90 के दशक में सईद अनवर पाकिस्तानी बल्लेबाजी के स्तंभ थे। कई मौको पर उन्होंने भारत के लिए मुश्किलें पैदा की। सर विवियन रिचर्ड्स के रिकॉर्ड 189 रन बनाने के ठीक 13 साल बाद सईद अनवर ने 194 रनों की तूफानी पारी खेली। चेन्नई में उन्होंने भारतीय गेंदबाजी की धज्जियां उड़ा दी और लगभग दोहरा शतक बनाने के करीब पहुंच गए। शाहिद अफरीदी के जल्द आउट होने के बाद बल्लेबाजी के लिए क्रीज पर सईद अनवर आए। दूसरे छोर पर रमीज राजा बल्लेबाजी कर रहे थे। रमीज राजा का वो आखिरी वनडे मैच था। दोनों ने 86 रनों की साझेदारी कर पारी को संभाला। अनवर काफी आक्रामक तरीके से बल्लेबाजी कर रहे थे। उन्होंने 23 से भी कम ओवरो में अपना शतक पूरा कर लिया। उस समय पाकिस्तानी टीम का टोटल स्कोर 140 रना था, जिसमें से अकेले सईद अनवर के 100 रन थे। सईद अनवर उस दिन अलग ही लेवल पर बल्लेबाजी कर रहे थे। उन्होंने हर गेंदबाज की जमकर धुनाई की। उन्होंने उस वक्त का वनडे इतिहास का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर बनाया। 1999 में एक बार फिर भारत के खिलाफ बैंगलोर टेस्ट में उन्होंने शानदार बैटिंग की। उन्होंने वजहतुल्ला वस्ती के साथ पारी की शुरुआत की। हालांकि पारी की शुरुआत में ही दूसरी स्लिप पर मोहम्मद अजहरुद्दीन ने उनका कैच छोड़कर उन्हे जीवनदान दे दिया। भारतीय टीम को ये ड्रॉप कैच बहुत महंगा पड़ा। इसके बाद सईद अनवर ने भारतीय गेंदबाजों को कोई भी मौका नहीं दिया। सईद अनवर ने बेहतरीन ढंग से पारी को आगे बढ़ाया और 188 रनों की शानदार पारी खेली। हालांकि वो अपने वनडे के सर्वाधिक स्कोर 194 को पार करने से चूक गए।