क्रिकेट में कभी भी कुछ भी हो सकता है। भारतीय क्रिकेट 21 वीं सदी की शुरुआत में काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। खासकर विदेशी धरती पर टेस्ट क्रिकेट के मामले में भारतीय टीम को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। 21वीं सदी की शुरुआत में ही सचिन तेंदुलकर ने भारत में दक्षिण अफ़्रीका के हाथों सीरीज गंवा देने के बाद टीम इंडिया की कप्तानी से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद सौरव गांगुली को टीम की कमान सौंपी गई। सौरव गांगुली के हाथों में टीम की कमान सौंपे जाने के बाद टीम इंडिया ने घरेलू जमीन पर ही नहीं बल्कि विदेशी धरती पर भी शानदार प्रदर्शन किया। वीरेंदर सहवाग, हरभजन सिंह, जहीर खान, इरफान पठान, महेंद्र सिंह धोनी जैसे खिलाड़ियों के कारण टीम इंडिया को मजबूती मिली और टीम ने विदेशी धरती पर टेस्ट मैचों में शानदार प्रदर्शन किया। आइए टीम इंडिया के जरिए 21वीं सदी में विदेशी धरती पर हासिल की गई यादगार टेस्ट जीत पर डालते हैं एक नजर:
#5 दक्षिण अफ़्रीका बनाम भारत, जोहांसबर्ग 2006
15 सालों के बाद साल 2006 में ऐसा पहला मौका आया था जब भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका में अपनी पहली जीत दर्ज की। साल 2006 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ जोहांसबर्ग में खेले गए टेस्ट मुकाबले में भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को 123 रनों से मात दी। इसके साथ ही टीम ने साउथ अफ्रीका पर सीरीज में 1-0 से बढ़त भी हासिल कर ली। इस मैच में टीम इंडिया की कप्तानी राहुल द्रविड़ के हाथों में थी। इस मैच में सौरव गांगुली ने भी अपनी फॉर्म में वापसी की और 51 रनों की पारी खेली। जिसके कारण भारतीय टीम 249 रन बनाने में कामयाब हो सकी। बल्लेबाजी के अलावा गेंदबाजी में टीम इंडिया की ओर से एस श्रीसंत ने शानदार गेंदबाजी की और साउथ अफ्रीका की कमर ही तोड़ डाली। श्रीसंत ने 40 रन देकर 5 विकेट अपने नाम किए। विदेशी धरती पर किसी भी भारतीय तेज़ गेंदबाज के जरिए किया गया ये सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी स्पेल था। इसके चलते साउथ अफ्रीका की टीम 100 रनों का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई और 84 रनों पर ही सिमट गई। इसके बाद दूसरी पारी में भारत की ओर से वीवीएस लक्ष्मण ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 73 रनों की पारी खेली। जिसके चलते भारतीय टीम दूसरी पारी में सिर्फ 236 रन ही बना पाई। इसके साथ ही साउथ अफ्रीका को जीत के लिए भारतीय टीम ने 401 रनों का लक्ष्य दिया। साउथ अफ्रीका के सामने एक बड़ा स्कोर खड़ा करके टीम इंडिया ने फिर से गेंदबाजी में शानदार प्रदर्शन किया। साउथ अफ्रीका की ओर से अश्वेल प्रिंस ने दूसरी पारी में शानदार बल्लेबाजी की लेकिन उनकी ये बल्लेबाजी टीम की हार नहीं टाल सकी। भारतीय टीम ने दूसरी पारी में शानदार गेंदबाजी करते हुए साउथ अफ्रीका को 278 रनों पर सिमेट दिया। जहीर खान, श्रीसंत और अनिल कुंबले की जोड़ी ने साउथ अफ्रीका के बल्लेबाजों को क्रीज पर टिकने तक नहीं दिया और विकेट झटकते गए। तीनों गेंदबाजों ने तीन-तीन विकेट अपने नाम किए। इसके साथ ही विदेशी धरती पर भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ एक यादगार जीत दर्ज करने में कामयाबी हासिल की। भारत 249 (सौरव गांगुली 51, शॉन पोलॉक 4/39) और 236 (वीवीएस लक्ष्मण 73, शॉन पोलॉक 3/33) ने साउथ अफ्रीका 84 ( अश्वेल प्रिंस 24, श्रीसंत 5/40) & 278 ( अश्वेल प्रिंस 97, अनिल कुंबले 3/54) को 123 रनों से हरा दिया।
#4 इंग्लैंड बनाम भारत, लॉर्ड्स 2014
28 सालों से भारतीय टीम ने लॉर्ड्स में कोई भी टेस्ट मैच नहीं जीता था। साल 2014 में भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स के मैदान पर टेस्ट मैच खेला। भारतीय टीम को उम्मीद नहीं थी कि वो इस मुकाबले में इंग्लैंड की टीम से बेहतर कर पाएगी। इस मैच की पहली पारी में भारत की ओर से अजिंक्य रहाणे ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए शतकीय पारी खेली। उन्होंने 103 रन बनाए, वहीं इस दौरान भुवनेश्वर कुमार ने भी टीम को मजबूती प्रदान करते हुए 36 रनों की पारी खेली। भारतीय टीम का स्कोर एक वक्त 7 विकेट के नुकसान पर 145 रन था। जिसके बाद भारतीय टीम आखिर में 295 रनों पर ऑल ऑउट हो गई। बल्लेबाजी के बाद भुवनेश्वर कुमार ने गेंदबाजी में भी शानदार प्रदर्शन किया। पहली पारी में बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए भुवनेश्वर कुमार ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों की नाक में दम कर दिया। उन्होंने पहली पारी में 82 रन देते हुए 6 विकेट हासिल किए। जिसके बूते इंग्लैंड की पारी को भारतीय टीम 319 रनों पर सिमेटने में कामयाब रही। गैरी बैलेंस ने इस पारी में शतक लगाया। इसके साथ ही पहली पारी में इंग्लैंड को भारतीय टीम पर 24 रनों की बढ़त मिल गई। दूसरी पारी में भारतीय टीम की शुरुआत खराब रही और टीम इंडिया के 123 रनों के स्कोर पर ही 4 विकेट पैवेलियन लौट चुके थे। इस वक्त तक टीम इंडिया को इंग्लैंड पर महज 98 रनों की बढ़त ही हासिल हो पाई थी। हालांकि मैदान पर एक छोर संभाले हुए मुरली विजय ने टीम के लिए रन स्कोर किए और 95 रनों की शानदार पारी खेली। इसके अलावा भारतीय टीम के निचले क्रम के बल्लेबाजों ने भी अपनी प्रतिभा दिखाई और टीम के लिए रन स्कोर किए। इसमें रविंद्र जडेजा ने 68 रनों की तेज तर्रार पारी खेलकर टीम इंडिया के लिए रन स्कोर किए। वहीं भुवनेश्वर कुमार ने फिर से शानदार बल्लेबाजी करते हुए अर्धशतकिय पारी खेली और 52 रनों का योगदान दिया। इनकी बदौलत टीम इंडिया ने दूसरी पारी में 342 रन बनाए। इसके साथ ही टीम इंडिया ने इंग्लैंड को जीत के लिए 318 रनों का लक्ष्य दिया। हालांकि इंग्लैंड की बल्लेबाजी इशांत शर्मा की बेहतरीन गेंदबाजी के आगे बेदम नजर आई। इशांत शर्मा की गेंदबाजी इंग्लैंड के बल्लेबाजों पर हावी रही। अपनी शानदार गेंदबाजी के चलते इशांत शर्मा ने 74 रन देकर 7 विकेट अपने नाम किए। इशांत शर्मा की गेंदबाजी के चलते ही टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 223 रनों पर रोकने में कामयाबी हासिल की। जिसकी बदौलत टीम इंडिया ने इंग्लैंड पर शानदार 95 रनों की जीत हासिल की। भारत 295 (अजिंक्य रहाणे 103, जेम्स एंडरसन 4/60) और 342 ( मुरली विजय 95, बेन स्टोक्स 3/51) ने इंग्लैंड 319 (गैरी बैलेंस 110, भुवनेश्वर कुमार 6/82) और 223 (जो रुट 66, इशांत शर्मा 7/74) को 95 रनों से हराया।
#3 ऑस्ट्रेलिया बनाम भारत, पर्थ 2008
बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2007-08 में भारत 0-2 से पिछड़ा हुआ था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरा टेस्ट मैच टीम इंडिया ने पर्थ के मैदान में खेला। इस मैच से पहले ऑस्ट्रेलिया लगातार 16 टेस्ट मैचों में जीत दर्ज कर चुकी थी और अपनी 17वीं जीत की ओर कदम बढ़ा रही थी। इस मैच की पहली पारी में भारतीय टीम की ओर से राहुल द्रविड़ ने 93 रनों की बेहतरीन पारी खेली तो वहीं सचिन तेंदुलकर भी पीछे नहीं रहे और उन्होंने 71 रनों की पारी खेली। जिसके चलते पहली पारी में टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के सामने 330 रनों का स्कोर खड़ा करने में कामयाब रही। इसके बाद गेंदबाजी में भी भारतीय गेंदबाजों ने निराश नहीं किया और ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की नींद हराम करके रख दी। भारतीय गेंदबाजी में आरपी सिंह और इराफन पठान की जोड़ी ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों पर कहर ढाया। आरपी सिंह ने जहां शानदार गेंदबाजी करते हुए 68 रन देकर 4 विकेट अपने नाम किए तो वहीं इरफान पठान ने 63 रन देकर 2 विकेट झटके। जिसकी बदौलत टीम इंडिया ऑस्ट्रेलियाई टीम को पहली पारी में 212 रनों पर ही रोकने में कामयाब रही। इसके साथ ही टीम इंडिया को पहली पारी में 118 रनों की बढ़त भी हासिल हो गई। दूसरी पारी में वीवीएस लक्ष्मण ने लाजवाब बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया के लिए 79 रनों का योगदान दिया। इसके साथ ही दूसरी पारी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के सामने 294 रन बनाए। टीम इंडिया के इस स्कोर की बदौलत ऑस्ट्रेलिया को जीत हासिल करने के लिए वर्ल्ड रिकॉर्ड 413 रनों का लक्ष्य मिला। ये जीत ऑस्ट्रेलिया की लगातार 17वीं जीत होती लेकिन ऑस्ट्रेलिया को इस टेस्ट मैच में भारत से हार का सामना करना पड़ा। जिस कारण ऑस्ट्रेलिया का लगातार टेस्ट मैच जीतने का अभियान भी टूट गया। 413 रनों के लक्ष्य के जवाब में ऑस्ट्रेलिया की ओर से माइकल क्लार्क ने 81 रनों की पारी खेली। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया का कोई भी बल्लेबाज कोई खास कमाल नहीं दिखा पाया। एंड्र्यू साइमंड्स (12), माइकल हसी (0) और एडम गिलक्रिस्ट (15) भी अपने बल्लेबाजी का कमाल नहीं दिखा पाए और सस्ते में पैवेलियन लौट गए। हालांकि मिचेल जॉनसन ने आखिर में संभलकर बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया के लिए 50 रन जरूर बटोरे लेकिन वो भी टीम को जीत तक नहीं पहुंचा पाए। भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 340 रनों पर सिमेट दी और इस मैच में 72 रनों से जीत हासिल की। भारत 330 (राहुल द्रविड़ 93, मिचेल जॉनसन 4/86) और 294 (वीवीएस लक्ष्मण 79, स्टुअर्ट क्लार्क 4/61) ने ऑस्ट्रेलिया 212 (एंड्रयू साइमंड्स 66, आरपी सिंह 4/68) और 340 (माइकल क्लार्क 81, इरफान पठान 3/54) को 72 रनों से हराया।
#2 इंग्लैंड बनाम भारत, लीड्स 2002
साल 2002 में भारत ने लीड्स में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मुकाबला खेला। इस मैच में भारतीय टीम की कप्तानी कर रहे सौरव गांगुली ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया को जल्द ही वीरेंदर सहवाग के रूप में झटका लग गया। वीरेंदर सहवाग टीम के लिए ज्यादा रन स्कोर नहीं कर पाए और 8 रन बनाकर पैवेलियन लौट गए। इसके बाद संजय बांगर और राहुल द्रविड़ ने टीम का स्कोर बोर्ड आगे बढ़ाते हुए शानदार बल्लेबाजी की। संजय बांगर ने अर्धशतक लगाते हुए जहां 68 रनों की पारी खेली तो वहीं राहुल द्रविड़ ने शतकिय पारी खेलते हुए 148 रन बनाए। इन दोनों खिलाड़ियों के अलावा इस मैच में सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली के बल्ले की आंधी भी देखने को मिली। सचिन तेंदुलकर ने इस मैच में विरोधी गेंदबाजी की धज्जियां उड़ाकर रख दी। सचिन तेंदुलकर ने इस मैच की पहली पारी में क्रीज पर डटकर 193 रन बनाए। इसके अलावा सौरव गांगुली ने भी शतकीय पारी खेलते हुए 128 रनों का योगदान दिया। इनकी बदौलत भारत ने 8 विकेट के नुकसान पर 628 रन बनाकर अपनी पहली पारी घोषित कर दी। इंग्लैंड के सामने पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा था। लेकिन बल्लेबाजों के बाद अब भारतीय गेंदबाजों ने अपना कमाल दिखाते हुए इंग्लैंड के जल्दी-जल्दी विकेट झटक लिए। पहली पारी में इंग्लैंड की ओर से एलेक्स स्टीवर्ट ने 78 रनों की पारी खेली। इसके अलावा माइकल वॉन ने 61 रनों का योगदान दिया। हालांकि इंग्लैंड की पहली पारी 273 रनों पर ही सिमट गई। जिसके कारण उन्हें फॉलोऑन का सामना भी करना पड़ा। दूसरी पारी में भी इंग्लैंड का पहली पारी जैसा ही हाल था। कोई भी इंग्लैंड का बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजी आक्रमण के आगे टिक नहीं पा रहा था। दूसरी पारी में इंग्लैंड की ओर से नासिर हुसैन ने शतकिय पारी खेलते हुए 110 रन बनाए। इस पारी में अनिल कुंबले ने 66 रन देकर 4 विकेट और हरभजन सिंह ने 56 रन देकर 1 विकेट अपने नाम किया। आखिर में भारतीय गेंदबाजी के आगे इंग्लैंड की दूसरी पारी 309 रनों पर ही ढेर हो गई। इसके साथ ही भारत को पारी और 46 रनों से जीत हासिल हुई। भारत 628/8 (सचिन तेंदुलकर 193, एंड्रयू कैंडिक 3/150) ने इंग्लैंड 273 (एलेक्स स्टीवर्ट 78*, हरभजन सिंह 3/40) और 309 (नासिर हुसैन 110, अनिल कुंबले 4/66) को पारी और 46 रनों से हराया।
#1 ऑस्ट्रेलिया बनाम भारत, एडिलेड 2003
21वीं सदी में भारत की विदेशी धरती पर सर्वश्रेष्ठ जीत साल 2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड के मैदान पर आई। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया की ओर से रिकी पॉन्टिंग ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 242 रनों की पारी खेली। जिसकी बदौलत ऑस्ट्रेलियाई टीम पहली पारी में 556 रनों का स्कोर खड़ा करने में कामयाब रही। हालांकि इसके बाद भारतीय बल्लेबाजों ने भी अपना पूरा दमखम दिखाया। भारतीय बल्लेबाजों ने ऑस्ट्रेलिया गेंदबाजी आक्रमण का डटकर सामना किया और स्कोर को 500+ पहुंचा दिया। पहली पारी में भारतीय टीम की ओर से राहुल द्रविड़ ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए 233 रनों की पारी खेली। इसके साथ ही वीवीएस लक्ष्मण ने भी टीम के स्कोर में शतकिय पारी खेलते हुए 148 रनों का योगदान दिया। इनकी बदौलत भारतीय टीम पहली पारी में 523 रनों पर ऑलऑउट हो गई। पहली पारी के बाद ऑस्ट्रेलिया को 33 रनों की बढ़त हासिल हो चुकी थी और मैच ड्रॉ होता हुआ नजर आ रहा था। लेकिन दूसरी पारी में भारतीय गेंदबाजों ने वो कारनामा कर दिखाया, जिसकी किसी को उम्मीद तक नहीं थी। भारतीय गेंदबाजी आक्रमण ने दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलियाई टीम को 200 रनों का स्कोर भी पार करने नहीं दिया और पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम को 196 रनों के स्कोर पर ही सिमेट कर रख दिया। इसमें भारत की ओर से अजीत गरकर ने 42 रन देकर 6 विकेट हासिल किए। जिसके बाद भारत को इस टेस्ट मैच में जीत हासिल करने के लिए 233 रनों का लक्ष्य मिला। 21 सालों के बाद भारतीय टीम ऑस्ट्रेलियाई सरज़मीं पर अपनी पहली जीत के लिए अग्रसर थी। लक्ष्य का पीछा करते हुए दूसरी पारी में भी राहुल द्रविड़ ने एक बार फिर शानदार बल्लेबाजी की और नाबाद 72 रनों की पारी खेलकर टीम इंडिया को जीत तक पहुंचाया। इसके साथ ही राहुल द्रविड़ ने इस मैच में अपने 300 रन भी पूरे किए। 6 विकेट के नुकसान पर भारतीय टीम ने आसानी से 233 रनों का लक्ष्य हासिल कर लिया और टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 विकेट से जीत हासिल की। राहुल द्रविड़ को मैन ऑफ द मैच चुना गया। ऑस्ट्रेलिया 556 (रिकी पॉन्टिंग 242, अनिल कुंबले 5/154) और 196 (एडम गिलक्रिस्ट 43, अजित अगरकर 6/41) को भारत 523 ( राहुल द्रविड़ 233, एंडी बिकेल 4/118) और 233/6 (राहुल द्रविड़ 72*, साइमन कैटिच 2/22) ने 4 विकेट से हराया। लेखक: यश मित्तल अनुवादक: हिमांशु कोठारी