क्रिकेट, सामान्यतः बल्लेबाजों का खेल रहा है, बड़े बल्ले और छोटी सीमा रेखाओं में बदलाव का मतलब यह हुआ कि एकदिवसीय क्रिकेट में 300 से अधिक के स्कोर आम बात बन गये और टीमें नियमित रूप से टी -20 क्रिकेट में 200 के स्कोर को भी पार कर रही हैं। आईपीएल में भी एक हद तक यही कहानी रही है। लेकिन कुछ ऐसे क्षण भी रहे हैं जहां गेंदबाज़ों के व्यक्तिगत प्रदर्शन विपक्षी बल्लेबाजों पर हावी रहे हैं। यहाँ हम आईपीएल इतिहास के ऐसे ही शीर्ष पांच व्यक्तिगत गेंदबाजी प्रदर्शनों पर नज़र डाल रहे है।
# 5 लसिथ मलिंगा: 2011 में 5/13 बनाम दिल्ली डेयरडेविल्स
लसिथ मलिंगा को ऐसी सूची से बाहर रखना असंभव है। मलिंगा आईपीएल में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं और उनके नाम पर 154 विकेट हैं। श्रीलंका का यह तेज़ गेंदबाज़ कई सालों से विपक्षी बल्लेबाजी क्रम के लिये खतरा रहा है लेकिन 2011 में उनका दिल्ली के खिलाफ प्रदर्शन विशेष रहा। 2011 आईपीएल के चौथे मैच में दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ 13 रन देकर उन्होंने 5 विकेट लिये थे। मलिंगा ने घातक शुरुआत की और डेविड वॉर्नर का पारी की सिर्फ दूसरी गेंद पर एक तेज़ यॉर्कर से स्टंप्स उखाड़ दिया। एक ऐसी ही यॉर्कर से उन्मुक्त चुन्द को आउट करने में भी उन्हें क़ामयाबी मिली। मलिंगा उस दिन ऐसे रंग में थे कि विस्फोटक भारतीय सलामी बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग को यह समझ नही आया की उन्हें कैसे खेलना है, जब उनका दूसरा ओवर मेडेन गया था। उसके बाद उन्हें थोड़ी देर के लिए हटाया गया और 16वें ओवर में वापस लाया गया। फिर से मलिंगा ने तीन गेंदों में दो विकेट लिए, इस बार मलिंगा ने वेणुगोपाल राव और मोर्ने मॉर्केल को पैवेलियन वापस भेजा।
# 4 इशांत शर्मा: 2011 में 5/12 बनाम कोच्चि टस्कर्स केरला
आपने शायद ही कल्पना की हो कि आईपीएल के इतिहास में चौथा सबसे अच्छा गेंदबाज़ी आंकड़ा इशांत शर्मा के नाम हो सकता है। इशांत के प्रतियोगिता में आंकड़े ज्यादा अच्छे नही रहे हैं और प्रतियोगिता में सबसे खराब गेंदबाजी के आंकड़े (2013 में चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ 4 ओवर में 66-0) उनके ही नाम है। हालांकि, इशांत ने डेक्कन चार्जर्स के लिए बेहतरीन गेंदबाज़ी करते हुए कोच्चि टस्कर्स केरल को सिर्फ 74 रनों पर सिमेट दिया था। यह स्पेल एक महत्वपूर्ण समय पर आया, क्योंकि कोच्चि को जीत के लिए केवल 130 रन की जरूरत थी। डेल स्टेन और इशांत शर्मा ने अपनी फ्रैंचाइज़ी के लिए गेंदबाजी शुरू की और स्टेन ने पहले ओवर में विकेट लेते हुए पतन की शुरुआत की। पहले ओवर की समाप्ति पर 0/1 के बाद इशांत ने अपने पहले ओवर में तीन विकेट झटके। तेज़ गति की गेंदबाज़ी के कारण पार्थिव पटेल विकेट कीपर की ओर खेल बैठे और फिर इशांत ने रेफी गोमेज और ब्रैड हॉज दोनों को आउट कर दिया। इशांत ने अगले ओवर में दो और विकेट लिए और केदार जाधव को LBW और फिर महेला जयवर्धने को भी अपना शिकार बनाया। इशांत ने सिर्फ दो ओवरों में पांच विकेट लिए हैं, जो कि क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज पांच विकेट है। उन्होंने 3-0-12-5 के आंकड़े के साथ मैच समाप्त किया।
# 3 अनिल कुंबले: 2009 में 5/5 बनाम राजस्थान रॉयल्स
भारत के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर अनिल कुंबले ने आईपीएल में अपने शानदार प्रदर्शन के साथ यह साबित कर दिया कि वह हर प्रारूप में एक कुशल गेंदबाज़ थे। 2009 के आईपीएल के दूसरे मैच में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ 5/5 के उनके अविश्वसनीय आंकड़े आईपीएल के इतिहास में स्पिनर के दूसरे सबसे अच्छे आंकड़े हैं। इस उपलब्धि को यह तथ्य और भी प्रभावशाली बनाता है, कि उस वर्ष आईपीएल का आयोजन दक्षिण अफ्रीका में किया गया था, जहाँ कि पिच स्पिन की तुलना में तेज गति के गेंदबाज़ों लिए ज्यादा अनुकूल होती हैं। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने पहली पारी में सिर्फ 133 रन बनाए थे, लेकिन कुंबले ने यह सुनिश्चित किया कि राजस्थान सिर्फ 58 रनों में निपट जाये। जब कुंबले अपना पहला ओवर फेंकने आये तब ही राजस्थान रॉयल्स की टीम संघर्ष कर रही थी, क्योंकि वे 47/5 पर थे, और कुंबले ने लगातार गेंदों पर यूसुफ पठान और रविंद्र जडेजा को आउट कर दिया और अचानक राजस्थान 47/7 पर पहुँच गया। इसके बाद कुंबले ने अपने अगले ओवर में शेन वॉर्न और मुनाफ पटेल के विकेट लेते हुए राजस्थान के निचले क्रम को भी निपटा दिया। उन्होंने कामरान खान को रॉबिन उथप्पा के हाथों में आउट करा आरसीबी की जीत सुनिश्चित की। आईपीएल के इतिहास में यह सबसे कम रन खर्च लिये गये पांच विकेट का स्पेल रहा है।
# 2 एडम ज़ाम्पा: 2016 में 6/19 बनाम सनराइज़र्स हैदराबाद
एडम ज़ाम्पा का यह स्पेल आईपीएल के इतिहास का दूसरा सबसे अच्छा व्यक्तिगत गेंदबाजी प्रदर्शन है। दिलचस्प बात यह है कि ज़ाम्पा का 6/19 का यह प्रदर्शन टीम की हार में आया, क्योंकि राइजिंग पुणे सुपरजाइंट ने पहली पारी में हैदराबाद के 137 रनों के जवाब में सिर्फ 133 रन बनाए थे। नतीजतन, ज़ाम्पा के आंकड़े हार के कारण में सर्वश्रेष्ठ टी -20 के आंकड़े हैं। अधिक प्रभावशाली यह तथ्य है कि ज़ाम्पा आईपीएल में अपेक्षाकृत नये थे और बहुत अनुभवहीन भी, और अपना करियर शुरू कर रहे थे। ज़ाम्पा ने शुरूआत में आठवें ओवर में गेंदबाज़ी की थी और आठ रन दिए थे, और इसके बाद दूसरा मौका उन्हें 16 वें ओवर में मिला। उन्होंने अपने ओवर की दूसरी गेंद पर खतरनाक दिख रहे युवराज सिंह जो कि 17 गेंदों में 23 रन पर खेल रहे थे को आउट कर दिया। इसके बाद ज़ाम्पा ने अपने अगले ओवर में न्यूजीलैंड के स्टार बल्लेबाज़ केन विलियमसन और ऑस्ट्रेलियाई पॉवरहाउस मोइसेस हेनरिक्स को लगातार गेंदों में आउट किया और अपनी गेंदों की लगातार गति बदलते रहे। यह लेग-स्पिन गेंदबाजी का लाज़वाब प्रदर्शन था। कप्तान एमएस धोनी ने इसके बाद पठान की जगह अंतिम ओवर में गेंदबाजी करने के लिये ज़ाम्पा पर भरोसा किया। दीपक हुड्डा ने पहली गेंद पर जोरदार छक्का मारा लेकिन फिर ज़ाम्पा ने अगली पांच गेंदों पर हुड्डा, नमन ओझा और भुवनेश्वर कुमार के रूप में तीन विकेट झटके।
# 1 सोहेल तनवीर: 2008 में 6/14 बनाम चेन्नई सुपर किंग्स
2008 में जब पाकिस्तानी खिलाड़ियों को आईपीएल में खेलने की इजाज़त थी, तब सोहेल तनवीर ने आईपीएल में एक स्थायी पहचान छोड़ दी है क्योंकि आईपीएल के इतिहास में चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ उनका 6/14 का प्रदर्शन आज भी सबसे अच्छे गेंदबाज़ी आंकड़े है। आईपीएल के पहले सत्र में तनवीर राजस्थान की सफलता के पीछे एक महत्वपूर्ण कारक थे और पूरे टूर्नामेंट में गेंद के साथ घातक साबित हुए। 4 मई 2008 को उनका प्रदर्शन इस बात को पुख़्ता करता है। पहले गेंदबाजी करते हुए, तनवीर ने राजस्थान के लिए नई गेंद से शुरुआत की। उन्होंने पार्थिव पटेल को अपनी पहली गेंद पर LBW किया जो एक तेजी से स्विंग होती गेंद में फंस गये और उन्होंने कुछ गेंद बाद न्यूजीलैंड के स्टार स्टीफन फ्लेमिंग के साथ भी ऐसा ही किया। अपने अगले ओवर में, उन्होंने विद्युत शिवरामकृष्णन को विकेट के पीछे कैच आउट कराया और तीन ओवरों के बाद चेन्नई की टीम 11-3 पर संघर्ष करने लगी। हालांकि, इसके बाद तनवीर को गेंदबाज़ी आक्रमण से आराम दिया गया और फिर पारी के अंत में वह गेंदबाज़ी करने आये। उन्होंने अपनी लय बनाये रखी और एल्बी मोर्कल को बोल्ड किया, जो 42 रन बनाकर खतरनाक दिख रहे थे और फिर कुछ गेंद बाद उन्होंने मुथैया मुरलीधरन को बोल्ड किया। इसके बाद, अपने कोटे के अंतिम ओवर की आखिरी गेंद पर उन्होंने मखाया एनटिनी को आउट कर दिया और टी -20 क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी आंकड़े अपने नाम किये। लेखक: अरुण भारद्वाज अनुवादक: राहुल पांडे