एशिया कप में श्रीलंका पर अफगानिस्तान की जीत क्रिकेट जगत में नया संदेश दे रहा है। यह सूचक है कि अब सिर्फ पुराने रिकॉर्ड के आधार पर किसी टीम को कम नहीं आंका जा सकता। भारत भी ऐसी गलती नहीं करना चाहेगा। इंग्लैंड में होने वाले 2019 विश्व कप की तैयारियों में लगी टीम इंडिया फिलहाल विदेशी पिचों पर जूझ रही है। बात चाहे साल के शुरू में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर गए भारतीय टीम की हो या हाल के इंग्लैंड दौरे की। दोनों में टीम संतोषजनक स्थिति में नहीं थी। अब जब विश्व कप में लगभग नौ महीने बचे हैं तो भारतीय टीम अपनी कमोजर कड़ी को दुरुस्त कर ऑस्ट्रेलिया में बेहतर करने की रणनीति बना रही है। वर्तामान में भारत की सबसे बड़ी कमजोरी उसका मध्यक्रम है। आज बात इसी क्रम में बल्लेबाजी करने वाले कुछ बेहतरीन बल्लेबाजों का जिन्हें विश्व कप में जगह मिलने की उम्मीद है। अजिंक्य रहाणे अजिक्य रहाणे भारतीय टीम के लिए मध्यक्रम में बल्लेबाजी करने वाले भरोसेमंद खिलाड़ियों में शामिल हैं। हालांकि हाल के दिनों में उनका प्रदर्शन काफी खराब रहा है। आइपीएल से ही रहाणे रन बनाने के लिए जूझ रहे हैं। इंग्लैंड दौररे पर भी उनके खाते में दो ही अर्धशतक आए थे। हालांकि उनके पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए आज भी उन्हें क्लास बैट्समैन ही माना जाता है। रहाणे एक दिवसीय मैचों में 35.26 के औसत से 90 मैचों में 2962 रन बना चुके हैं। रहाणे को विजय हजारे ट्रॉफी में मुंबई की कप्तानी सौंपी गई है और यह उनके लिए स्वर्णिम मौका है। अंबाती रायडू एक बल्लेबाज जिसकी रन बनाने की औसत 50 के पार हो उसे भारतीय टीम कैसे भूल सकती है। जी हां, अंबाती रायडू ने एक दिवसीय मैचों में 50.23 के औसत रन बटोरे हैं। हालांकि चोट और कुछ विवादों के कारण उन्हें भारत की ओर से खेलने का मौका कम ही मिला है। उन्होंने 34 एक दिवसीय मैचों की 30 पारियों में 1055 रन बनाए हैं। इसमें दो शतक और छह अर्ध शतक शामिल हैं। आइपीएल के इस सत्र में रायडू की बल्लेबाजी ने एक बार फिर टीम मैनेजमेंट का ध्यान खींचा। आइपीएल के दौरान उन्होंने 43 के औसत से 16 मैचों में 602 रन बनाए। इस प्रदर्शन के बाद यह तय था कि इंग्लैंड दौरे के लिए टीम में रायडू को जगह मिलेगी लेकिन यो यो टेस्ट में फेल होने के कारण एक बार फिर वो भारतीय टीम में वापसी से वंचित रह गए। हालांकि एशिया कप के दौरान उन्हें टीम में जगह मिली है और इस टूर्नामेंट के प्रदर्शन से आगामी विश्व कप टीम वे जगह पा सकते हैं। मनीष पांडे मनीष पांडे एक बेहद ही संतुलित मध्यक्रम बल्लेबाज की भूमिका में अपनी पहचान बना रहे थे। लेकिन पिछले कुछ प्रदर्शन ने इस बल्लेबाज को लइमलाइट से दूर कर दिया। एक समय टी-20 के मंझे बल्लेबाजों की श्रेणी में शामिल पांडे ने जनवरी 2016 में सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धुआंधार शतकीय पारी खेलकर एक दिवसीय में भी धाक जमानी शुरू कर दी थी। पांडे ने 22 एक दिवसीय मैच की 17 पारियों में 39.27 के औसत से 432 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने एक शतक औऱ दो अर्धशतक भी लगाए हैं। उनकी समझ भारी पारी के कारण नंबर चार पर बल्लेबाजी के लिए उन्हें सटीक माना जाने लगा था। हालांकि लगातार फॉर्म से बाहर रहने के कारण भारतीय टीम में वापसी के लिए पांडे को जूझना पड़ रहा है। अगर अगले नौ महीने में उनका बल्ला चलने लगात है तो शायद एक बार फिर उन्हें नंबर चार पर बल्लेबाजी के लिए बुला लिया जाए। केदार जाधव भारतीय टीम को केदार जाधव के रूप में एक बेहतरीन बैटिंग ऑलराउंडर मिला। एशिया कप में शानदार प्रदर्शन से वह विश्व कप टीम के लिए अपनी दावेदारी मजबूत कर सकते हैं। एक दिवसीय मैचों में 33 साल के इस बल्लेबाज ने कई यादगार पारियां खेली हैं। जनवरी 2017 में भारत दौरे पर आई इंग्लैंड टीम के खिलाफ पुणे में जाधव ने धमाकेदार शतकीय पारी खेली थी। इसी सीरीज में जाधव ने कोलकाता में 75 गेंद में 90 रन की पारी खेली। हालांकि उन्हें भी चोट ने टीम से बाहर कर दिया। जाधव मध्यक्रम में संयमित बल्लेबाजी करने के साथ जरूरत पड़ने पर गेंदबाजी भी कर सकते हैं। इससे वे टीम के लिए ऑलराउंडर की भूमिका में भी फिट बैठते हैं। अब देखना होगा कि एशिया कप में उनका प्रदर्शन कैसा रहता है। दिनेश कार्तिक दिनेश कार्तिक भारतीय टीम का ऐसा बल्लेबाज है जिसने वापसी के साथ अपनी आक्रमक बल्लेबाजी से सबको चौका दिया है। कार्तिक टीम में विकेटकीपर के तौर पर शामिल किए जाते रहे हैं लेकिन जब तक महेंद्र सिंह धोनी हैं उन्हें अपनी बल्लेबाजी से ही कमाल दिखाना होगा। इंग्लैंड दौरे को भूल जाएं तो कार्तिक मध्यक्रम में बल्लेबाजी के लिए उपयुक्त बल्लेबाज हैं। उनकी बल्लेबाजी तकनीक भी बेहतर है। हालांकि इंग्लैंड दौरे पर उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा था लेकिन इंडियन प्रीमियर लीग के बीते चरण में उन्होंने जैसे बल्लेबाजी की वो चयनकर्ताओं को लुभा सकता है। कार्तिक तेजी से रन बटोरने में माहिर हैं। निधास ट्रॉफी में बांग्लादेश के खिलाफ 18 गेंद में 39 रन की पारी खेल कर उन्होंने जाता दिया कि वे भी बेहतरीन फिनिशर बन सकते हैं।