5 बदकिस्मत खिलाड़ी जो भारत के लिए लंबा नहीं खेल पाए

#2 विनोद काम्बली

विनोद काम्बली के एक शानदार बल्लेबाज से गुमनाम बनाने की कहानी काफी लम्बी है। स्कूल मैच में 644 रनों की साझेदारी बनाकर चर्चा में आये मुंबई के दो बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और विनोद काम्बली को भारतीय क्रिकेट का भविष्य कहा जाता था। एक तो अपने करियर के अंत में क्रिकेट का भगवान बनकर संन्यास लिया तो दूसरा गुमनाम रह गया। जहाँ तेंदुलकर के अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत काफी साधारण रही थी वहीं काम्बली का डंका पुरे विश्व में बज गया था। अपने दूसरे और तीसरे टेस्ट में ही लगातार दोहरा शतक बनाकर काम्बली क्रिकेट प्रेमियों की जुबान पर छा गये थेलेकिन उसके बाद उनके करियर का ग्राफ लगातार नीचे जाने लगा। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज का टेस्ट करियर सिर्फ 17 मैचों का ही रहा जिसमें उन्होंने 54.20 की औसत से 1084 रन बनाये। इसमें 2 दोहरे शतक, दो शतक और 3 अर्धशतक शामिल था। इसके साथ ही उन्होंने भारत के लिए 104 वनडे मैच भी खेले। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की शानदार शुरुआत के बाद उनका ग्राफ लगातार नीचे गिरता गया जिसकी वजह से चयनकर्ताओं में उन्हें मौका देना भी बंद कर दिया।

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