# 3 चेतेश्वर पुजारा - 92 बनाम ऑस्ट्रेलिया (बैंगलोर, 2017)
2017 में भारत का घरेलू सत्र बहुत लंबा था। उन्होंने 13 टेस्ट (चार अलग-अलग विपक्षों के खिलाफ) की मेजबानी की और यह एक लंबा और शानदार घरेलू सत्र रहा, भारत और ऑस्ट्रेलिया ने 4-मैच टेस्ट श्रृंखला (बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी) खेली। एक घूमती हुई पिच पर पहले टेस्ट में अपने प्रदर्शन के साथ हर किसी को आश्चर्यचकित करने के बाद (जहां उन्होंने 333 रनों से खेल जीता) ऑस्ट्रेलिया ने दूसरे टेस्ट (बैंगलोर में) के पहले भाग में भी अपना प्रभाव बनाये रखा। भारत को 190 के स्कोर पर आउट करने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 276 रन बनाए। 87 रन की बढ़त और 1-0 से सीरीज़ में बढ़त के साथ, ऑस्ट्रेलिया स्पष्ट रूप से आगे था और दबाव भारत पर था। 39/1 के स्कोर पर बल्लेबाजी करने के लिए चेतेश्वर पुजारा ने आये और एक अच्छी शुरुआत की उन्होंने पहले ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों (स्टार्क और हेज़लवुड) के खतरे को नकार दिया और फिर स्पिनरों को खेल से बाहर कर दिया। पुजारा और केएल राहुल की दूसरी विकेट के लिए 45 रनों की साझेदारी के बाद, भारत ने तेजी से विकेट गंवाए और स्कोर 120/4 हो गया और उन्हें पिछले तीन पारियों के प्रदर्शन को देखते हुए वो गंभीर दबाव में थे। हालांकि, अजिंक्य रहाणे ने ठोस दिखने वाले पुजारा का बहुत अच्छे से साथ निभाया और दोनों ने भारत की बढ़त को 150 के पार पहुँचाया। हालांकि, यह पुजारा ही थे जिन्होंने स्पिनरों के खतरे को नकार दिया। वह 92 पर आउट हो गये और एक शानदार शतक से चूक गये। लेकिन यह उनकी पारी थी जिसने भारत की जीत की नींव रखी थी क्योंकि ऑस्ट्रेलिया चौथी पारी में 188 रन का पीछा करने में नाकाम रहा। यह केवल एक मैच को बदलने वाली पारी नहीं थी, बल्कि एक श्रृंखला-निर्णायक दस्तक भी थी। भारत ने बेंगलुरु में श्रृंखला 1-1 से बराबर कर, धर्मशाला में चौथे टेस्ट को जीत श्रृंखला 2-1 से जीती।