भारतीय टीम ने इंग्लैंड की काफी शानदार ढंग से टेस्ट सीरीज में 4-0 से हराया। इस प्रदर्शन के बाद टीम की चारों तरफ से तारीफ हो रही है। निश्चित ही इंग्लैंड को हराने के बाद भारतीय टीम के हौंसले सातवें आसमान पर हैं। लेकिन क्रिकेट में एक कहावत है कि जब टीम जीतती है तो उसकी कमजोरी अक्सर छुप जाती है। इस सीरीज में भारतीय टीम के साथ भी वैसा हुआ। सीरीज में भारत के लिए सबसे ज्यादा चिंता की बात रही उसकी ओपनिंग बल्लेबाजी। भारत के ओपनिंग बल्लेबाज कुछ ही पारियों में अच्छी शुरुआत कर पाए। ऊपर से सलामी बल्लेबाजों के चोटिल होने की वजह से ये दिक्कत और बढ़ गई। चेन्नई में खेले गए 5वें टेस्ट मैच में मुरली विजय के चोटिल होने की वजह से पार्थिव पटेल को ओपनिंग करनी पड़ी। हालांकि पार्थिव ने अच्छी बल्लेबाजी की और 71 रनों की शानदार पारी खेली। लेकिन कहीं अगर पार्थिव पटेल जल्द आउट हो गए होते तो क्या होता ? तब भारतीय टीम को 759 रन बनाने के लिए शायद काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता। इसलिए भारतीय टीम को अब चाहिए कि वो कुछ ऐसे युवा सलामी बल्लेबाजों को तैयार करे जो ऐसी परिस्थिति में सलामी बल्लेबाजी की जिम्मेदारी संभाल सकें। घरेलू क्रिकेट में कई ऐसे शानदार सलामी बल्लेबाज हैं जो अपनी टीम के लिए नियमति ओपनिंग करते हैं। आइए नजर डालते हैं उन्हीं में से 5 खिलाड़ियों पर 5. फैज फजल जून में जिम्बॉब्वे दौरे के लिए जब फैज फजल को टीम में शामिल किया गया तो कई लोगों को बड़ी हैरानी हुई। हालांकि उस दौरे पर फैज को महज एक वनडे मैच खेलने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने नाबाद 55 रन बनाए। पिछले 16 सालों में वो भारत के पहले ऐसे क्रिकेटर बने जिन्होंने 30 साल की उम्र में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पर्दापण किया। इसके अलावा टीम में वो एकमात्र ऐसे खिलाड़ी थे जिनके पास आईपीएल का कोई कॉन्ट्रैक्ट नहीं था। फैज फजल को चयनकर्ताओं ने उनके घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन का ईनाम दिया। 2015-16 के रणजी सीजन में फैज फजल ने 44.62 के शानदार औसत से 714 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 3 बेहतरीन शतक लगाए। इनमें से एक शतक उनका काफी शानदार था जो उन्होंने ईरानी कप में रेस्ट ऑफ इंडिया की तरफ से बनाया था। उस मैच में फैज ने 480 रनों के बड़े स्कोर का पीछा करते हुए 127 रनों की जबरदस्त पारी खेली थी। दिसंबर 2003 में अपने पहले फर्स्ट क्लास मैच में ही फैज ने 151 रनों की बेहतरीन पारी खेली। तब से वो विदर्भ की टीम के लिए शानदार प्रदर्शन करते आ रहे हैं। वहीं 2004 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में भी उनको खेलने का मौका मिला, लेकिन चोट के कारण उन्हें टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा। फैज फजल ने अपने 89 फर्स्ट क्लास मैचों में 5894 रन बनाए हैं। वो तेजी से रन बनाते हैं और मैच दर मैच अपनी कमियों को दूर करने का प्रयास करते हैं। अगर उन्हें भारतीय टीम की तरफ से खेलने का मौका मिले तो वो इंडियन टीम के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं। 4. उन्मुक्त चंद 2012 अंडर-19 वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन के बाद उन्मुक्त चंद की तुलना उनकी दिल्ली की टीम के साथी खिलाड़ी विराट कोहली से की जाने लगी थी। पर विराट का करियर दिनोंदिन नई बुलंदियां छूता गया लेकिन उन्मुक्त भारतीय टीम में भी जगह नहीं बना पाए। उन्मुक्त ने दिल्ली के लिए अपना रणजी डेब्यू तब किया जब वो स्कूल की पढ़ाई कर रहे थे। 56 प्रथम श्रेणी मैचों में उन्होंने 34.72 की औसत से 3056 रन बनाए। एक बल्लेबाज के तौर पर उनको अभी सुधार की जरुरत है। उनकी बल्लेबाजी की सबसे बड़ी कमी ये है कि वो बहुत जल्द ही गेंद को हिट करने जाते हैं जिसकी वजह से गेंद और बल्ले का संतुलन सही से नहीं होता है। हालांकि इंडिया A टीम के वो नियमति सदस्य हैं और अपनी पारियों से उन्होंने टीम को कई मैच जिताए हैं। भले ही उन्मुक्त की बल्लेबाजी में थोड़ी बहुत कमी हो, लेकिन हो सकता है कि भारतीय नेशनल टीम में जगह मिलने के बाद उनका आत्मविश्वास बढ़ जाए और वो टीम के तुरुप के इक्के साबित हों। 3. अभिनव मुकुंद इस लिस्ट में वो अकेले ऐसे खिलाड़ी हैं, जो भारत की नेशनल क्रिकेट टीम का हिस्सा रहे हैं। भारतीय टीम की तरफ से 5 टेस्ट मैचों में मुकुंद ने 21.10 की औसत से 211 रन बनाए हैं। 2011 में वेस्टइंडीज के दौरे से पहले भारतीय टीम के नियमित सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग चोट के कारण सीरीज से बाहर हो गए। जिसके बाद अभिनव मुकुंद को टीम में जगह दी गई। लेकिन अगली ही सीरीज में दोनों बल्लेबाज चोट से उबर कर वापस टीम में आ गए और मुकुंद को बेंच पर बैठना पड़ा। इसके बाद वो भारतीय टीम में वापसी नहीं कर पाए। हालांकि उन्होंने घरेलू क्रिकेट में अच्छे रन बनाए। अभिनव मुकुंद अब तक 117 प्रथम श्रेणी मैच खेल चुके हैं। जिसमें उन्होंने 48.79 की औसत से 8344 रन बनाए हैं। इतने रन उनकी नेशनल टीम में वापसी के लिए काफी हैं। अब देखना ये है कि चयनकर्ता कब तक उनकी परीक्षा लेते हैं। 2. श्रेयस अय्यर 22 साल के युवा बल्लेबाज श्रेयस अय्यर ने घरेलू क्रिकेट में अच्छे रन बनाए हैं। 34 प्रथम श्रेणी मैचों में अय्यर ने 54.18 की औसत से 2980 रन बनाए हैं। श्रेयस अय्यर उस वक्त सुर्खियों में आए जब 2015 की आईपीएल नीलामी में दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम ने उन्हें नीलामी में 2.6 करोड़ रुपए में खरीदा। श्रेयस ने दिल्ली की टीम को निराश नहीं किया और 14 मैचों में 439 रन बनाए। इस शानदार प्रदर्शन की वजह से उन्हें आईपीएल का 'इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द् ईयर' चुना गया। लेकिन श्रेयस के लिए ये तो महज शुरुआत थी। पिछले रणजी सीजन में मुंबई की तरफ से खेलते हुए उन्होंने 73.38 के शानदार औसत से 1321 रन बनाए। फाइनल मैच में उन्होंने बेहतरीन शतक भी लगाया। जिसकी वजह से मुंबई की टीम 41वां रणजी ट्रॉफी जीतने में कामयाब रही। इस साल भी श्रेयस ने घरेलू मैचों में 2 बड़े शतक लगाए। अब देखना ये है कि वो नेशनल क्रिकेट टीम में कब तक जगह बना पाते हैं। 1.ऋषभ पंत युवा बल्लेबाज ऋषभ पंत काफी अच्छे बल्लेबाज हैं। इस साल अंडर-19 वर्ल्डकप में उन्होंने शानदार खेल दिखाया। विश्व कप में उन्होंने रिकॉर्ड ब्रेकिंग सबसे तेज शतक लगाया। आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम ने उन्हें 1.9 करोड़ रुपए में खरीदा और उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया। इसके बाद इस रणजी सीजन में अपनी बल्लेबाजी से उन्होंने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस रणजी सीजन में ऋषभ पंत ने तिहरे शतक के साथ 2 बड़े शतक लगाए। इसके अलावा वो विकेटकीपर भी काफी अच्छे हैं। स्पोर्ट्सकीड़ा से बातचीत में पंत ने कहा था कि ' जब भी भारतीय टीम से उन्हें बुलावा आएगा वो उसके लिए तैयार रहेंगे। अगर उन्हें टीम में शामिल नहीं भी किया जाता है तो वो रणजी ट्रॉफी और बाकी सीजन की तरफ ध्यान देंगे। नेशनल टीम के लिए कॉल उनके बस में नहीं है'। ऋषभ की सबसे खास बात ये है कि वो आक्रामक बल्लेबाज हैं और काफी तेजी से रन बनाते हैं, जिससे टीम से शुरूआती दबाव हट जाता है। अपना दिन होने पर वो किसी भी टीम के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।