमराह और पांड्या पर दबाव रहेगा बरक़रार
टीम इंडिया के लिए क्रिकेट के तीनों फ़ॉर्मेट में कुछ ही खिलाड़ी हैं जो निरंतर अपना सर्वश्रेष्ठ देते हैं, इनमें विराट कोहली के अलावा जो तीन बड़े नाम हैं वह हैं तेज़ गेंदबाज़ भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह और ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या। टीम मैनेजमेंट ने इन खिलाड़ियों पर से वर्क लोड कम करने की कोशिश की थी। यही वजह थी कि ट्राई सीरीज़ में शार्दुल ठाकुर, मोहम्मद सिराज और जयदेव उनादकट पर जहां तेज़ गेंदबाज़ी का दायित्व था तो ऑलराउंडर की भूमिका में विजय शंकर थे। शार्दुल ठाकुर और जयदेव उनादकट ने कुछ हद तक तो इस ज़िम्मेदारी को निभाने की कोशिश की लेकिन निरंतरता में निराश किया। भुवी और बुमराह डेथ ओवर में जिस तरह कमाल की गेंदबाज़ी करते हैं, उनके तो आस पास भी ये गेंदबाज़ नहीं पहुंच पाए। मोहम्मद सिराज ने तो रन लुटवाने का विश्व कीर्तिमान ही बना डाला, तो पांड्या की जगह खेल रहे ऑलराउंडर विजय शंकर गेंदबाज़ी में तो कमी पूरी करने का प्रयास करते दिखाई दिए। लेकिन जब बल्लेबाज़ी का मौक़ा मिला तो उन्होंने क़रीब क़रीब भारत को मैच से दूर ही कर दिया था, यानी इस टूर्नामेंट ने ये साफ़ कर दिया कि भुवी, बुमराह और पांड्या का बोझ अभी कम होता नहीं दिख रहा।