अमित मिश्रा का शानदार प्रदर्शन
अमित मिश्रा उन भारतीय खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्होंने अपने करियर का सबसे ज्यादा समय टीम के किनारे गुजारा है। वर्ष 2003 में वनडे में डेब्यू करने वाले, अमित मिश्रा को मजह 37 वनडे मुकाबले खेलने का मौका मिला है, जो कि ऐसे प्रतिभाशाली स्पिनर के लिए काफी कम मैच हैं।
इस सीरीज में भी उन्हें इसलिए मौका मिला क्योंकि भारतीय टीम के मेन स्पिनर्स को आराम दिया गया है, अमित मिश्रा ने अपने मौके पर चौका मारते हुए शानदार प्रदर्शन किया। उनकी गुगली को समझना कीवी टीम के लिए मुश्किल चुनौती साबित हुई।
इस सीरीज में, उन्होंने हर मैच में 2 या उससे ज्यादा विकेट हासिल किए, लेकिन सबसे बेहतरीन प्रदर्शन विशाखापट्टनम में हुए सीरीज के फाइनल मुकाबले में देखने को मिला। जहां उन्होंने कीवी टीम की हालत खराब कर दी और पांच विकेट हासिल कर 79 रन पर ही न्यूजीलैंड को ऑलआउट कर दिया और भारत ने 190 के बड़े अंतर से जीत दर्ज की। लेग स्पिनर ने इस सीरीज में 15 विरेट झटके और पहली बार मैन ऑफ द सीरीज का खिताब अपने नाम किया।
इस 33 वर्षीय लेग स्पिनर को जिस वक्त टीम में मौका मिला था उस वक्त उन्हें ये बताया गया था कि इस सीरीज में उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिलेंगे क्योंकि टीम के नियमित स्पिनर्स आखिरी के मैचों में वापसी कर सकते हैं। लेकिन अमित मिश्रा ने इस बात का पूरा ध्यान रखा की चयन समीति को उन्हें टीम से बाहर करने में काफी मुश्किल हो ताकि अश्विन और जड़ेजा जैसे नियमित स्पिनर्स को आसानी से वापसी करने का मौका न मिल सके।