5 ऐसे मशहूर बल्लेबाज जिनका वनडे का उच्चतम स्कोर टेस्ट से ज्यादा है

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टेस् क्रिकेट में बल्लेबाजी एक कला है। इसमे बल्लेबाज के धैर्य और कौशल की जबरदस्त परीक्षा होती है। बल्लेबाज ज्यादा से ज्यादा समय क्रीज पर बिताने की कोशिश करता है। हालांकि टी-20 क्रिकेट आने के बाद बल्लेबाज ज्यादा खुल गए। अब बल्लेबाज ज्यादा देर तक टिकने की बजाय कम गेंदों पर ज्यादा रन बनाने में ज्यादा विश्वास रखते हैं। यही वजह है कि अब वनडे क्रिकेट में भी दोहरे शतक लगने लगे हैं। अगर आप आज से 20 साल पहले के क्रिकेट के बारे में सोंचे तो ये नामुमकिन सा था। लेकिन अब कई बल्लेबाज ये कारनामा कर चुके हैं। जबकि टेस्ट क्रिकेट में वो भले ही दोहरा शतक नहीं लगा पाए हैं। वर्तमान समय के क्रिकेट देखें तो कई बल्लेबाज टेस्ट से ज्यादा वनडे में सफल रहे हैं। वनडे में वो दोहरा शतक लगा चुके हैं जबकि टेस्ट क्रिकेट में वो ऐसा नहीं कर पाए हैं। उनका वनडे का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर टेस्ट क्रिकेट से ज्यादा है। आइए जानते हैं 5 ऐसे ही बल्लेबाजों के बारे में। नोट- इस लिस्ट में सिर्फ बल्लेबाजों को ही शामिल किया गया है इसलिए कपिल देव और शेन वॉटसन जैसे खिलाड़ी इस लिस्ट में शामिल नहीं हैं। मार्क वॉ (टेस्ट में नाबाद 153, वनडे में 173 रन) मॉर्क वॉ अपने जमाने के बड़े ही स्टाइलिश बल्लेबाज थे। 2000/01 की सीरीज में वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्होंने 173 रनों की शानदार पारी खेली थी। ये उस वक्त किसी भी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज का वनडे में सर्वाधिक व्यक्गित स्कोर था। मॉर्क वॉ ने काफी तेजी से अपना शतक पूरा किया और शतक बनाने के बाद उन्होंने और आक्रामक तरीके से रन बनाना शुरु किया। उन्होंने स्पिनर्स को अपना निशाना बनाया और कवर और काउ कार्नर के ऊपर से बेहतरीन शॉट लगाए। कप्तान जिमी एडम्स के साथ मिलकर उन्होंने स्पिनरों को टार्गेट किया और जल्द ही 100 रन से 150 रन तक पहुंच गए। 2 साल बाद भारत के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में उन्होंने अपनी एकदिवसीय पारी को दोहराने की कोशिश की। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 424 रनों का अच्छा स्कोर खड़ा किया। जवाब में मॉर्क वॉ ने हरभजन सिंह और कुंबले जैसे स्पिनरों को टार्गेट किया और ऑस्ट्रेलियाई पारी को आगे बढ़ाया। एक छोर पर विकेट गिरते रहे लेकिन दूसरे छोर पर मॉर्क वॉ डटे रहे। उन्होंने शानदार तरीके से अपना शतक पूरा किया और मैच में 153 रनों की पारी खेली। हालांकि वो अपने वनडे के सर्वाधिक स्कोर को पार नहीं कर सके। 4. सईद अनवर (टेस्ट में नाबाद 188 रन, वनडे में 194 रन) saeed anwar 90 के दशक में सईद अनवर पाकिस्तानी बल्लेबाजी के स्तंभ थे। कई मौको पर उन्होंने भारत के लिए मुश्किलें पैदा की। सर विवियन रिचर्ड्स के रिकॉर्ड 189 रन बनाने के ठीक 13 साल बाद सईद अनवर ने 194 रनों की तूफानी पारी खेली। चेन्नई में उन्होंने भारतीय गेंदबाजी की धज्जियां उड़ा दी और लगभग दोहरा शतक बनाने के करीब पहुंच गए। शाहिद अफरीदी के जल्द आउट होने के बाद बल्लेबाजी के लिए क्रीज पर सईद अनवर आए। दूसरे छोर पर रमीज राजा बल्लेबाजी कर रहे थे। रमीज राजा का वो आखिरी वनडे मैच था। दोनों ने 86 रनों की साझेदारी कर पारी को संभाला। अनवर काफी आक्रामक तरीके से बल्लेबाजी कर रहे थे। उन्होंने 23 से भी कम ओवरो में अपना शतक पूरा कर लिया। उस समय पाकिस्तानी टीम का टोटल स्कोर 140 रना था, जिसमें से अकेले सईद अनवर के 100 रन थे। सईद अनवर उस दिन अलग ही लेवल पर बल्लेबाजी कर रहे थे। उन्होंने हर गेंदबाज की जमकर धुनाई की। उन्होंने उस वक्त का वनडे इतिहास का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर बनाया। 1999 में एक बार फिर भारत के खिलाफ बैंगलोर टेस्ट में उन्होंने शानदार बैटिंग की। उन्होंने वजहतुल्ला वस्ती के साथ पारी की शुरुआत की। हालांकि पारी की शुरुआत में ही दूसरी स्लिप पर मोहम्मद अजहरुद्दीन ने उनका कैच छोड़कर उन्हे जीवनदान दे दिया। भारतीय टीम को ये ड्रॉप कैच बहुत महंगा पड़ा। इसके बाद सईद अनवर ने भारतीय गेंदबाजों को कोई भी मौका नहीं दिया। सईद अनवर ने बेहतरीन ढंग से पारी को आगे बढ़ाया और 188 रनों की शानदार पारी खेली। हालांकि वो अपने वनडे के सर्वाधिक स्कोर 194 को पार करने से चूक गए। 3. फाफ डू प्लेसी (टेस्ट में 137, वनडे में 185) du plesi इस साल के शुरुआत में श्रीलंका के खिलाफ डू प्लेसी ने बेहतरीन पारी खेली थी। केपटाउन में खेले गए एकदिवसीय मैच में उन्होंने एक शानदार कवर ड्राइव के साथ अपना शतक पूरा किया। जिस अंदाज में उन्होंने अपना शतक पूरा किया वो कप्तान उपुल थरंगा के लिए खतरे की घंटी थी। हालांकि जब वो 98 रनों पर खेल रहे थे तभी लहिरु कुमारा ने यॉर्कर गेंद डालकर उन्हे आउट करने की कोशिश की। लेकिन डू प्लेसी ने डीप स्क्वायर लेग की दिशा में खेलकर अपना शतक पूरा कर लिया। डूप्लेसी उस दिन काफी शानदार फॉर्म में थे। गेंद उन्हे फुटबाल की तरह नजर आ रही थी। यही वजह है कि वो शतक बनाने के बाद भी नहीं रुके और अपने शतक को एक बड़े स्कोर में तब्दील किया। डू प्लेसी ने मैच में 185 रनों की मैराथन पारी खेली। इससे ठीक 4 साल पहले उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट की बेस्ट पारी खेली थी। उनकी 137 रनों की पारी की बदौलत प्रोटियाज ने कीवियों को एक पारी और 193 रनों के विशाल अंतर से हराया था। ट्रेंट बोल्ट, डग ब्रेसवेल और नील वैगनर जैसे कीवी गेंदबाज डू प्लेसी की कड़ी परीक्षा ले रहे थे, लेकिन वो क्रीज पर डटे रहे। उन्होंने हाशिम अमला और डीन एल्गर के साथ मिलकर साउथ अफ्रीका की पारी को 500 के पार पहुंचाया। जवाब में न्यूजीलैंड की टीम 250 रन भी नहीं बना पाई। 2. मार्टिन गप्टिल (टेस्ट में 189 और वनडे में 237 रन) guptil मार्टिन गप्टिल जब अपने रंग में होते हैं तो उन्हे रोकना नामुमकिन सा हो जाता है। गप्टिल गेंदबाज को मौका ही नहीं देते हैं और काफी विस्फोटक बल्लेबाजी करते हैं। 2015 के वर्ल्ड कप में उनकी वो पारी कौन भूल सकता है। जब वेस्टइंडीज के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाते हुए उन्होंने 237 रनों की तूफानी पारी खेली थी। ये वर्ल्ड कप इतिहास का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर है। जेरोम टेलर की पहली ही गेंद पर बाउंड्री लगाकर उन्होंने अपने इरादे जाहिर कर दिए। बाउंड्री छोटी होने की वजह से उन्हे लंबे-लंबे शॉट लगाने में और आसानी हुई। शतक पूरा करने के बाद वो और आक्रामक हो गए। शतक से दोहरा शतक उन्होंने कब पूरा किया पता ही नहीं चला और उनका ये तूफान 237 रनों पर जाकर रुका। हालांकि 27 रनों से वो रोहित शर्मा के 264 रनों के रिकॉर्ड को तोड़ने से चूक गए। लगभग 50 टेस्ट खेलने के बावजूद गप्टिल क्रिकेट के इस लंबे फॉर्मेट में खुद को स्थापित नहीं कर पाए। अच्छी शुरुआत के बावजूद वो गलत शॉट खेलकर अपना विकेट गंवा देते थे। हालांकि बांग्लादेश के खिलाफ नंबर 5 पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने अपने जीवन की बेस्ट टेस्ट पारी खेली। गप्टिल ने 189 रन बनाकर बता दिया कि सिर्फ छोटे फॉर्मेट ही नहीं बल्कि वो टेस्ट क्रिकेट में भी रन बना सकते हैं। 158 रनों पर 5 विकेट गंवाने के बाद न्यूजीलैंड की टीम को किसी ऐसे बल्लेबाज की जरुरत थी जो टिककर खेल सके। गप्टिल ने मैक्कलम के साथ मिलकर पारी को संभाला। रोहित शर्मा (टेस्ट में 177 रन, वनडे में 264 रन) rohitttt रोहित शर्मा पहले मध्यक्रम के बल्लेबाज थे लेकिन धीरे-धीरे उन्हे बल्लेबाजी में प्रमोट किया गया और अब वो भारत के नियमित सलामी बल्लेबाज हैं। 2011 वर्ल्ड कप के बाद से ही वो भारतीय बल्लेबाजी की धुरी बने हुए हैं। 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दोहरा शतक लगाकर उन्होंने वर्ल्ड क्रिकेट को अपनी काबिलियत का एहसास दिलाया। लेकिन ये महज ट्रेलर था, पिक्चर तो अभी बाकी थी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेहतरीन दोहरे शतक के ठीक एक साल बाद उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ जो बल्लेबाजी की वो सदियों तक याद रहेगी। महज 173 गेंदों पर 264 रन बनाकर उन्होंने वर्ल्ड क्रिकेट में खलबली मचा दी। ये वनडे इतिहास का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर है। रोहित शर्मा 10 हफ्ते में पहला वनडे खेल रहे थे, लेकिन उन्होंने सारी कमी एक ही मैच से निकाल दी। स्पिनर हों या तेज गेंदबाज उन्होंने हर एक गेंदबाज की गेंद को सीमा रेखा के पार पहुंचाया। 200 रन बनाने के बाद भी वो नहीं रुके और आखिर तक बल्लेबाजी की। हालांकि आखिरी गेंद पर वो कैच आउट हो गए लेकिन तब तक वो इतिहास रच चुके थे। रोहित शर्मा ने अपना टेस्ट डेब्यू साल 2103 में किया, जब भारत ने वेस्टइंडीज का दौरा किया। भारत की आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी लेकिन रोहित शर्मा ने पारी को संभाल लिया। वो एक छोर पर डटे रहे और स्पिनरों पर अपने हाथ खोले। रविचंद्रन अश्विन ने रोहित शर्मा का अच्छा साथ निभाया जिससे उन्हे अपना शतक पूरा करने का मौका मिला। उन्होंने मैच में 177 रनों की पारी खेली जो कि उनका सर्वाधिक टेस्ट स्कोर है। हालांकि अभी भी उनका वनडे का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर टेस्ट से ज्यादा है। लेखक-आद्या शर्मा अनुवादक-सावन गुप्ता

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