भारतीय बल्लेबाजों की 5 ऐसी टेस्ट पारियाँ जो बिना शतक भी मैच जिताने वाली बनी

# 4 राहुल द्रविड़ - 81 और 68 बनाम वेस्टइंडीज़ (जमैका, 2006)

5 मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला 4-1 से हारने के बाद, भारत ने पहले तीन टेस्ट बहुत अच्छी तरह से खेले उन्होंने उन तीन में से दो में अपना दबदबा बनाये रखा, और जब दोनों टीमें चौथे टेस्ट के लिए किंग्स्टन, जमैका पहुंची तो श्रृंखला का स्कोर 0-0 था। एक मुश्किल पिच पर, कप्तान राहुल द्रविड़ ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। जब द्रविड़ चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने आये, तो भारत बड़ी मुश्किल में था क्योंकि स्कोर 3/2 (चौथे ओवर में) था। इसके बाद उन्होंने बल्लेबाज़ी के लिये इस मुश्किल पिच पर डटकर मुकाबला किया। उन्होंने लगभग 6 घंटे तक बल्लेबाजी की, जिसमे 215 गेंदें खेली और महत्वपूर्ण 81 रन बनाए। एक बेहतरीन गेंदबाजी आक्रमण का द्रविड़ ने अपने आत्मविश्वास से मुकाबला किया। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि स्कोरिंग के अवसरों को अधिकतम किया जाए। इसलिए, वह भारत के लिए सर्वोच्च स्कोरर थे क्योंकि 200 पर पूरी टीम आउट हो गयी थी। अगर द्रविड़ के 81 रन नहीं, होते तो मेहमान टीम और भी कम स्कोर पर सिमट सकती थी। भारत के गेंदबाजी आक्रमण ने वेस्टइंडीज को 103 रनों पर निपटा दिया, और भारतीय कप्तान एक बार फिर मैदान पर जल्द ही आ गये क्योंकि चौथे ओवर में स्कोर 6/2 हो गया था। पहली पारी की तरह, उनके चारों ओर विकेट गिर रहे थे और वह भारतीय बल्लेबाजी क्रम का खंभा बने खड़े रहे। उन्होंने 166 गेंदों तक बल्लेबाजी करते हुए 68 रन बनाए और भारत ने 171 रन बनाए। आखिरकार, भारत ने 49 रनों से मैच जीता और द्रविड़ दोनों पक्षों के बीच अंतर थे क्योंकि उनकी दोनों परियों में आये अर्धशतकों ने भारत को 35 साल बाद वेस्टइंडीज में अपनी पहली टेस्ट सीरीज जीत दिलायी। https://youtu.be/po1aqyAW6SQ