#3 33वां मैच (10 मई, 2014)
मौका था, आईपीएल-2014 के 33वें मैच का और जगह थी, मुंबई का वानखेड़े स्टेडियम। मुंबई ने पिच के हिसाब से गलत सेलेक्शन किया और स्पिनिंग ट्रैक पर वे सिर्फ़ एक स्पिनर के साथ खेल रहे थे। मुंबई की टीम पहले बल्लेबाजी करने उतरी। मुंबई की शुरूआत बेहद धीमी रही। लेंडल सिमन्स विकेटों का पतन रोकने के लिए किसी तरह पिच पर जमे रहे, लेकिन रनों की गति को बरकरार नहीं रख पाए। रोहित शर्मा ने हालात संभाले और उनकी 59 रनों की पारी की बदौलत मुंबई का स्कोर 157 रनों तक पहुंच सका। मुंबई पर बहुत दबाव था। मैदान पर नमी थी और चेन्नई के लिए लक्ष्य बेहद आसान दिख रहा था। चेन्नई की पारी की शुरूआत भी अच्छी नहीं रही और उन्होंने ओपनर ब्रेंडन मैकुलम का विकेट जल्द ही गंवा दिया। ड्वेन स्मिथ और फाफ डू प्लेसी ने एक औसत रन रेट बरकरार रखा। मुंबई ने मलिंगा को जिम्मेदारी सौंपी और उन्होंने अपना काम कर दिखाया। मलिंगा ने डू प्लेसी को पवेलियन भेज दिया। चेन्नई को जीत के लिए आख़िरी तीन ओवरों में 27 रनों की ज़रूरत थी और जिम्मेदारी थी कप्तान धोनी के ऊपर। मलिंगा ने एक और शानदार ओवर फेंका और अब चेन्नई को आख़िरी ओवर में 11 रनों की दरकार थी। स्ट्राइक पर थे विश्व के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर महेंद्र सिंह धोनी। धोनी ने ओवर की तीसरी गेंद पर मैच खत्म कर दिया। ड्वेन स्मिथ को उनके 57 रनों के योगदान को देखते हुए 'मैन ऑफ़ द मैच' चुना गया।