एंड्र्यू फ्लिंटॉफ 2009 की आईपीएल नीलामी में सबसे महंगे खिलाड़ी साबित हुए। लेकिन अपनी कीमत के हिसाब से वो कभी भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। 2009 की आईपीएल नीलामी से पहले ही उन्हें टीम में लाने की कवायद शुरु हो गई थी। बाद में खुलासा हुआ कि पूर्व आईपीएल चेयरमैन ललित मोदी की कृपा से उन्हें टीम में शामिल किया गया और उनके लिए $1.55 मिलियन की भारी-भरकम रकम अदा की गई। चेन्नई की टीम के पास पूरे 2 मिलियन खर्च करने के लिए थे। सीएसके तब पसंदीदा टीम थी जिसके बारे में मोदी ने बाद में खुलासा किया उन्होंने सीएनएन-आईबीएन को दिए एक इंटरव्यू में ये बात कही। जिसके बाद फ्लिंटॉफ, केविन पीटरसन के साथ सबसे महंगे खिलाड़ी बने। केविन पीटरसन को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरु की टीम ने खरीदा था। इसको लेकर काफी विवाद भी हुआ था। हालांकि चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से खेलते फ्लिंटॉफ कभी भी फॉर्म में नहीं दिखे। हर मौके पर उन्होंने निराश किया। इस बात को उन्होंने खुद भी स्वीकार किया है कि सीएसके की टीम में रहते हुए वो अच्छा नहीं कर पाए। फ्लिंटॉफ ने सीएसके की तरफ से 31 की औसत से महज 62 रन बनाए। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 116.9 था। वहीं 3 मैचों में 9.54 के इकॉनामी रेट से वो मात्र 2 ही विकेट ले सके। उसी आईपीएल सीजन में वो चोटिल हो गए और पूरे टूर्नामेंट से बाहर हो गए। हालांकि उसी साल उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास भी ले लिया इसके बाद उन्होंने कभी भी आईपीएल में हिस्सा नहीं लिया।