ऑस्ट्रेलिया सीरीज से पहले भारतीय टीम के लिए महत्वपूर्ण 5 सवाल

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17 सितंबर से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 5 वनडे मैचों की सीरीज का पहला वनडे चेन्नई के मैदान में खेला जायेगा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज के लिए पहले तीन वनडे मैचों के लिए भारतीय टीम का चयन कर लिया गया है। श्रीलंका के सफल दौरे के बाद टीम में अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और उमेश यादव की वापसी हुई साथ ही टीम के कई दिग्गज खिलाड़ियों को इस सीरीज के लिए भी आराम दिया गया लेकिन पहले तीन वनडे के चयन के बाद भारतीय टीम के बारे में 5 बाते करने योग्य है, जिन पर इस सीरीज से पहले विचार किया जाना चाहिए। अंतिम एकादश में तेज गेंदबाजों का चयन भारतीय टीम में लम्बे समय बाद एक ऐसा दौर आया है, जब टीम ने अपनी तेज गेंदबाजी को लेकर विकल्प के बारे में सोचा है। पहले किसी एक ही तेज गेंदबाज पर भारतीय टीम निर्भर रहती थी लेकिन मौजूदा समय में भारतीय टीम के पास 4 तेज गेंदबाज है और तेज गेंदबाजी के हर विभाग में यह सब गेंदबाज सक्षम है। मोहम्मद शमी और उमेश यादव की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में वापसी से इस सीरीज में भारतीय टीम की तेज गेंदबाजी को मजबूती तो मिली है लेकिन दूसरी तरफ परेशानी भी बढ़ गई है। शमी, यादव, भुवनेश्वर और बुमराह के टीम में होने से अंतिम एकादश के लिए किन्ही 2 या 3 गेंदबाजों को ही मौका मिल सकता है। चारो गेंदबाज बेहतरीन फॉर्म में है और ऐसे में उनका अंतिम एकादश में चयन करना भारतीय टीम के लिए मुश्किल साबित होगा। क्या युवराज सिंह को आगे सीमित ओवरों के खेल में देखा जा सकेगा ? yuvi औसत प्रदर्शन के कारण टीम से बाहर होना उसके बाद अपने ही अंदाज़ में धमाकेदार वापसी करना, यही कहानी पिछले कई सालो से युवराज सिंह के साथ चलती रही है। भारतीय टीम के दिग्गज ख़िलाड़ी युवराज ने पिछले कुछ सालो से टीम में बहुत बार वापसी की लेकिन उन्हें युवा खिलाड़ियों के बेहतरीन प्रदर्शन के कारण टीम से बार-बार बाहर भी करना पड़ा। श्रीलंका दौरे से आराम को लेकर बाहर किये जाने पर युवराज सिंह को ऑस्ट्रेलिया सीरीज में भी टीम में जगह नहीं मिली। चयनकर्ताओं ने युवा बल्लेबाज मनीष पांडे और केएल राहुल के हालिया प्रदर्शन पर भरोसा जताते हुए, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले 3 वनडे मैचों में जगह दी है। युवराज सिंह के पास ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी 2 मैचों और आगमी न्यूज़ीलैंड सीरीज में अपने चयन को लेकर उम्मीद रखनी होगी और फिर से जोरदार वापसी के साथ अपने आपको एक अनुभवी और दिग्गज ख़िलाड़ी साबित करना होगा। एमएस धोनी के लिए भारतीय टीम में पेशेवर बैकअप विकेटकीपर का चयन ? 160331 भारतीय टीम के लिए श्रीलंका दौरे पर महेंद्र सिंह धोनी ने सबसे उम्दा प्रदर्शन किया। 5 मुकाबलों में उन्होंने 2 अहम मुकाबले में शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम की जीत में योगदान दिया। बल्लेबाजी के साथ वह विकेट के पीछे भी टीम के लिए कारगर साबित हुए। एक विकेटकीपर के रूप में एमएस धोनी दुनिया के सबसे महान ख़िलाड़ी हैं लेकिन ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए धोनी के विकेटकीपर बैकअप के लिए एक पेशेवर विकेटकीपर को टीम में शामिल किया जाना जरुरी था। धोनी के पेशेवर विकेटकीपर बैकअप के रूप में दिनेश कार्तिक इस लिस्ट में सबसे ऊपर नजर आते हैं। उनका घरेलू प्रदर्शन एक बल्लेबाज के साथ साथ विकेटकीपर के रूप में बेहतरीन रहा साथ ही वह भारतीय टीम के अनुभवी खिलाड़ियों में से एक हैं। चयनकर्ताओं ने केएल राहुल और केदार जाधव को एक पार्ट टाइम विकेटकीपर के रूप में ध्यान में रखते हुए टीम का चयन किया होगा। हालांकि यह दोनों ख़िलाड़ी पेशे से विकेटकीपर नहीं है लेकिन बैकअप के तौर पर इन खिलाड़ियों का प्रयोग किया जा सकता है लेकिन विकेटकीपिंग में कार्तिक से इन दोनों खिलाड़ियों का मुकाबला करना शायद ही सही हो। रविंद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन का चयन किया जाना चाहिए था ? Ashwin_and_Jadeja भारतीय टीम के टेस्ट फॉर्मेट के सबसे अनुभवी और दिग्गज गेंदबाज अश्विन और जडेजा को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में वापस नहीं बुलाया गया। दोनों खिलाड़ियों को श्रीलंका दौरे पर आराम दिया गया था लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले 3 वनडे के लिए भी इन दोनों का चयन नहीं किया गया। चयन समिति ने युवा स्पिन गेंदबाज युज्वेंद्र चहल, कुलदीप यादव और अक्स़र पटेल पर फिर से भरोसा जताया है। युवा खिलाड़ियों को मौका देना सही है लेकिन ऑस्ट्रेलिया जैसी अनुभवी टीम के सामने अपने महान स्पिन गेंदबाजो को आराम देना क्या चयन समिति का सही फैसला माना जायेगा ? अश्विन और जडेजा को इस सीरीज में वापस बुलाना टीम के लिए भी सही साबित होता लेकिन युवा खिलाड़ियों पर चयनकर्ताओं का भरोसा कितना सही साबित होता है, यह सीरीज में देखना दिलचस्प रहेगा। केएल राहुल : सलामी बल्लेबाज या मध्यक्रम बल्लेबाज ? KL-Rahul-Hero-1 श्रीलंका दौरे पर टेस्ट सीरीज में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद वनडे सीरीज में भी चुने गए केएल राहुल ने 5 मैचों की वनडे सीरीज में निराशाजनक प्रदर्शन किया। राहुल ने श्रीलंका के खिलाफ मध्यक्रम में बल्लेबाजी की और वह असफल रहे लेकिन टेस्ट में एक सलामी बल्लेबाज के रूप में उन्होंने अपना स्थान टीम में पक्का किया हुआ है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में यदि उन्हें मध्यक्रम के अलावा सलामी बल्लेबाज के रूप में मौका दिया जाए, तो वह अपने आप को एकदिवसीय मुकाबलों में भी एक अच्छा बल्लेबाज साबित कर सकते हैं लेकिन रोहित शर्मा और शिखर धवन की सलामी जोड़ी ने पिछले 4 सालो से भारतीय टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया लेकिन शिखर धवन के निजी कारणों से इस सीरीज से बाहर होने के साथ ही अनुभवी अजिंक्य रहाणे रोहित के साथ सलामी बल्लेबाजी करते हुए नजर आयेंगे। इसलिए ऑस्ट्रेलिया सीरीज में शायद ही उन्हें सलामी बल्लेबाज के रूप में मौका मिले। मध्यक्रम में लगातार असफल और मनीष पान्डे के उम्दा प्रदर्शन के कारण उनका मध्यक्रम में स्थान सुनुश्चित होता नजर नहीं आता। ऐसे में राहुल के स्थान को लेकर भी टीम मैनेजमेंट को गहन विचार करने की आवश्यकता है।

Edited by Staff Editor
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