इस बात में कोई शक नहीं है कि आईपीएल दुनिया का सबसे मशहूर टी-20 लीग है। पिछले 10 साल में ये टूर्नामेंट एक ग्लोबल ब्रांड बन चुका है। साल 2008 में इसकी शुरुआत हुई थी तब से लेकर अब तक इस टूर्नामेंट की दीवानगी काफ़ी बढ़ चुकी है। हांलाकि इस टूर्नामेंट का विवादों से भी नाता रहा है और कई उतार-चढ़ाव भी देखने को मिले हैं। इन सब बावजूद आईपीएल की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है और रोमांच में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इस टूर्नामेंट की लोकप्रियता इसलिए भी बढ़ गई थी क्योंकि यहां कई शानदार और कामयाब फ़ैसले लिए गए हैं। हम यहां ऐसे ही 5 शानदार फ़ैसलों के बारे में चर्चा कर रहे हैं।
#5 अश्विन ने साल 2011 के आईपीएल फ़ाइनल में नई गेंद का इस्तेमाल किया था
आईपीएल के चौथे सीज़न का फ़ाइनल चेन्नई सुपरकिंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर के बीच खेला जा रहा था। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए चेन्नई टीम ने मुरली विजय और माइकल हसी की मदद से 205 रन का स्कोर खड़ा किया। आरसीबी टीम के लिए ये कठिन लक्ष्य था। अब सबकी नज़र बैंगलौर टीम के क्रिस गेल पर जा टिकी थी जो अच्छे फ़ॉम में चल रहे थे। कप्तान धोनी को ये बात मालूम थी कि क्रिस गेल अश्विन की ऑफ़ स्पिन गेंद को खेलने में असहज हैं। अश्विन ने भी अपने कप्तान को निराश नहीं किया और क्रिस गेल को पहले ही ओवर में शून्य पर आउट कर दिया। मैच का नतीजा यहीं से तय हो गया। आरसीबी क्रिस गेल पर काफ़ी निर्भर थी ताकि शुरुआती रन बने और बड़े लक्ष्य को पार किया जा सके। अश्विन की नई गेंद से बैंगलौर की टीम को झटका लगा और चेन्नई की टीम लगातार दूसरी बार आईपीएल चैंपियन बनी।
#4 धोनी के ख़िलाफ़ 'गंभीर' रणनीति
गौतम गंभीर हमेशा अपने आक्रामक खेल के लिए जाने जाते हैं, वो जिस तरह मैदान में व्यवहार करते हैं उससे उनके मैच जीतने की भूख साफ़ दिखाई देती है। जब साल 2016 में ईडन गार्डेन में कोलकाता नाइटराइडर्स और राइज़िंग पुणे सुपरजायंट का मुक़ाबला जारी था तब गंभीर की सबसे आक्रामक कप्तानी देखने को मिली थी। जब धोनी बैटिंग के लिए पिच पर आए तो गंभीर ने उनकी ईद गिर्द 3 फ़ील्डर लगा दिए। इस मैच में बारिश का भी दख़ल शामिल था। धोनी उस वक़्त बल्लेबाज़ी करने आए थे जब पुणे का स्कोर 74/4 था। गंभीर ने धोनी के आस-पास जैसी फ़ील्डिंग लगाई वो टी-20 में देखने को काफ़ी कम मिलता है। इस तरह गंभीर ने बल्लेबाज़ी करने वाली पुणे टीम पर दबाव बनाना शुरु किया। जिसकी नतीजा ये हुआ कि धोनी 22 गेंद में 8 रन ही बना सके और केकेआर ये मैच जीत गई।
#3 सुनील नारेन ने साल 2017 में केकेआर के लिए टॉप ऑर्डर में बल्लेबाज़ी की
ये आईपीएल 2017 का एक बेहद रोचक मामला था जब केकेआर के कप्तान गौतम गंभीर ने सुनील नरेन को टॉप ऑर्डर में बल्लेबाज़ी करने के लिए भेजा। केकेआर मैनेजमेंट ने ये फ़ैसला इसलिए लिया था क्योंकि सुनील गेंद को दूर तक पहुंचाने में माहिर थे। उस दिन सुनील ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटर क्रिस लिन के साथ बल्लेबाज़ी कर रहे थे। ये दोनों खिलाड़ी विपक्षी टीम के लिए सिरदर्द बन गए। नरेन ने महज़ 15 गेंदों में अर्धशतक ठोंक डाला और केकेआर टीम को जीत दिलाने में मदद की।
#2 गेल का साल 2011 में आरसीबी टीम में शामिल होना
क्रिस गेल पहले 3 आईपीएल सीज़न में केकेआर टीम के सदस्य थे, लेकिन वो ख़ुद की छाप छोड़ने में नाकाम रहे। यही वजह रही कि साल 2011 की आईपीएल नीलामी में उनका कोई ख़रीदार नहीं मिला। उसी सीज़न में आरसीबी टीम ने ड्रिक नेंस की जगह क्रिस गेल को अपनी टीम में शामिल किया। साल 2011 में आरसीबी टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही, इस टीम ने पहले 4 मैच में सिर्फ़ 1 मुक़ाबला जीता था। गेल को पाकिस्तान के ख़िलाफ़ वेस्टइंडीज़ टीम में शामिल नहीं किया गया था। ऐसे में वो बैंगलौर टीम में खेलने के लिए तैयार हुए। उन्होंने आरसीबी के साथ अपने पहले ही मैच में धमाल मचा दिया और 55 गेंद में 102 रन बनाए। उसके बाद गेल ने एक के बाद एक इतिहास बना दिया।
#1 2010 के आईपीएल फ़ाइनल में काइरोन पोलार्ड के ख़िलाफ़ धोनी की फ़ील्ड सेटिंग
2010 के आईपीएल सीज़न का फ़ाइनल मुक़ाबला मुंबई और चेन्नई के बीच जारी था। मुंबई को जीत के लिए आख़िरी 7 गेंदों में 27 रन की ज़रूरत थी। मुंबई की तरफ़ से पोलार्ड ढाल की तरह खड़े थे। वो काफ़ी आक्रामक दिख रहे थे। ऐसे में धोनी ने एक ऐसी फ़िल्ड पोजिशन लगाई जो आजतक बेहद कम देखी या सुनी गई थी पोलार्ड के लिए धोनी ने मिड ऑन को बिल्कुल स्ट्रेट लगा दिया था, जिसका फ़ायदा ये हुआ कि अगली ही गेंद में पोलार्ड आउट हो गए। इसके बाद धोनी की टीम ने पहली दफ़ा आईपीएल ट्रॉफ़ी पर कब्ज़ा जमाया। लेखक- ब्रोकेन क्रिकेट अनुवादक- शारिक़ुल होदा