बांग्लादेश अपने पड़ोसी भारत के साथ एकमात्र टेस्ट खेलने आया है। ये टेस्ट भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया के साथ टेस्ट सीरीज से पहले बढ़िया अभ्यास साबित होगी। हालाँकि भारत ने दक्षिण अफ्रीका, न्यूज़ीलैंड और इंग्लैंड को अपनी धरती पर बुरी तरह से हराया है। इसके बावजूद भी टीम इंडिया को बांग्लादेश से सावधान रहना होगा क्योंकि वह उपमहाद्वीप की परिस्थितियों से ज्यादा वाकिफ हैं। भारत अपनी सरजमीं पर पिछली बार दिसम्बर 2012 में हारा है। जब इंग्लैंड ने भारत को हराया था। ऐसे में भारत के सामने बांग्लादेश एक कमजोर टीम है। क्योंकि अभी तक बंगलादेशी टीम ने सिर्फ 8 मैच हैं। इसके बावजूद दिलचस्प बात ये है कि बांग्लादेश ने साल 2015 में भारत को ड्रा खेलने पर मजबूर किया था। उसके बाद उन्होंने इंग्लैंड, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका को हराया है। यही नहीं हालिया न्यूज़ीलैंड के साथ टेस्ट सीरिज में भी बांग्लादेश ने शानदार प्रदर्शन किया था। हालाँकि वह हार गये थे। लेकिन उनके खेल की सराहना सभी ने की थी। अब बांग्लादेश का मुकाबला भारत से है ऐसे में इस सीरिज से निकलने वाली अहम बातों पर आइये डालते हैं एक नजर: बांग्लादेश का भारत में पहला टेस्ट बांग्लादेश और भारत के बीच पहला टेस्ट मैच ढाका में 16 साल पहले हुआ था। चार साल पहले बांग्लादेश ने अपना पहला टेस्ट मैच जीता था, जिसके बाद उनका रिकॉर्ड बेहतरीन होता ही गया है। क्योंकि भारत और पाकिस्तान को अपना पहला टेस्ट जीतने और अधिक समय लगा था। हालाँकि भारत और बांग्लादेश के बीच अबतक 8 टेस्ट मैच हुए हैं। लेकिन ये सभी मैच बांग्लादेश में ही खेले गये हैं। दोनों देश एक दूसरे के पड़ोसी हैं और तकरीबन एक संस्कृति से आते हैं। ऐसे में ये टेस्ट मैच काफी अहम साबित होने वाला है। आईसीसी की हालिया मीटिंग में ये फैसला लिया गया कि सभी देशों के बीच द्विपक्षीय सीरिज होनी चाहिए। इसका फायदा बांग्लादेश को हुआ और उन्हें भारत में टेस्ट सीरिज खेलने का मौका मिला है। ऑस्ट्रेलिया से पहले भारत के पास वार्मअप का मौका भारत ने अभी हाल ही में न्यूज़ीलैंड और इंग्लैंड को अपनी जमीन पर हराया है। हालाँकि भारत दौरे पर आने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम में मिचेल स्टार्क की भूमिका अहम साबित होगी। ऐसे में बांग्लादेश के साथ होने वाले एकलौते टेस्ट मैच से भारत को अच्छा वार्मअप मिल जायेगा। इसके अलावा भारतीय टीम ने अभी हाल ही में इंग्लैंड के साथ वनडे और टी-20 सीरिज में खेली है। जिसकी खुमारी भी टीम पर चढ़ी हुई है। जिससे भी बाहर आने में खिलाड़ियों को बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट में मिलेगी। बांग्लादेश के पास घर से अपने रिकॉर्ड बेहतर बनाने का मौका है बांग्लादेश का घर से बाहर रिकॉर्ड अच्छा नहीं है। 8 टेस्ट मैचों में जीत दर्ज करने वाली बंगलादेशी टीम ने अपने घर में 5 मुकाबले जीते हैं। हालाँकि अन्य टीमों की तरह बांग्लादेश को ज्यादा विदेशी दौरे नहीं मिले हैं। भारत में बांग्लादेश पहली बार टेस्ट खेलने आये जबकि पाकिस्तान में साल 2003 में उन्होंने खेला था। श्रीलंका और ज़िम्बाब्वे में बांग्लादेश को अपने अनुकूल परिस्तिथियां मिली हैं। ऐसे में भारत में खेलने से बांग्लादेश के लिए एक नये सवेरे की तरह है। बांग्लादेश ये मैच जीत भले न पाए लेकिन वह भारत के सामने चुनौती पेश कर सकता है। भारत को अपने मध्यक्रम को सेट करने में मदद मिलेगी भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि मध्यक्रम में हाल ही में तिहरा शतक ठोंकने वाले करुण नायर को मौका दें या रहाणे को। चोटिल रहाणे और रोहित की जगह टीम में शामिल किये गये करुण ने शानदार प्रदर्शन किया था। अब रहाणे की वापसी हो गयी है इसलिए टीम प्रबंधन को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा हार्दिक पांड्या का इस्तेमाल टीम में कैसे हो ये भी एक अहम पहलू है। रोहित शर्मा फिट तो हो गये हैं, लेकिन अब शायद ही वह टेस्ट जर्सी में नजर आये। क्योंकि टीम में अब बड़ी प्रतिस्पर्धा है। ऐसे में ये मैच टीम को संतुलन देने में भी अहम साबित होगा। बांग्लादेश के स्पिनरों पर रहेगी नजर बांग्लादेश की टीम में तैजुल इस्लाम, मेहदी हसन और शाकिब अल हसन जैसे स्पिन गेंदबाज़ हैं। इसके अलावा महमुदुल्लाह और सब्बीर रहमान भी एक्शन में नजर आ सकते हैं। जब इंग्लैंड ने बांग्लादेश का दौरा किया था, तब 19 वर्षीय मेहदी हसन ने डेब्यू किया था। जिसमें उन्होंने 4 पारियों में 19 विकेट अपने नाम किये थे। यद्यपि भारतीय टीम में ज्यादा बाएं हाथ के बल्लेबाज़ नहीं हैं। शाकिब के पास लम्बा अनुभव है, उनकी गेंदबाज़ी बांग्लादेश के लिए खास मौकों पर अहम रही है। तैजुल और शाकिब दायें हाथ के बल्लेबाजों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। ऐसे में ये सभी स्पिन गेंदबाज़ इंग्लैंड के मुकाबले भारत के सामने बड़ी चुनौती पेश कर सकते हैं।