रोहित शर्मा पहले मध्यक्रम के बल्लेबाज थे लेकिन धीरे-धीरे उन्हे बल्लेबाजी में प्रमोट किया गया और अब वो भारत के नियमित सलामी बल्लेबाज हैं। 2011 वर्ल्ड कप के बाद से ही वो भारतीय बल्लेबाजी की धुरी बने हुए हैं। 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दोहरा शतक लगाकर उन्होंने वर्ल्ड क्रिकेट को अपनी काबिलियत का एहसास दिलाया। लेकिन ये महज ट्रेलर था, पिक्चर तो अभी बाकी थी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेहतरीन दोहरे शतक के ठीक एक साल बाद उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ जो बल्लेबाजी की वो सदियों तक याद रहेगी। महज 173 गेंदों पर 264 रन बनाकर उन्होंने वर्ल्ड क्रिकेट में खलबली मचा दी। ये वनडे इतिहास का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर है। रोहित शर्मा 10 हफ्ते में पहला वनडे खेल रहे थे, लेकिन उन्होंने सारी कमी एक ही मैच से निकाल दी। स्पिनर हों या तेज गेंदबाज उन्होंने हर एक गेंदबाज की गेंद को सीमा रेखा के पार पहुंचाया। 200 रन बनाने के बाद भी वो नहीं रुके और आखिर तक बल्लेबाजी की। हालांकि आखिरी गेंद पर वो कैच आउट हो गए लेकिन तब तक वो इतिहास रच चुके थे। रोहित शर्मा ने अपना टेस्ट डेब्यू साल 2103 में किया, जब भारत ने वेस्टइंडीज का दौरा किया। भारत की आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी लेकिन रोहित शर्मा ने पारी को संभाल लिया। वो एक छोर पर डटे रहे और स्पिनरों पर अपने हाथ खोले। रविचंद्रन अश्विन ने रोहित शर्मा का अच्छा साथ निभाया जिससे उन्हे अपना शतक पूरा करने का मौका मिला। उन्होंने मैच में 177 रनों की पारी खेली जो कि उनका सर्वाधिक टेस्ट स्कोर है। हालांकि अभी भी उनका वनडे का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर टेस्ट से ज्यादा है। लेखक-आद्या शर्मा अनुवादक-सावन गुप्ता