ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच टेस्ट सीरीज शुरु होने से पहले दोनों टीमों के बीच कांटे के टक्कर के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन पूरी सीरीज में दक्षिण अफ्रीकी टीम ऑस्ट्रेलियाई टीम पर हावी रही। एबी डीविलियर्स और डेल स्टेन के न होने तथा हाशिम अमला के फॉर्म में न होने के बावजूद प्रोटीज की यंग ब्रिगेड ने शानदार प्रदर्शन किया । वहीं दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलियाई टीम पूरी सीरीज में जूझती नजर आई, खासकर बल्लेबाजी में उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। होबार्ट टेस्ट के बाद बहुत सारी घटनाएं घटीं। ऑस्ट्रेलिया के मुख्य चयनकर्ता रॉड मार्श ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, उनकी जगह ग्रेग चैपल को नियुक्त किया गया। क्रिकेट में चैपल के रेप्यूटेशन को देखते हुए उनको मुख्य चयनकर्ता बनाने का फैसला लेना काफी कड़ा फैसला था। एडिलेड में डे-नाइट मैच के लिए 6 बदलाव किए गए हैं। फॉफ डू प्लेसी बॉल टेंपरिंग के आरोप का सामना कर रहे हैं, ऐसे में एयरपोर्ट पर मामला तब गर्मा गया, जब सवाल डू प्लेसी का इंटरव्यू करने आए रिपोर्टरों को दक्षिण अफ्रीकी सुरक्षाकर्मी ने रोक लिया। ऑस्ट्रेलियाई टीम से कैलम फर्गु्यूसन और जोए मेनी को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इन दोनों ने मात्र एक टेस्ट खेला है। चयनकर्ताओं ने घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों पर भरोसा जताया है। अब ये तो समय ही बताएगा कि ऑस्ट्रेलिया की युवा ब्रिगेड दक्षिण अफ्रीका का सामना कर सकती है या नहीं। कुछ भी हो लेकिन पिछले कुछ दिनों के प्रदर्शन को देखते हुए दक्षिण अफ्रीकी टीम को फाइनल टेस्ट मैच में हराना मुश्किल लगता है। जिस तरह से प्रोटीज ने ऑस्ट्रेलिया में प्रदर्शन किया है, उसे देखकर यही लगता है कि ज्यादा से ज्यादा ऑस्ट्रेलियाई टीम एडिलेड टेस्ट को ड्रॉ करा पाएगी। वहीं अगर पूरे दौरे की बात करें तो डे-नाइट टेस्ट के लिए क्या दक्षिण अफ्रीकी टीम तैयार है, इस बात पर शंका है, क्योंकि इससे पहले उन्होंने कभी डे-नाइट टेस्ट मैच नहीं खेला है। लेकिन चूंकि दक्षिण अफ्रीका ने सीरीज अपने नाम पहले ही कर ली है, ऐसे में वो बिना किसी दबाव के मैदान में उतरेंगे। आइए आपको बताते हैं 5 ऐसे कारण जिसकी वजह से दक्षिण अफ्रीका की टीम एडिलेड टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई टीम को हराकर व्हाइटवॉश कर सकती है :
5. ऑस्ट्रेलियाई टीम की अव्यवस्थित बल्लेबाजी-
वॉर्नर और स्मिथ को छोड़कर सीरीज शुरु होने से पहले ही ऑस्ट्रेलियाई टीम की बैटिंग लाइन अप पर सवाल उठाए जा रहे थे । केवल उस्मान ख्वाजा ही प्रोटियाज गेंदबाजों का डटकर सामना कर सके । निचलेक्रम में एडम वोजस एकदम से आउट ऑफ फॉर्म दिखे । होबार्ट टेस्ट मैच के बाद शेफील्ड शील्ड मैच में एक बाउंसर लगने से उनके सिर में गंभीर चोट आई है, जिसकी वजह से उनका टीम से बाहर होना तय माना जा रहा है । मिचेल मॉर्श और पीटर नेविल ने भी बल्ले से कोई योगदान नहीं दिया है । निचलेक्रम के बल्लेबाज पूरी तरह से फ्लॉप रहे हैं । हालांकि ऑस्ट्रेलियाई टीम में एडिलेड टेस्ट के लिए काफी युवा खिलाड़ियों को शामिल किया गया है, लेकिन देखने वाली बात ये होगी क्या ऑस्ट्रेलिया की युवा ब्रिगेड फिलैंडर और रबाडा जैसे तेज गेंदबाजों का सामना कर पाएगी । 4. दक्षिण अफ्रीका की युवा ब्रिगेड-
लगभग एक महीने पहले अपने घरेलू मैदान पर दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया को वनडे में व्हाइट वॉश करके दिखा दिया था कि उनकी बेंच स्ट्रेंथ कितनी मजबूत है । लेकिन वो जीत दक्षिण अफ्रीका को इसलिए मिली थी, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के अहम खिलाड़ी उस सीरीज में नहीं खेल रहे थे । लेकिन ऑस्ट्रेलियाई टीम का वही निराशाजनक प्रदर्शन टेस्ट सीरीज में भी जारी रहा । दक्षिण अफ्रीका की टीम के युवा खिलाड़ियों बवूमा, डि कॉक, केशव महाराज, और रबाडा ने प्रोटियाज की जीत में अहम योगदान दिया । बवूमा और डि कॉक ने मिडिल ऑर्डर को मजबूती प्रदान की । इन दोनों खिलाड़ियों ने हाशिम अमला और फॉफ डू प्लेसिस के फॉर्म की कमी को खलने नहीं दिया । रबाडा इतनी छोटी सी उम्र में बहुत ही परिपक्कव तरीके से गेंदबाजी कर रहे हैं, दिनों दिन उनकी गेंदबाजी की धार और बढ़ती जा रही है । वहीं अगर केशव महाराज की बात करें तो होबार्ट में अपने डेब्यू मैच में ही उन्होंने दिखा दिया कि वो कितने शानदार स्पिनर हैं । 3. फॉफ डू प्लेसी के रुप में एक प्रेरणादायी कप्तान-
एबी डीविलियर्स की अनुपस्थिति में प्लेसी ने टीम की कमान संभाली और जबरदस्त लीडरशिप का प्रदर्शन किया । कप्तान के तौर उन्होंने सबको प्रभावित किया और हर मैच में सेशन दर सेशन अपने खिलाड़ियों को बेहतर करने के लिए प्रेरित किया । बावजूद इसके कि क्रिकेट साउथ अफ्रीका बार-बार ये कह रहा है कि फॉफ डू प्लेसी नियमित कप्तान नहीं है, अगर डीविलियर्स वापसी करते हैं तो डू प्लेसी उन्हे कड़ी चुनौती देंगे । भले ही प्लेसी पर बॉल टेंपरिंग के आरोप लग रहे हैं, लेकिन पूरी अफ्रीकी टीम उनके साथ खड़ी है और कह रही है कि डू प्लेसी पर झूठा इल्जाम लगाया गया है । डू प्लेसी ने अपने विरोधी कप्तान स्टीव स्मिथ को इस सीरीज में पीछे छोड़ दिया, उन्होंने अपनी युवा ब्रिगेड को काफी अच्छे से लीड किया । डू प्लेसी में काफी कुछ ग्रीम स्मिथ की झलक मिलती है और प्रोटियाज के लिए राहत की बात ये है कि एडिलेड में डे-नाइट मैच के लिए वो उपलब्ध रहेंगे, क्य़ोकि बॉल टेंपरिंग मामले पर सुनवाई मंगलवार को होगी । 2. रबाडा, एबॉट और फिलेंडर-
इन तीनों ही गेंदबाजों ने होबॉर्ट टेस्ट में शानदार गेंदबाजी की । वहीं रबाडा और फिलेंडर ने पर्थ टेस्ट में डेल स्टेन की कमी खलने नहीं दी । अपनी पेस, एक्यूरेसी, लाइन लेंथ और किलिंग गेंदबाजी से इन गेंदबाजों ने दोनों ही मैचों में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी को तहस-नहस कर दिया । रबाडा के पास पेस और एक्यूरेसी है, तो वहीं फिलेंडर ने दिखाया कि जब पिच पर मूवमेंट हो तो क्यों उन्हें दुनिया का खतरनाक गेंदबाज माना जाता है । एबॉट को डेल स्टेन की जगह टीम में शामिल किया गया था और चयनकर्ताओं के फैसले को सही साबित करते हुए उन्होंने होबॉर्ट टेस्ट में 6 विकेट झटके । एक साथ इन तीनों गेंदबाजों ने काफी खतरनाक गेंदबाजी की, और ऑस्ट्रेलियाई टीम के पास इनका कोई तोड़ नहीं था । एडिलेड टेस्ट में पिंक बॉल से डे-नाइट मैच होना है । पिंक बॉल फ्लड लाइट में और भी स्विंग करती है ऐसे में फिलेंडर, एबॉट और रबाडा और भी खतरनाक साबित होंगे ।
- ऑस्ट्रेलिया के नए खिलाड़ी-
ये सही है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम में बदलाव की जरुरत थी, लेकिन ये बदलाव गलत टाइम पर हुआ । क्योंकि अगला टेस्ट मैच डे-नाइट है, ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई टीम में पहले जो खिलाड़ी खेल रहे थे वही इस मैच के लिए मानसिक रुप से तैयार रहे होंगे । लेकिन उनके लगातार फ्लॉप होने की वजह से टीम मैनेजमेंट को टीम में काफी बदलाव करने पड़े । ऐसे में कुछ युवा खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया गया है । जाहिर है ये खिलाड़ी टीम में जगह पाकर खुश तो होंगे, लेकिन डे-नाइट मैच के लिए तैयार नहीं रहे होंगे । निक मैडिनसन, मैट रेनशॉ, चैड सेयर्स और पीटर हैंड्सकंब में से कम से कम 2 खिलाड़ियों को एडिलेड में डेब्यू का मौका मिलेगा । जिस तरह से चयनकर्ताओं ने इस सीरीज में डेब्यू करने वाले खिलाड़ियों के साथ ट्रीट किया है वो सबके सामने है । फर्गु्य़सन और मेनी इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं कि इन खिलाड़ियों को ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम में खुद को साबित करने के लिए ज्यादा मौका नहीं मिलेगा । एडिलेड टेस्ट में पिंक बॉल से डे-नाइट मैच होगा, ऐसे में देखना ये होगा कि ऑस्ट्रेलियाई टीम के युवा खिलाड़ियों पर बहुत ज्यादा दबाव होगा ।