जब भी एमएस धोनी का नाम क्रिकेट की किसी बहस में आता है तो उनके कप्तानी रिकॉर्ड, अपने विश्वसनीय कंधों पर खेल के समय एक शांत दिमाग रखना, उनकी आक्रामक बल्लेबाजी की दक्षता और विकेट के पीछे दस्तानों से उनके प्रदर्शन की बातें होती हैं। पूर्व भारतीय कप्तान की पारी को समाप्त करने की क्षमता भी उनकी एक प्रमुख विशेषताओं में से एक है जो उन्हें क्रिकेट जगत का आज इतना बड़ा नाम बनाती है। हालांकि, धोनी के कद के आगे ऐसी असफलताओं का उल्लेख बहुत मुश्किल हो जाता है, पर कई बार पाया गया है धोनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नही कर सके हैं। यहाँ ऐसे ही पांच उदाहरणों पर हम नज़र डाल रहे हैं, जब दाएं हाथ का यह बल्लेबाज आईपीएल में मैच की दूसरी पारी में अपनी टीम को जीताने में नाकाम रहा:
# 5 चेन्नई सुपर किंग्स बनाम राजस्थान रॉयल्स (2008)
अगर कोई एक टीम थी जो आईपीएल के पहले संस्करण में शक्तिशाली सीएसके की राह का एक कांटा थी, तो वह शेन वॉर्न की अगुवाई वाली राजस्थान रॉयल्स थी। टूर्नामेंट के फाइनल में उन्होंने सिर्फ एक विकेट से न सिर्फ सीएसके हराया, बल्कि लीग चरणों में भी धोनी को लक्ष्य का पीछा करने में असमर्थ कर दिया। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लेने के बाद, राजस्थान ने 20 ओवरों के अंत में 211/5 का विशाल स्कोर बनाया। सीएसके ने स्कोर तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन अंत में दस रन से मैच हार गये। सात गेंदों पर 12 रन बनाने के बाद धोनी एक लंबी पारी के लिए तैयार लग रहे थे, लेकिन आठवीं गेंद पर आउट हो गए थे। वह खेल के 18 वें ओवर में आउट हो गए, जिससे रोमांचक मुकाबले को सीएसके की जीतने की संभावना धरी की धरी रह गई।
# 4 मुंबई इंडियंस बनाम चेन्नई सुपर किंग्स (2009)
मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स आईपीएल के दो दिग्गज हैं, जो टूर्नामेंट में हर बार अपने पूर्ण वर्चस्व और ताक़त को बनाये रखने के लिए लड़ते हैं। इस बात का फैसला नहीं हो सकता है कि दोनों में से कौन सी टीम ज्यादा सफल है। दोनों अभी भी लीग में अन्य टीमों से काफी आगे हैं। आईपीएल 2018 का पहला मैच इन दोनों टीमों के बीच होगा। यह लीग में दूसरी बार होगा जब सीएसके और एमआई पहले मैच में एक-दूसरे के सामने होंगे। आईपीएल 2008 में उपविजेता रही सीएसके ने टॉस जीता और पहले फील्डिंग करने का फैसला किया। उन्होंने 20 ओवरों में मुंबई इंडियंस को कुल 165/7 में रोक दिया। सीएसके के मजबूत बल्लेबाजी क्रम को देखते हुए यह लक्ष्य एक आसान लक्ष्य नज़र आ रहा था। हालांकि, धोनी की टीम के लिये यह बेहद मुश्किल लक्ष्य साबित हुआ। एक अनुशासित गेंदबाजी प्रदर्शन के साथ, मुंबई इंडियंस 19 रन के विशाल अंतर से मैच जीतने में सफल रहा। 26 गेंदों में 36 रन की पारी के साथ, धोनी ने पारी के अंत में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश की, लेकिन टीम को सफलता दिलाने में सफल न हो सके। सचिन तेंदुलकर की अगुवाई वाली टीम के खिलाफ वह इस मैच की तीसरी-अंतिम गेंद पर आउट हो गये।
# 3 रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर बनाम चेन्नई सुपर किंग्स (2013)
आईपीएल 2013 का 70 वां मैच निश्चित रूप से उन दर्शकों के इंतजार पर खरा उतरा जो स्टेडियम में एकत्र हुए थे क्योंकि बारिश की वजह से मैच लगातार छोटा होता गया था। जब बारिश रुकी तो अंततः बैंगलोर के चिन्नास्वामी स्टेडियम में इकट्ठे हुए दर्शकों को दो बड़ी टीमों के बीच एक कांटे का मुकाबला देखने को मिला। मैच प्रति टीम आठ ओवर का कर दिया गया था, और इतने कम समय में धमाके होना तय था। सीएसके ने टॉस जीता और पहले फील्डिंग करना तय किया, लेकिन यह फैसला मेहमान टीम के लिए अच्छा नही रहा। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बल्लेबाजों ने खेल की शुरूआत से ही गेंदों पर आक्रमण शुरू कर दिया और आठ ओवरों में 106 रन बनाए। मैच लगभग सीएसके की पहुँच से बाहर था, जब धोनी ने चार ओवर बाद 29 /3 के स्कोर पर मैदान पर उतरे। उन्होंने अपने बल्ले से कड़ा प्रहार किया और सिर्फ 10 गेंदों पर 24 रन बनाये, जिससे उन्होंने फिर से मैच में जान डाल दी थी। हालांकि, उनका विकेट जहीर खान ने लिया, और एक बार फिर मैच की तीसरे-अंतिम गेंद पर धोनी विकेट गवां बैठे। कोहली और उनकी टीम ने 24 रन से इस रोमांचक मुकाबले को जीत लिया।
# 2 किंग्स-XI पंजाब बनाम चेन्नई सुपर किंग्स: क्वालिफायर 2 (2014)
किंग्स इलेवन पंजाब और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच यह एक बेहद रोमांचक मुकाबला था। पंजाब की ओर से मैच की पहली पारी में 226 रन बनाये गये, जिसमें वीरेंदर सहवाग की ओर से एक अविश्वसनीय शतक जड़ा गया। ऐसा लग रहा था कि यह लक्ष्य एक नॉक-आउट गेम में पीछा करने के लिए बहुत ज्यादा था, यहां तक कि सीएसके बल्लेबाजी क्रम के लिए भी। लेकिन ऐसे में मैदान पर अपनी टीम के लिए मैच जीतने के इरादे से सुरेश रैना उतरे। विस्फोटक बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने तेज़ गति से 87 रन बनाये और उन्हें बनाने के लिए केवल 25 गेंदों का इस्तेमाल किया। हालांकि, दूसरी पारी के सातवें ओवर में वह रन आउट आउट हो गये। लेकिन आउट होने से पहले वह मैच को चेन्नई की पहुंच में ले आये थे। दो बार के आईपीएल चैंपियनों को 83 गेंदों में सिर्फ 100 रनों की आवश्यकता थी, और एमएस धोनी जैसे फिनिशर के साथ, यह संभव कार्य बिलकुल होता हुआ नज़र आ रहा था। हालांकि, रैना के आउट होने के तुरंत बाद चीजें बदल गयीं। धोनी 31 गेंदों पर 42 रन के स्कोर पर क्रीज पर नाबाद रहे, लेकिन अपनी टीम को जीत नहीं दिला सके। किंग्स-XI पंजाब ने टूर्नामेंट के फाइनल में 24 रन से जीत दर्ज की।
# 1 मुंबई इंडियंस बनाम चेन्नई सुपर किंग्स: फाइनल (2013)
रोहित शर्मा की अगुवाई वाली मुंबई टीम ने आईपीएल ट्राफी को जीतने के इंतज़ार को आख़िरकार अंजाम दिया, मुंबई ने छठे संस्करण के फाइनल में चेन्नई सुपर किंग्स को हराकर खिताब जीता। पहले बल्लेबाजी करते हुए मुंबई इंडियंस उथल-पुथल का शिकार रही और 9.3 ओवरों के बाद 52-4 पर संघर्ष कर रही थी। हालांकि, काइरोन पोलार्ड और अंबाती रायुडू की दो महत्वपूर्ण पारियों के बूते टीम 20 ओवरों के बाद 148/9 का स्कोर बनाने में सफल रही। इसके बाद भी उनका कुल स्कोर दूसरी तरफ के बड़े बल्लेबाजी क्रम को देखते बहुत कम लग रहा था। हालांकि, लसिथ मलिंगा और मिचेल जॉन्सन ने मेजबान टीम के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया और दूसरी पारी के पहले ओवर से ही सीएसके के बल्लेबाजों पर गेंदों से हमला किया। धोनी के अलावा कोई भी बल्लेबाज़ इस खतरनाक गेंदबाजी के आगे खड़ा न हो सका। हालांकि, कप्तान ने अकेले लड़ाई जरुर लड़ी, मगर रिकॉर्ड तीसरी बार उस प्रतिष्ठित ट्रॉफी को जीतने के लिए वह पर्याप्त नहीं था। वह नाबाद 63 रन बनाकर एक छोर पर खड़े रहे, जबकि उनकी टीम में कोई भी 20 का स्कोर पार न कर सका। यहां ध्यान देने योग्य ये है कि आईपीएल में लक्ष्य का पीछा करते हुए धोनी जब भी नाबाद रहे हैं, उनकी टीम सिर्फ दो मौकों पर जीत हासिल करने से चूकी है। यह आंकड़ा, अपने आप में इस पूर्व भारतीय कप्तान की मैच समाप्त करने की बेजोड़ क्षमता को दर्शाता है। लेखक: रुपिन काले अनुवादक: राहुल पांडे