इंटरनेशनल क्रिकेट में कोई बल्लेबाज़ आसानी से बोल्ड न हो तो, यह समझा जाता है कि उसकी तकनीक काफी अच्छी है। अगर हम बात करें मौजूदा बल्लेबाजों की तो, उसमें से सिर्फ 5 बल्लेबाज़ ऐसे है, जो अपने करियर में 10 प्रतिशत से कम बार बोल्ड आउट हुए हो। पूर्व भारतीय बल्लेबाज़ संजय मांजरेकर कभी अपने करियर में वो मुकाम हासिल नहीं कर पाए, जिसकी उनसे उम्मीद की जाती थी, लेकिन इस बात में कोई दूसरी राय नहीं है कि उनकी तकनीक बैटिंग के लिए बिल्कुल सटीक थी। मांजरेकर अपने करियर में 55 बार में से सिर्फ 4 बार ही बोल्ड आउट हुए। इस बीच उन्होंने 37 की औसत से 2043 टेस्ट रन बनाए। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सिर्फ एक ही बल्लेबाज़ ऐसे रहे है, जोकि अपने करियर में 5 प्रतिशत से कम बार बोल्ड हुए हो और वो ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ ग्रीम वुड, जोकि 106 पारियों में सिर्फ 5 बार ही बोल्ड हुए। वुड ने अपनी टीम को उस समय संभाला, जिस समय टीम के बाकी बल्लेबाज़ तेज़ गेंदबाजी के समय संघर्ष करते नज़र आ रहे थे और यह डटकर विपक्षी टीम का सामना कर रहे थे। आइये नज़र डालते है उन 5 बल्लेबाजों पर, जो बहुत कम बार बोल्ड होते है। 1- विराट कोहली ( 5 बार, 7.25%) एक कारण जोकि विराट कोहली को मौजूदा समय का सबसे सफल बल्लेबाज़ बनाता है, वो है कि उन्हें बोल्ड करना काफी मुश्किल है। जिन हालातों में बाकी बल्लेबाज़ को पता ही नहीं होता कि उनकी ऑफ स्टंप कहाँ, विराट उस समय में भी अपनी विकेट बचाए खड़े रहते है। कोहली ने अब तक 73 पारियों में बल्लेबाज़ी की हैं और उसमें 46.29 की औसत से 3194 रन बनाए है। इस बीच वो सिर्फ 5 बार बोल्ड हुए है। संजय मांजरेकर और टेटेंडा टाइबू ही इकलौते बल्लेबाज़ है, जिन्होंने 1000 से ज्यादा रन बनाए हुए हो और 5 बार से कम बोल्ड हुए हो। जो रूट जिन्हें कि विराट की तरह अच्छा टेस्ट बल्लेबाज़ माना जाता है, वो भी टेस्ट में 15 बार बोल्ड हुए है। 2- मिस्बाह उल हक़ (7 बार, 7.53%) 42 साल की उम्र के बावजूद मिस्बाह उल हक़ भी शानदार प्रदर्शन कर रहे है और निश्चित ही मौजूदा समय में वो टीम के सर्वशेष्ठ बल्लेबाज़ है। यह चीज पिछले कई सालों से देखी गई है कि एक छोर पर मिस्बाह खड़े हुए है और दूसरे छोर पर लगातार विकेट गिरते जा रहे हैं। मिस्बाह ने टेस्ट में अब तक 49 की औसत से 4,553 रन बनाए है, इस बीच मिस्बाह सिर्फ 7 बार ही बोल्ड हुए है। कई दूसरे बल्लेबाजों की तरह मिस्बाह भी 17 बार एक पारी से नाबाद लौटे। मिस्बाह और विराट कोहली, जोकि पाकिस्तान और भारत के कप्तान है, दोनों यह साबित किया है कि वो टेस्ट क्रिकेट में कितने अच्छे बल्लेबाज़ हैं और बाकी खिलाड़ियों से वो कितने आगे हैं। 3- डेविड वार्नर(8 बार, 8.89%) डेविड वार्नर को जब से ऑस्ट्रेलियन टीम की उप कप्तानी मिली है, तब से ही उनका बल्ले के साथ और मैदान के अंदर एक सीनियर प्लेयर के तौर पर प्रदर्शन सुधरा है। अब वो पहले की तरह ज्यादा फैन्सी शॉट्स नहीं खेलते। श्रीलंका के खिलाफ सीरीज से पहले वो आखिरी बार दिसंबर 2014 में बोल्ड हुए थे। तब उन्हें कर्ण शर्मा ने बोल्ड किया था। वार्नर 94 पारियों में अब तक 8 बार बोल्ड हुए है, उसके अलावा उन्होंने 50 के ऊपर की औसत से 4,506 रन बनाए है। दोनों कोहली और वार्नर अपनी मौजूदा सीरीज में एक-एक बार बोल्ड हो गए, तो वही मिस्बाह उल हक इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में अब तक 2 बार बोल्ड हो चुके हैं। 4- मुरली विजय (6 बार, 9.38%) मुरली विजय मौजूदा समय में विराट कोहली के बाद सबसे अच्छे टेस्ट बल्लेबाज़ हैं। विराट इसलिए उनसे आगे है, क्योंकि वो उनसे कम बार बोल्ड हुए है। विजय ने अब तक 66 पारियाँ खेली है, जिसमें 41.2 की औसत से उन्होंने 2,637 रन बनाए है। उनके ज़्यादातर रन मुश्किल बैटिंग कंडीशन में आये है और इस बीच वो सिर्फ 6 बार ही बोल्ड हुए है। 5- एंजलो मैथ्यूज(8 बार , 9.41%) एंजेलो मैथ्यूज इस लिस्ट में तीसरे एशियन कप्तान हैं और एक और ऐसे मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़, जोकि तकनीकी रूप से सक्षम हो और अपनी टीम को मुश्किल से निकाल पाए। मिस्बाह की तरह एंजेलो भी अपने करियर में 17 बार ही पारी के अंत तक नाबाद लौटे। बाकियों बल्लेबाजों की तरह मैथ्यूज भी गेंद को उनके स्टंप्स तक नहीं लगने देते। मैथ्यूज ने अपने करियर में अब तक 102 पारियाँ खेली है, जिसमें उन्होंने 48.7 की औसत से 4,140 रन बनाए है और इस बीच वो 8 बार बोल्ड हुए हैं। छले दो साल की तरह मौजूदा ऑस्ट्रेलियन सीरीज में भी श्रीलंका की टीम पूरी तरह से एंजेलो मैथ्यूज पर ही निर्भर कर रही हैं कि वो टीम को इस मुसीबत से निकालेंगे।