IPL: मुंबई इंडियन्स और चेन्नई सुपर किंग्स की 5 सबसे यादगार भिड़ंत

2018 में आईपीएल का 11वां एडिशन खेला जाना है, जो 7 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। पहला मैच, पिछले साल की विजेता रही मुंबई इंडियन्स और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच चेन्नई में खेला जाना है। 2008 में आईपीएल के आगाज के बाद से ही ये दोनों टीमें टूर्नामेंट में कई बार नॉक-आउट मैचों में एक-दूसरे के सामने आ चुकी हैं। दोनों ही टीमों का फैन बेस बेहद मजबूत है और एक तरह से दोनों के बीच मैच के दौरान, फैन्स के लिए हालात वैसे ही होते हैं, जैसे भारत और पाकिस्तान के मुक़ाबले के दौरान। ये दोनों टीमें कुल 24 बार एक-दूसरे का सामना कर चुकी हैं, जिनमें से 13 बार मुंबई ने बाज़ी मारी है। जीत के मामले में मुंबई, चेन्नई से कुछ कदम आगे है। आइए जानते हैं, दोनों टीमों की ऐसी 5 भिड़ंत, जो फ़ैन्स के ज़हन में आज तक ताज़ा हैं:

#5 25वां मैच (22 अप्रैल, 2011)

इस मैच से सिर्फ़ 20 दिन पहले भारत ने विश्व कप जीता था। मुंबई की कप्तानी सचिन के और चेन्नई की धोनी के हाथों में थीं। चेन्नई की पिच धीमी थी और मुंबई की टीम पहले बल्लेबाज़ी कर रही थी। तेंदुलकर की टीम के पास रोहित शर्मा, काइरोन पोलार्ड और एंड्र्यू सायमंड्स जैसे बेहतरीन बल्लेबाज़ थे। चेन्नई के गेंदबाजों ने बेहतरीन शुरूआत करते हुए, पहले 4 ओवरों के अंदर ही दोनों ओपनर्स को पवेलियन भेज दिया। इस मैच में मुंबई की पारी को रोहित शर्मा ने संभाला और उनके 87 रनों की बदौलत टीम 164 रन बनाने में कामयाब रही। धोनी की टीम चुनौती के लिए पूरी तरह से तैयार थी। उनके पास मुरली विजय, सुरेश रैना, माइकल हसी, एल्बी मॉर्कल और एस बद्रीनाथ जैसे बल्लेबाज़ थे। चेन्नई ने एक औसत शुरूआत की, इसके बाद बद्रीनाथ और हसी ने 2 विकेट गिरने के बाद पारी को अपने हाथ में लिया और रनों की रफ़्तार बढ़ाई। 18वें ओवर तक मैच, सहजता से चेन्नई के पक्ष में जाता दिख रहा था। उन्हें जीत के लिए, आख़िरी तीन ओवरों 30 रनों की ज़रूरत थी। मैच का टर्निंग पॉइंट अभी बाक़ी था। हरभजन सिंह ने बाज़ी पलटते हुए एक ओवर में सिर्फ़ 2 रन देकर चेन्नई के 3 बल्लेबाज़ों को चलता किया। उन्होंने एल्बी मॉर्कल, रविचंद्रन अश्विन और जोगिंदर शर्मा के विकेट चटकाए। बद्रीनाथ फ़ॉर्म में थे, लेकिन भज्जी ने उन्हें स्ट्राइक लेने का मौका ही नहीं दिया। इसके बाद लसिथ मलिंगा ने चेन्नई की उम्मीदों को पूरी तरह से ही खत्म कर दिया। हरभजन सिंह ने 18 रन देकर 5 विकेट लिए और उन्हें ‘मैन ऑफ़ द मैच’ चुना गया।

#4 8वां मैच ( 23 अप्रैल, 2008)

यह दोनों टीमों के बीच पहला मुक़ाबला था। आईपीएल-2008 में इन दो टीमों को ख़िताब के सबसे प्रबल दावेदारों में गिना जा रहा था। पिच सपाट थी और धोनी की टीम पहले बल्लेबाज़ी कर रही थी। चेन्नई ने अपने शुरूआती दो विकेट जल्द ही खो दिए, लेकिन इसके बाद मैथ्यू हेडन और सुरेश रैना ने आक्रामकता बरकरार रखते हुए बेहतरीन साझेदारी की और 104 रन जोड़े। हेडन ने 46 गेंदों में 81 रन बनाए। इसके बाद रही-सही कसर धोनी ने आख़िर के कुछ ओवरों में पूरी कर दी। धोनी ने 16 गेंदों में 30 रन बना डाले, चेन्नई ने मुंबई को 209 रनों का लक्ष्य दिया, जो उनके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था। पारी को रफ़्तार देने की कोशिश में मुंबई ने अपने शुरूआती दो विकेट जल्द ही गंवा दिए। इसके बाद रॉबिन उथप्पा ने पारी को फिर से पटरी पर लाने का काम किया। मुंबई को आख़िरी चार ओवरों में 62 रनों की ज़रूरत थी। मैच मुंबई के हाथों से फिसलता नज़र आ रहा था, लेकिन अभिषेक नायर ने कुछ रोमांच पैदा कर दिया। नायर ने अमरनाथ के एक ओवर में 21 रन जड़ डाले। अगले ओवर में मुंबई के कप्तान हरभजन सिंह ने जैकब ओरम की गेंदों पर 2 छक्के लगा दिए। अब 2 ओवरों में 28 रनों की ज़रूरत थी। मुरलीधरन ने चेन्नई के फ़ैन्स को राहत देते हुए बेहतरीन ओवर किया और सिर्फ़ 9 रन दिए और हरभजन का विकेट भी लिया। आख़िरी ओवर जोगिंदर शर्मा ने डाला और मुंबई की टीम जीत से कुछ कदम दूर, 202 रनों पर सिमट गई। मैथ्यू हेडन को 'मैन ऑफ़ द' मैच चुना गया।

#3 33वां मैच (10 मई, 2014)

मौका था, आईपीएल-2014 के 33वें मैच का और जगह थी, मुंबई का वानखेड़े स्टेडियम। मुंबई ने पिच के हिसाब से गलत सेलेक्शन किया और स्पिनिंग ट्रैक पर वे सिर्फ़ एक स्पिनर के साथ खेल रहे थे। मुंबई की टीम पहले बल्लेबाजी करने उतरी। मुंबई की शुरूआत बेहद धीमी रही। लेंडल सिमन्स विकेटों का पतन रोकने के लिए किसी तरह पिच पर जमे रहे, लेकिन रनों की गति को बरकरार नहीं रख पाए। रोहित शर्मा ने हालात संभाले और उनकी 59 रनों की पारी की बदौलत मुंबई का स्कोर 157 रनों तक पहुंच सका। मुंबई पर बहुत दबाव था। मैदान पर नमी थी और चेन्नई के लिए लक्ष्य बेहद आसान दिख रहा था। चेन्नई की पारी की शुरूआत भी अच्छी नहीं रही और उन्होंने ओपनर ब्रेंडन मैकुलम का विकेट जल्द ही गंवा दिया। ड्वेन स्मिथ और फाफ डू प्लेसी ने एक औसत रन रेट बरकरार रखा। मुंबई ने मलिंगा को जिम्मेदारी सौंपी और उन्होंने अपना काम कर दिखाया। मलिंगा ने डू प्लेसी को पवेलियन भेज दिया। चेन्नई को जीत के लिए आख़िरी तीन ओवरों में 27 रनों की ज़रूरत थी और जिम्मेदारी थी कप्तान धोनी के ऊपर। मलिंगा ने एक और शानदार ओवर फेंका और अब चेन्नई को आख़िरी ओवर में 11 रनों की दरकार थी। स्ट्राइक पर थे विश्व के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर महेंद्र सिंह धोनी। धोनी ने ओवर की तीसरी गेंद पर मैच खत्म कर दिया। ड्वेन स्मिथ को उनके 57 रनों के योगदान को देखते हुए 'मैन ऑफ़ द मैच' चुना गया।

#2 43वां मैच (8 मई, 2015)

मुंबई की कप्तानी रोहित शर्मा के हाथों में थी। चेन्नई का विकेट धीमा था और टीम पहले बल्लेबाज़ी कर रही थी। सुपर किंग्स ने एक सधी हुई शुरूआत की। 16वें ओवर तक चेन्नई की टीम रनों की रफ़्तार बढ़ाने के लिए संघर्ष ही करती रही। पवन नेगी ने आकर हालात कुछ बदले और एक तेज़ पारी खेली। उन्होंने 17 गेंदों में 36 रन बनाए और चेन्नई का स्कोर पहुंचा 158 रन। चेन्नई के विकेट पर यह स्कोर चेज़ करना आसान नहीं था। ओपनर्स ने मुंबई की टीम को एक अच्छी शुरूआत दी और 11वें ओवर में पार्थिव पटेल का विकेट गिरने से पहले, सलामी जोड़ी ने 84 रन जोड़े। लेकिन इसके बाद अगले 2 रनों पर मुंबई के तीन बल्लेबाज़ आउट हो गए। कप्तान रोहित भी सिर्फ़ 18 रन ही बना सके। मुंबई को आख़िरी दो ओवरों में 30 रनों की ज़रूरत थी और स्ट्राइक हार्दिक पांड्या के पास थी। पांड्या ने नेगी के ओवर में तीन छक्के जड़ दिए और मैच मुंबई के पाले में आ गया। अंबाती रायुडू ने भी नेगी की आख़िरी गेंद पर एक छक्का लगा दिया। नेगी के ओवर से कुल 25 रन आए, बची कसर आख़िरी ओवर में पूरी हो गई और मुंबई इंडियन्स मैच जीत गई। हार्दिक पांड्या को 'मैन ऑफ़ द मैच' चुना गया।

#1 49वां मैच (6 मई, 2012)

मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया आईपीएल का यह मैच, मुंबई और चेन्नई की सबसे यादगार भिड़ंतों में से एक था। चेन्नई को पहले बल्लेबाज़ी करनी थी, पहले विकेट के लिए 47 रनों की साझेदारी हुई। रैना, विजय और ब्रावो की पारियों की बदौलत चेन्नई का स्कोर 173 रनों तक पहुंच गया। आरपी सिंह और मलिंगा के खाते में 3-3 विकेट आए। मुंबई का पहला विकेट सिर्फ़ 8 रनों पर ही गिर गया, लेकिन इसके बाद रोहित शर्मा और सचिन तेंदुलकर ने कोई ग़लती नहीं की। दूसरे विकेट के लिए दोनों बल्लेबाज़ों ने 126 रन जोड़े। सचिन के आउट होने के बाद, अगले 4 ओवरों में टीम ने सिर्फ़ 24 रनों पर 5 विकेट गंवा दिए। अब मुंबई को जीत के लिए आख़िरी ओवर में 16 रन चाहिए थे। दूसरी गेंद पर मलिंगा का विकेट गिरा, अब तीन गेंदों पर 14 रन की दरकार थी। ड्वेन स्मिथ स्ट्राइक पर थे, मुंबई की जीत की उम्मीद बेहद धुंधली थी, लेकिन स्मिथ ने नामुमकिन सी दिखने वाली जीत को मुमकिन बना दिया। स्मिथ ने सिर्फ़ 9 गेंदों में नाबाद 24 रन बनाए। उन्हें 'मैन ऑफ़ द मैच' चुना गया। लेखकः शिव धवन अनुवादकः देवान्श अवस्थी

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