भारत में खेलों में धोखाधड़ी करने पर कोई सख्त नियम नहीं है। जिसकी वजह से खिलाड़ियों आरोप तो साबित हो जाते हैं, लेकिन उसके बाद दोषी खिलाड़ियों को सजा नहीं मिल पाती है। वहीं दूसरे धोखाधड़ी मामलों में मकोका व आईपीसी के तहत मामले दर्ज होते हैं। ऐसे में भारत में खेलों के लिए भी एक ऐसा कड़ा कानून बनना चाहिए। हालांकि बीसीसीआई ने दिल्ली के पूर्व पुलिस प्रमुख से जो जाँच करवाया था उसमें श्रीसंत दोषी पाए गये थे। भारतीय कानून में कहीं भी मैच फिक्सिंग को अपराध नहीं माना गया है, जिसकी वजह से श्रीसंत को कोई सजा नहीं हो पायी। बीसीसीआई की अनुशानात्मक समिति उन्हें दोषी मानती है, तो वहीं कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है।
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