पूरी टीम के अच्छे प्रदर्शन की वजह से भारत इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में 2-0 की लीड लेने में कामयाब रहा । वहीं बात अगर इंग्लैंड टीम की करें तो पहले मैच में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद दूसरे मैच से उनका प्रदर्शन गिरता गया । इंग्लैंड के अंदर वो जीतने वाला जुनून नजर ही नहीं आया । मोहाली जैसी पिच पर टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने के बावजूद इंग्लिश टीम को हार का सामना करना पड़ा । इससे उनके बांग्लादेश दौरे की कड़वी यादें ताजा हो गयी होंगी । विशाखापट्टनम टेस्ट में जहां उन्हें अपने स्लो खेल का खामियाजा भुगतना पड़ा तो वहीं मोहाली टेस्ट में वो अश्विन और जाडेजा की फिरकी के जाल में फंस कर रह गए । मोहाली में बल्लेबाजी के लिए अनुकूल पिच पर भारतीय टीम ने इंग्लैंड को महज 283 रनों पर समेट दिया । जवाब में भारतीय टीम भी एक वक्त 200 रनों पर 6 विकेट गंवाकर मुश्किल में थी, लेकिन अश्विन, जाडेजा और जयंत यादव ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए भारत को मैच में 134 रनों की शानदार बढ़त दिला दी । यही बढ़त इंग्लैंड की हार की सबसे बड़ी वजह बनी । ये देखकर थोड़ा हैरानी हुई कि इंग्लिश बल्लेबाजों ने जिस भारतीय टॉप ऑर्डर को सस्ते में समेट दिया, उसी के लोअर ऑर्डर को आउट करने में उनके पसीने छूट गए । वहीं दूसरी तरफ ऐसा लगता है कि इंग्लिश टीम भारतीय स्पिनरों के जाल में उलझकर रह गयी और उसे कुछ समझ में नहीं आया । इंग्लैंड को अब अपने अगले 2 मैच मुंबई और चेन्नई में खेलने हैं और टीम सीरीज में 2-0 से पिछड़ रही है ऐसे में उनके लिए सीरीज में वापसी करना आसान नहीं होगा । लेकिन क्या उम्मीदों के उलट अगले 2 मैच जीतकर सीरीज में वापसी कर सकते हैं ? आइए हम आपको बताते हैं कुछ ऐसे ही अहम रणनीति के बारे में जिसे अपनाकर इंग्लिश टीम अच्छा प्रदर्शन कर सकती है । 5. अच्छी साझेदारी और जुझारुपन- कई बार इस सीरीज में ऐसा हुआ है कि इंग्लिश टीम केवल एक या दो बल्लेबाजों पर निर्भर रही है । टीम के सभी बल्लेबाज एकजुट होकर प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं । इसका ताजा उदाहरण देखने को मिला मोहाली टेस्ट में, जहां पहली पारी में जॉनी बेरिएयस्टो तो दूसरी पारी में जोए रुट ही भारतीय गेंदबाजों का डटकर सामना कर सके । उन्हें टीम के बाकी बल्लेबाजों का साथ नहीं मिला, जिसके कारण लंबी साझेदारी नहीं हो पाई । और क्रिकेट में कहा जाता है कि जब तक आप साझेदारी नहीं करेंगे तब तक आप बड़े रन नहीं बना सकते । अगर इंग्लैंड को इस सीरीज में वापसी करनी है तो उनके बल्लेबाजों को जिम्मेदारी लेनी होगी और बड़ी पार्टनरशिप करनी होगी । 4. हसीब हमीद की जगह पर दूसरा ओपनर इंग्लैंड जब इस सीरीज के लिए भारत आया तो उसके पास कुक का साथ देने के लिए कोई नियमित सलामी बल्लेबाज नहीं था । लेकिन युवा हसीब हमीद के रुप में उन्हें एक बेहतरीन खिलाड़ी मिला, जो पेस और स्पिन दोनों को ही बड़े धैर्य के साथ खेलते हैं । लेकिन अंगुली में चोट के कारण वो बाकी बचे मैचों से बाहर हो गए हैं । ये इंग्लैंड के लिए तगड़ा झटका है । उन्हें जल्द ही हमीद का रिप्लेसमेंट चाहिए । मोहाली टेस्ट की दूसरी पारी में एलिस्टेयर कुक के साथ जोए रुट ने ओपनिंग की थी, और जब तक बैलेंस टीम में नहीं शामिल होते हैं, तब तक इंग्लैंड रुट के साथ जा सकता है । वहीं दूसरा विकल्प उनके पास डकेत का बचता है, जो कि उनकी टीम प्लान में नहीं है । इंग्लिश टीम टॉम वेस्टले को भी आजमा सकती है । लेकिन इंग्लैंड अच्छा स्पिन खेल पाने वाले खिलाड़ियों को ही तवज्जो देना चाहेगा । ऐसे में सैम बिलिंग्स एक अच्छे विकल्प साबित हो सकते हैं , क्योंकि उन्होंने भारत में आईपीएल खेला हुआ है और वो यहां की परिस्थितियों से भलीभांति परिचित हैं । वो स्पिन के अच्छे खिलाड़ी भी हैं, ऐसे में उनको मिडिल ऑर्डर में जगह मिल सकती है । फिर कुक के साथ जोए रुट ओपन कर सकते हैं । 3. जॉस बटलर का सही उपयोग बटलर अभी लाल गेंद से उतना अच्छा नहीं खेला पाते हैं, लेकिन बैटिंग ऑर्डर में वो नंबर 7 पर आकर इंग्लिश टीम के लिए एडम गिलक्रिस्ट की भूमिका अदा कर सकते हैं । बहुत सारे ऐसे सफल विकेटकीपर बल्लेबाज हैं जो नंबर 7 पर बल्लेबाजी करते हैं । क्विंटन डी कॉक ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में 7 नंबर पर बल्लेबाजी की, वहीं भारत के सीमित ओवरों के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं । हालांकि इंग्लैंड को बटलर को इतनी छूट देनी होगी कि वो अपने स्वभाविक अंदाज में खेल सकें । उसके लिए टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों को अच्छी शुरुआत देनी पड़ेगी । स्टोक्स 6 नंबर पर खेलते हैं ऐसे में इंग्लिश टीम का लोअर ऑर्डर काफी खतरनाक हो जाएगा । ये बल्लेबाज किसी भी टीम की धज्जियां उड़ा सकते हैं । बटलर एक बहुत ही खतरनाक खिलाड़ी हैं और सीमित ओवरों के खेल में उन्होंने कई बार विस्फोटक पारियां खेली हैं । अब उनके पास टेस्ट मैचों में भी अच्छा करने का मौका है । वहीं उनके पास विकेटकीपिंग का भी भार नहीं है, क्योंकि बेरिएस्टो अच्छी विकेटकीपिंग कर रहे हैं । ऐसे में वो अपनी बल्लेबाजी पर ज्यादा ध्यान दे सकते हैं । अगर कहीं बटलर चल निकले तो इंग्लैंड के लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे । 4. रविचंद्रन अश्विन और विराट कोहली का तोड़ निकालना अश्विन इस सीरीज में इंग्लैंड के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द साबित हुए हैं । हर मैच में हर दिन उन्होंने इंग्लिश टीम के लिए दिक्कतें खड़ी की हैं, फिर चाहे वो निचले क्रम में आकर अर्धशतक लगाना हो या फिर गुच्छों में विकेट लेना । केवल अश्विन की वजह से इंग्लिश टीम को काफी नुकसान उठाना पड़ा है । अश्विन की बल्लेबाजी ने रहाणे और मुरली विजय की नाकामयाबियों को छुपा लिया । भारत को कभी भी एक बल्लेबाज की कमी नहीं खली । वहीं अश्विन गेंदबाजी भी अच्छी कर रहे हैं, लेकिन इतनी भी नहीं कि खेला ना जा सके । इंग्लैंड को अश्विन को बेहतर तरीके से खेलना होगा, उन पर आक्रमण की बजाय उनको विकेट देने से बचना चाहिए । वहीं भारतीय कप्तान विराट कोहली आगे बढ़कर टीम को लीड करते हैं । जिस तरह का आत्मविश्वास, एट्टीट्यूड उन्होंने टीम के अंदर भरा है वो काबिलेतारीफ है । अगर इंग्लैंड टीम को जीतना है तो उन्हें विराट कोहली को रोकना होगा ।
- तेज गेंदबाजों पर भरोसा जताने की जरुरत
सीरीज में इंग्लैंड एक अतिरिक्त स्पिनर के साथ उतरा है, जिसका उसे कोई खास फायदा हुआ नहीं है । अंसारी ने जरुर अच्छी गेंदबाजी की, लेकिन बैटी बेअसर रहे । इसलिए इंग्लैंड को एक अतिरिक्त स्पिनर की जगह एक अतिरिक्त तेज गेंदबाज के साथ उतरना चाहिए । वोक्स, एंडरसन और स्टोक्स अच्छी गेंदबाजी करते हैं, लेकिन क्या मुंबई में वो सफल होंगे । ऐसे में स्टीवन फिन मुंबई की पिच के लिए ज्यादा मुफीद हो सकते हैं । रशीद और मोइन अली अच्छी स्पिन डाल रहे हैं, ऐसे में इंग्लिश टीम को अतिरिक्त स्पिनर की जरुरत ही नहीं है । इंग्लैंड के लिए यही अच्छा होगा कि वो 4 तेज गेंदबाज के साथ उतरें । भारतीय पेस जोड़ी शमी और उमेश यादव ने जेम्स एंडरसन, वोक्स और स्टोक्स से अच्छी गेंदबाजी की है । दोनों तेज गेंदबाजों ने सही लाइन लेंथ से गेंदबाजी की है और अच्छी रिवर्स स्विंग हासिल की है । वहीं दूसरी तरफ इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों को अपने फॉर्म में आने की जरुरत है ।