दक्षिण अफ़्रीका के तेज़ गेंदबाज़ वर्नर फ़िलैंडर के घातक प्रदर्शन की बदौलत मेज़बान टीम ने जोहांसबर्ग टेस्ट जीतकर ऑस्ट्रेलिया को रिकॉर्ड 492 रनों से शिकस्त दी। इस जीत के साथ ही दक्षिण अफ़्रीका ने अपने घर में 1970 के बाद पहली बार ऑस्ट्रेलिया पर टेस्ट सीरीज़ जीत दर्ज की है। 1992 में विश्व क्रिकेट में वापसी के बाद दक्षिण अफ़्रीका की अपने घर में कंगारुओं पर ये पहली टेस्ट सीरीज़ जीत है। रनों के लिहाज़ से टेस्ट क्रिकेट इतिहास में दक्षिण अफ़्रीका की ये सबसे बड़ी जीत है, और विश्व क्रिकेट में ये अब तक की सबसे बड़ी चौथी हार के रूप में भी दर्ज हो गई है। एक नज़र डालते हैं विश्व क्रिकेट इतिहास में रनों के लिहाज़ से अब तक की 5 बड़ी टेस्ट हार पर।
#5 ऑस्ट्रेलिया vs पाकिस्तान, 491 रन, पर्थ 2004
16 दिसंबर 2004 को पर्थ में ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच खेले गए इस टेस्ट मैच में पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने का फ़ैसला किया था। तेज़ और उछाल भरी पिच पर शोएब अख़्तर (5/99) ने कप्तान इंज़माम उल हक़ के फ़ैसले को सही भी साबित किया था जब उनकी रफ़्तार के सामने कंगारुओं की आधी टीम 78 रनों पर पैवेलियन लौट गई थी। लेकिन जस्टिन लैंगर ने लाजवाब 191 रनों की पारी खेलते हुए ऑस्ट्रेलिया को 381 रनों तक पहुंचा दिया था। जवाब में माइकल कैस्प्रोविच (5/30) ने पाकिस्तानी टीम को 179 रनों पर ही ऑलआउट कर दिया था, हालांकि ऑस्ट्रेलिया ने फ़ॉलोऑन नहीं दिया और दूसरी पारी 361/5 रनों पर घोषित कर दी। इस पारी में भी जस्टिन लैंगर ने 97 रन बनाए,जबकि डेमियन मार्टिन 100 रनों पर नाबाद रहे। पाकिस्तान के सामने 564 रनों का पहाड़ जैसा लक्ष्य था, इस लक्ष्य का दवाब और ग्लेन मैक्ग्रॉ (8/24) की क़हर बरपाती गेंदबाज़ी के सामने पूरी टीम 72 रनों पर ढेर हो गई और ऑस्ट्रेलिया ने 491 रनों से मैच अपने नाम कर लिया।
#4 दक्षिण अफ़्रीका vs ऑस्ट्रेलिया, 482 रन, जोहांसबर्ग 2018
बॉल टैंपरिंग विवाद के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम से स्टीव स्मिथ, डेविड वॉर्नर और कैमरन बैनक्रॉफ़्ट को बैन कर दिया गया था। 4 मैचों की सीरीज़ में 1-2 से पीछे चल रही ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के जोहांसबर्ग में 30 मार्च 2018 से खेला जाने वाला ये टेस्ट बेहद अहम था। लेकिन बड़े खिलाड़ियों की ग़ैर मौजूदगी का असर ऑस्ट्रेलिया पर साफ़ दिखा, नतीजा ये हुआ कि पहली पारी में मेज़बान टीम के 488 रनो के जवाब में कंगारू 221 रनों पर ही ढेर हो गए। दूसरी पारी में भी प्रोटियाज़ बल्लेबाज़ों ने रनों का अंबार लगाते हुए 344/6 पर पारी घोषित की और ऑस्ट्रेलिया के सामने 612 रनों का नमुमकिन सा लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ वर्नन फ़िलैंडर (6/21) की स्विंग के सामने नतमस्तक हो गए और पूरी टीम 119 रनों पर ही ढेर हो गई। इस तरह से ऑस्ट्रेलिया ने ये मुक़ाबला 492 रनों के बड़े अंतर से गंवा दिया।
#3 ऑस्ट्रेलिया vs दक्षिण अफ़्रीका, 530 रन, मेलबर्न 1911
इस फ़ेहरिस्त में एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया शामिल है लेकिन इस बार उन्होंने हार झेली नहीं है बल्कि 530 रनों से दक्षिण अफ़्रीका को हराया है। ये मुक़ाबला 17 फ़रवरी 1911 को मेलबर्न में खेला गया था, जहां पहले बल्लेबाज़ी करते हुए ऑस्ट्रेलिया 328 रन बनाए थे और जवाब में प्रोटियाज़ ने 205 रन बनाए। दूसरी पारी में कंगारुओं ने कमाल की बल्लेबाज़ी करते हुए स्कोर बोर्ड पर 578 रन बना डाले और इस तरह से दक्षिण अफ़्रीका के सामने जीत के लिए 702 रनों का लक्ष्य मिला। जिसके जवाब में प्रोटियाज़ टीम 171 रनों पर ही ढेर हो गई।
#2 ऑस्ट्रेलिया vs इंग्लैंड, 562 रन, लंदन 1934
18 अगस्त 1934 को लंदन में खेले गए इस टाइमलेस टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ पहली पारी में बिल पॉन्सफ़ोर्ड (266) और डॉन ब्रैडमैन (244) के दोहरे शतकों के दम पर 701 रन बनाए थे। जिसके जवाब में इंग्लिश टीम 321 रनों पर ही ढेर हो गई थी, दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 327 रन बनाए और इस तरह इंग्लैंड के सामने जीत के लिए 708 रनों का लक्ष्य रखा था। जिसके जवाब में इंग्लिश टीम 145 रनों पर ही ढेर हो गई और ऑस्ट्रेलिया को 562 रनों के विशाल अंतर से जीत मिल गई।
#1 इंग्लैंड vs ऑस्ट्रेलिया, 675 रन, ब्रिसबेन 1928
टेस्ट क्रिकेट इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी हार ऑस्ट्रेलिया के नाम है, अपने ही घर में कंगारुओं को 675 रनों से इंग्लैंड से हार मिली थी। ये एक और टाइमलेस टेस्ट मैच था जो 30 नवंबर 1928 को शुरू हुआ था, इस मैच में इंग्लिश टीम ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 521 रन बनाए थे। जिसके जवाब में कंगारुओं की पूरी टीम 122 रनों पर ही ढेर हो गई थी। इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी 342/8 रनों पर घोषित करते हुए मेज़बानों के सामने जीत के लिए 742 रनों का लक्ष्य रखा था। पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम महज़ 66 रनों पर ही ढेर हो गई थी, इस मैच में डॉन ब्रैडमैन ने 18 और 1 रन बनाए थे। 675 रनों की ये हार आज भी रनों के लिहाज़ से टेस्ट इतिहास की सबसे बड़ी हार है।