आप कई क़ानून के हिसाब से श्रीसंत को दोषमुक्त करार दे सकते हैं। लेकिन उन जांचों को कैसे झुठला सकते हैं, जिसमें में उन्हें दोषी माना गया है। इसलिए की कोर्ट ने उन्हें दोषमुक्त करार दिया है। आप एक क्षण में कैसे किसी के चेहरे पर ईमानदारी को पेंट कर सकते हैं। यदि केरल हाईकोर्ट के आदेश को माना जाए तो बीसीसीआई को श्रीसंत के आजीवन प्रतिबंध को हटा लिया जाना चाहिए। अदालत ने ऐसा फैसला सिर्फ पुलिस की जाँच पर संदेह जताते हुए दिया है। जिसके बाद श्रीसंत के स्पॉट फिक्सिंग या सट्टा में किसी भी तरह के लिंक को ख़ारिज कर दिया गया है।
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