5 बल्लेबाज जिन्होंने भारी बल्ले का इस्तेमाल किया

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महान सुनील गावस्कर कहते हैं “किसी भी बल्लेबाज़ के लिए उसका बैट सबसे महत्वपूर्ण शस्त्र होता है और अगर उस बल्लेबाज़ को एक ऐसा बल्ला मिल जाए जिसके साथ वो खेलने में सहज महसूस करता है तो वो उसके बल्लेबाज़ी के स्टाइल को दर्शाता है ।” हर बैट्समैन की अपनी अलग पसंद और नापसंद होती है, बल्ले का कुल वज़न,बैलेंस,हैंडल की ग्रिप्स और बल्ले के कौन से हिस्से पर कितना वजन हो ? ये तमाम बातें हर बल्लेबाज़ अपने बैट में देखता है। कई खिलाड़ी जैसे सौरव गांगुली , मैथ्यू हेडन और इंग्लैंड के मार्क रामप्रकाश हमेशा हल्के बैट से खेलना पसंद किया करते थे। हालांकि कई खिलाड़ी भारी बल्ले से खेलकर काफी सफल रहे हैं। #1 क्रिस गेल बैट- स्पार्टन CG ‘द बॉस’ वजन- 1.36 किलोग्राम गेल की विस्फोटक ताकत और खेलने के अंदाज को संभालने के लिए, सीजी ने सीमित ओवर के खेल के लिए उनके अनुकूल बल्ला बनाया है। गेल की पसंद को ध्यान में रखते हुए इसके बाहरी किनारो को मोटा किया गया है और इसे हाथों से बनाया गया है। जैमेका के इस दमदार बल्लेबाज के बल को देखते हुए, इस बल्ले को इतना मजबूत बनाया गया है कि ये चमड़े की गेंद को स्टैंड में पहुंचाने की क्षमता रखता है। 2012 में क्रिस गेल स्पार्टम के साथ जुड़े और इसके बाद इस सलामी बल्लेबाज को पिच पर धमाका करने के लिए स्पार्टम ने शक्तिशाली बल्ला बनाकर दिया। जिसके परिणाम जल्द ही बाएं हाथ के बल्लेबाज के खेल में देखने को मिले। आईपीएल में पुणे वॉरियर्स के खिलाफ आरसीबी के लिए खेलते हुए गेल ने एक पारी में धुएंधार बल्लेबाजी करते हुए नाबाद 175 रन जड़े। ऐसी कई और ताबड़तोड़ पारी खेलते हुए गेल ने 2013 आईपीएल में ऑरेंज कैप पर कब्जा जमाया था। जिसके बाद, क्रिस्टोफर हैनरी गेल टी20 क्रिकेट के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में शुमार हो गए। #2 लांस क्लूजनर बैट- एसएस जूलू वजन- 1.53 किलोग्राम lance-klusener-1474540933-800 लांस के बल्ले का नाम उनका निक नेम बन गया था, एसएस जूलू एक खुंखार है। उन्हें अपने समय में सबसे भारी बल्ला इस्तेमाल करने के लिए जाना जाता था, दक्षिण अफ्रीका का ये ऑलराउंडर अपने आनंद के लिए मजे से चौके-छक्के जड़ देता था। इस बल्ले का हैंडल छोटा था और बाकी हिस्सा थोड़ा बड़ा था, जिसमें तीन इंच का ब्लेड लगा था जिसके सामने बाकी बल्ले छोटे दिखाई देते थे। बल्ला बदलने से पहले, क्लूजनर रनों के लिए संघर्ष करते दिखाई देते थे। बदलाव के बाद, उन्होंने 1999 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में 174 रन की पारी खेलकर एंड्रयू कैडिक और डैरेन गफ का खूब मजाक बनाया।उसी वर्ष उन्होंने वर्ल्ड कप में भी अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा, और उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ के खिताब से सम्मानित किया गया। #3 डेविड वॉर्नर बैट- ग्रे निकोल्स काबूम वजन- 1.24 किलोग्राम david-warner-1474540987-800 वॉर्नर ने अपनी पहचान एक विस्फोटक बल्लेबाज के रूप में बनाई। एक बड़े प्रोफाइल और भारी किनारे वाले बल्ले के साथ, इस शक्तिशाली ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी के लिए गेंद को बाउंड्री पार पहुंचाना कोई बड़ी चुनौती नहीं था। वॉर्नर के बल्ले का स्वीट स्पोट गेल के बल्ले जैसा बड़ा नहीं था, लेकिन वो इतने ही हावी थे जितने गेल। ये बल्ला उन्हें पिच पर संतुलन बनाने और वर्चस्व स्थापित करने की पूरी आजादी देता है। वॉर्नर ने जब से क्रिकेट जगत में कदम रखा है वो इस बल्ले के साथ खेल रहे हैं, जिसका श्रेय होंग कोंग क्रिकेट सिक्सिज टूर्नामेंट को जाता है। वॉर्नर और ग्रे निकोल्स की जोड़ी बेमिसाल है। #4 वीरेंदर सहवाग बैट- एसजी वीएस 319 वजन- 1.35 किलोग्राम virender-sehwag-1474541029-800 सहवाग की बल्लेबाजी करने की सोच एकदम सरल थी, अगर गेंद हिट करने के लिए है, तो उसे हिट करो। नजफगढ़ के नवाब भारी बल्ला इस्तेमाल करते थे जो उनके विस्फोटक अंदाज के अनुकूल था। सहवाग पहली गेंद से अपना आक्रामक रूप इख्तियार कर लेते थे, और एक बार वो सेट हो जाते तो गेंद को बाउंड्री पार कराने में उन्हें ज्यादा समय नहीं लगता था। वीरु की कई शानदार पारियों का श्रेय उनके बैट को भी जाता है, जिसमें उनके दोनों तीहरे शतक भी शामिल हैं। उनके नाम आईपीएल में शतक और वनडे में डबल सेंचुरी भी है और उस वक्त भी सहवाग का बैट वीएस 319 ही रहा था। #5 सचिन तेंदुलकर बैट- एमआरएफ/एडिडास मास्टर ब्लास्टर वजन- 1.47 किलोग्राम Indian opening batsman Sachin Tendulkar hits a sho सचिन के बल्ले ने ऐसा कहर बरपाया, कि उन्होंने हजारों रन बनाए, शतकों का शतक जड़ा और विश्व के तमाम दिग्गज गेंदबाजों की क्लास लगाई। उनका बल्ला काफी भारी और बड़े किनारों वाला था। सचिन के बल्ले के किनारे बेहद बड़े होते थे क्योंकि वो काफी मोटी लकड़ी के बनाए जाते थे, जिससे उनके बल्ले काफी वजनी होते थे। 1996 वर्ल्ड कप की शुरुआत तक सचिन का बल्ला किसी भी कंपनी द्वारा प्रायोजित नहीं था। हालांकि टूर्नामेंट खत्म होने के बाद टायर की मशहूर कंपनी MRF ने सचिन के साथ बल्ले का करार किया। अपने बैट के साथ विरोधी के खिलाफ कहर बरसाने की वजह से गेंदबाज उनके बल्ले के लम्बे चौड़े आकार को लेकर शिकायत किया करते थे। 2010 अक्टूबर में उनका बैट एक प्रसिद्ध खेल नीलामी में 42 लाख रुपये में बेचा गया था। सचिन का बल्ला उनके शानदार खेल का असली साथी था। लेखक: मुकुल मैसूर, अनुवादक: अनुराधा तंवर

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