#3 ऋषभ पंत का ज़रूरत से ज़्यादा आक्रामक होना
ऋषभ पंत जब क्रीज़ पर आए थे तो टीम इंडिया को 100 रनों के आस पास रन बनाने थे, और उनका काम था सेट बल्लेबाज़ अजिंक्य रहाणे का साथ निभाना। ये सही था कि मोईन अली की गेंदबाज़ी पर आक्रमण करते हुए उन्हें दिशाहीन करना, जिसमें पंत क़ामयाब भी हुए थे। लेकिन ज़रूरत से ज़्यादा आक्रामकता भी भारी पड़ जाती है, पंत के साथ भी यही हुआ। रहाणे के रहते हुए वह हर गेंद पर छक्का लगाने की कोशिश कर रहे थे, जहां मोईन अली ने उन्हें अपना शिकार बना ही लिया। पंत का विकेट गिरते ही दबाव पूरी तरह से रहाणे और टीम इंडिया पर आ गया था जिसमें भारत ढह गया। पंत अभी युवा हैं और उन्हें अपनी इस शैली में परिवर्तन की ज़रूरत है, आक्रामकता कब और किस मौक़े पर किस तरह दिखानी है इसे सीखने की उन्हें अभी ज़रूरत है।
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