प्रोफेशनल क्रिकेट में खिलाड़ी के प्रदर्शन में निरंतरता बहुत जरूरी पहलू है। क्योंकि जो खिलाड़ी लगातार अच्छा नहीं खेलेगा, वह टीम के लिए बहुत ही बड़ा डिजास्टर साबित हो सकता है। खासकर आधुनिक क्रिकेट में अगर क्रिकेटर को लंबे समय तक खुद को टीम में बरकरार रखना है, तो उसे बेहतरीन प्रदर्शन करना होगा। हालांकि कई प्रतिभावान खिलाड़ियों के साथ ऐसा हुआ है, जो अपनी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं कर पाएं हैं। इस लेख में हम आपको ऐसे ही 5 खिलाड़ियों के बारे में बता रहे हैं। यूसुफ पठान बड़ौदा में पैदा हुए ऑलराउंडर यूसुफ पठान टी-20 व वनडे विश्वकप विजेता भारतीय टीम का हिस्सा रहे हैं। उनकी पहचान एक विस्फोटक बल्लेबाज व काचलाऊ स्पिन गेंदबाज के तौर रही है। जो अहम मौकों पर टीम को विकेट दिलाता है। हालांकि उनका प्रदर्शन लगातार अच्छा न रहने की वजह से वह भारतीय टीम का हिस्सा लंबे समय तक नहीं रह पाए। भारत के लिए पठान ने अपना आखिरी मैच साल 2012 में खेला था। जिसके बाद उनका घरेलू प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहा कि वह दोबारा टीम में वापसी कर पाएं। उनके बाहर होने की वजह प्रदर्शन में निरंनतरता की कमी रही है।
शाहिद आफरीदी
पूर्व पाकिस्तानी ऑलराउंडर शाहिद आफरीदी दुनिया के विस्फोटक बल्लेबाजों में से एक रहे हैं। 20 वर्ष की उम्र में सन् 1996 में आफरीदी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। जिसके बाद उन्होंने लंबे समय तक क्रिकेट खेला। लेकिन उनके प्रदर्शन में एकरूपता की कमी के चलते वह अपनी प्रतिभा से न्याय नहीं कर पाए। जबकि वह पाकिस्तान के दिग्गज खिलाड़ियों में से एक हैं। हालांकि गेंदबाजी में उनका प्रदर्शन कहीं बेहतर रहा। अपने करियर के शुरूआती दिनों में आफरीदी ने अपनी प्रतिभा से सबको हैरान किया था। 37 गेंदों में शतक बनाकर आफरीदी ने तेज बल्लेबाजी का तरीका ही बदल दिया। लेकिन अपनी बल्लेबाजी में वह निरंतरता बरकरार नहीं रख पाए। अपने 20 वर्ष के करियर में अक्सर टीम से अंदर बाहर भी होते रहे। लेकिन इस साल उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
डेविड मिलर
दक्षिण अफ्रीका के मध्यक्रम के बल्लेबाज डेविड मिलर का उदय ही विस्फोटक बल्लेबाज के तौर पर हुआ था। उन्हें टी-20 क्रिकेट का विशेषज्ञ बल्लेबाज माना जाता है। साल 2010 में मिलर को घरेलू क्रिकेट के प्रदर्शन के आधार पर राष्ट्रीय टीम में शामिल किया गया। मिलर ने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से विश्व क्रिकेट पर अपनी छाप छोड़ी। युवा मिलर ने अपनी क्षमता का परिचय देते हुए विपक्षी गेंदबाजों पर हमेशा हावी रहे। हालांकि मिलर अपनी फॉर्म को बरकरार रखने में कामयाब नहीं रहे। जिससे उनकी तीखी आलोचना होने लगी। लेकिन मिलर जिस तरह की बल्लेबाजी अपने रंग में करते हैं, उसे देखकर हर कोई यही कहेगा की वह अपनी प्रतिभा से न्याय नहीं कर पाएं हैं।
ग्लेन मैक्सवेल
आस्ट्रेलियाई शीर्ष क्रम के बल्लेबाज व दाएं हाथ के स्पिनर ग्लेन मैक्सवेल छोटे फार्मेट के बड़े हिटर हैं। अपने अबतक के करियर में मैक्सवेल ने कई बेहतरीन पारियां खेली हैं। वह जब भी फॉर्म में रहे हैं, उनकी स्ट्राइक रेट शानदार रही है। घरेलू स्तर पर मैक्सवेल ने अपना लोहा मनवाते हुए, आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब के लिए खेलते हुए शानदार खेल दिखाया। जिसके बाद उनका चयन ऑस्ट्रेलियाई टीम में हो गया। जहां वह बीते कई वर्षों से टीम के अंग हैं। लेकिन मैक्सवेल के साथ भी वही दिक्कतें रही हैं, जो इस लिस्ट में अन्य बल्लेबाजों के साथ रही हैं। उनकी फॉर्म भी मौसमी रही है। जिसकी वजह से कई बार ऑस्ट्रेलिया को मुकाबला गंवाना पड़ा है। लेकिन जब वह अपने रंग में रहे हैं, तब उन्हें रोकना मुश्किल रहा है।
अहमद शहजाद
पाकिस्तान के दाएं हाथ के बल्लेबाज अहमद शहजाद ने साल 2009 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहला मैच खेला था। घरेलू स्तर पर शहजाद का प्रदर्शन बेहतरीन रहा था। जिसकी वजह से उन्हें पाकिस्तान का अगला बड़ा बल्लेबाज माना जा रहा था। लेकिन उनकी फॉर्म ने भी उनका साथ नहीं दिया, जिसकी वजह से वह अपनी प्रतिभा से न्याय नहीं कर पाए। इसके अलावा उनका रवैया भी अच्छा नहीं रहा है। बीते वर्षों में पाकिस्तानी टीम को कई बार गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। कई पाकिस्तानी खिलाड़ी विवादों में रहे हैं। जिसमें विवादों से शहजाद का नाता भी रहा है। साल 2016 में खराब प्रदर्शन की वजह से शहजाद व उमर अकमल को टीम से बाहर कर दिया गया था। जिससे उनके राष्ट्रीय टीम में वापसी करना कठिन हो गया था। शहजाद एक युवा प्रतिभावान बल्लेबाज हैं, लेकिन वह खेल व पाकिस्तान को जिताने के बजाय दूसरी बातों के लिए ज्यादा चर्चित रहते हैं। लेखक-आनन्द मुरलीधरन, अनुवादक-जितेंद्र तिवारी