ऐसा कहा जाता है कि रिकॉर्ड तोड़ने के लिए ही बनते हैं। क्रिकेट इतिहास में कई रिकॉर्ड बनते और टूटते हैं। कई बार मैच की आखिरी गेंद तक मैच के परिणाम का फैसला नहीं होता। अक्सर मैच में हमें कुछ अप्रत्याशित प्रदर्शन देखने को मिलते हैं जो वास्तव में मैच का रोमांच और बढ़ा देते हैं। आइए जानते हैं उन 5 दिलचस्प क्रिकेट तथ्यों के बारे में, जिन्हें शायद आप नहीं जानते होंगे:
राहुल द्रविड़: टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा बार बोल्ड होने वाले बल्लेबाज़
यह निश्चित रूप से सबसे अनोखा रिकॉर्ड कहा जा सकता है क्योंकि राहुल द्रविड़ को उनकी मजबूत बल्लेबाज़ी की वजह से 'द वॉल' के उपनाम से बुलाया जाता है। लेकिन द्रविड़ के नाम टेस्ट में 54 बार बोल्ड होने का रिकॉर्ड है। अपने 16 साल के लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर (1996-2004) के मध्य में वह 26 बार क्लीन बोल्ड हुए थे।मुख्य रूप से अपने शुरूआती वर्षों में वह बल्लेबाज़ी में निरंतर सुधार ला रहे थे, हालांकि, वह अपने पूरे करियर में कई बार बोल्ड हुए। अपने टेस्ट करियर की अंतिम 13 पारियों में यह पुर्व भारतीय कप्तान 9 बार बोल्ड हुए। 2011-12 में उनकी अंतिम टेस्ट श्रृंखला के दौरान में उन्हें 8 पारियों में 6 बार बोल्ड किया गया था।
वसीम अकरम: अपनी टेस्ट पारियों में सबसे ज्यादा छक्के लगाने वाले बल्लेबाज़
सर विव रिचर्ड्स, वीरेंदर सहवाग, क्रिस गेल और शाहिद अफरीदी जैसे बड़े हिटर्स के रहते हुए यह आश्चर्य की बात है कि अपनी टेस्ट पारियों में सबसे ज्यादा छक्के का रिकॉर्ड निचले क्रम के बल्लेबाज, वसीम अकरम के नाम दर्ज है। 1996 में जिम्बाब्वे के खिलाफ स्विंग के सुल्तान, वसीम अकरम ने 363 गेंदों पर नाबाद 257 रन बनाए थे। उनकी इस शानदार पारी में 22 चौके और 12 छक्के शामिल थे। इसके अलावा एक मज़ेदार तथ्य यह भी है कि वसीम अकरम का उच्चतम टेस्ट स्कोर (257*) सचिन तेंदुलकर के उच्तम टेस्ट स्कोर (248*) से बड़ा है।
रिकी पॉन्टिंग: अपने 100 वें टेस्ट की दोनों पारी में शतक बनाने वाले खिलाड़ी
ऑस्ट्रेलिया के सफलतम कप्तान रहे रिकी पॉन्टिंग ने अपने देश को तीन बार विश्व कप का ख़िताब जिताया है, जिसमें से दो बार उनकी कप्तानी में कंगारुओं ने यह ख़िताब जीता था। इस महान खिलाड़ी के नाम एक अनोखा रिकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने अपने 100 वें टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक जमाकर रिकॉर्ड बना डाला था। 2006 में सिडनी में दक्षिण अफ़्रीकी के खिलाफ टेस्ट में उन्होंने अपनी पहली पारी में 120 रन और दूसरी पारी में केवल 159 गेंदों पर नाबाद 143 रन बनाए थे। उनकी शानदार पारी की बदौलत कंगारू ने दक्षिण अफ़्रीकी टीम द्वारा दिए 287 रनों के लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा किया था।
शाहिद आफ़रीदी: सचिन तेंदुलकर के बल्ले का इस्तेमाल कर लगाया सबसे तेज़ वनडे शतक
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और दिग्गज खिलाड़ी, शाहिद आफरीदी को एक भरोसेमंद और जुझारू खिलाड़ी मन जाता है। वह दुनिया के सबसे महान हरफ़नमौला खिलाड़ियों में से एक हैं और उन्हें मैदान पर अपनी आक्रमक बल्लेबाज़ी शैली के लिए जाना जाता है। 1996 में एक बार जब वह पाकिस्तान के वेस्टइंडीज दौरे के बाद नैरोबी पहुंचे तो उनके पास कोई बल्ला नहीं था, तब उनकी टीम के ही सदस्य वकार यूनिस ने सचिन तेंदुलकर के बल्ले को युवा शाहिद आफरीदी को दिया था। इस बल्ले के साथ ही आफरीदी ने 11 छक्के और छह चौके लगाए थे और श्रीलंका के खिलाफ 37 गेंदों पर सबसे तेज़ शतक का रिकॉर्ड बना डाला था। आपको बता दें कि उनका यह रिकॉर्ड लगातार 18 वर्षों तक कायम रहा और 2014 में कीवी बल्लेबाज़ कोरी एंडरसन ने 36 गेंदों में शतक लगाकर यह रिकॉर्ड तोडा था और उसके अगले ही वर्ष दक्षिण अफ्रीका के कलात्मक बल्लेबाज़ एबी डीविलियर्स ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ 31 गेंदों में शतक जड़कर सबसे तेज़ वनडे शतक का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया था।
क्रिस गेल: क्रिकेट इतिहास के एकमात्र बल्लेबाज़ जिन्होंने टेस्ट मैच की पहली गेंद पर ही लगाया छक्का
वेस्टइंडीज के धमाकेदार बल्लेबाज़ क्रिस गेल की बल्लेबाजी क्षमता और असाधारण कौशल से तो हम भली भांति परिचित हैं। उनका लंबा कद और मजबूत शरीर उन्हें हर गेंद पर बड़ा शॉट खेलने की ताकत देता है। क्रिस गेल ने वर्ष 1999 में भारत के खिलाफ वेस्टइंडीज के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी। अपने 20 वें जन्मदिन से सिर्फ 10 दिन कम की उम्र में उन्होंने अपने वनडे करियर की शुरुआत की थी और उसके अगले साल 2000 में जिम्बाब्वे के खिलाफ उन्होंने होने अंतराष्ट्रीय टेस्ट करियर की शुरुआत की थी। लेकिन उनके नाम टेस्ट में एक ऐसा रिकॉर्ड दर्ज है जो टेस्ट क्रिकेट के 137 सालों के इतिहास में कोई भी खिलाड़ी नहीं बना पाया है। जी हाँ, क्रिस गेल एकमात्र ऐसे बल्लेबाज़ हैं जिन्होंने टेस्ट मैच की पहली ही गेंद पर छक्का लगाया हो। टेस्ट क्रिकेट इतिहास के 2,027 वें टेस्ट मैच में क्रिस गेल पहली गेंद पर छक्का लगाने वाले पहले और एकमात्र खिलाड़ी बने। यह कारनामा उन्होंने नवंबर 2012 में बंगलादेश के खिलाफ अपनी पारी की पहली ही गेंद पर सोहाग गाजी को छक्का लगाकर बनाया था। लेखक: चिन्मय अनुवादक: आशीष कुमार