#5 थर्ड अंपायर द्वारा DRS का सही इस्तेमाल नहीं करना
क्रिकेट खिलाड़ियों की तरह ही अंपायर की भी ये जिम्मेदारी होती है कि वो गलतियां ना करें। हालांकि कई बार गलतियां करने के बाद भी फील्ड अंपायर को काफी सहयोग मिलता है क्योंकि मैदान में बहुत कम समय में फैसला लेना होता है। क्रिकेट में DRS के आने से अब थर्ड अंपायर का रोल और ज्यादा अहम हो गया है। नई तकनीक और बार- बार रिप्ले देखने के विकल्प और फील्ड अंपायर से बातचीत करने के बाद उम्मीद की जाती है कि थर्ड अंपायर कोई गलती ना करें क्योंकि इतना समय लेने के बाद भी अगर थर्ड अंपायर सही फैसला नहीं दे पाता है तो उसकी ये गलती माफी के लायक नहीं है। भारत और इंग्लैंड के बीच खेली गई वनडे सीरीज में थर्ड अंपायर कुमार धर्मसेना फील्ड अंपायर अनिल चौधरी के फैसले के साथ गए। जिन्होंने बल्लेबाज लियाम प्लंकेट को आउट दिया था, जबकि डीआरएस में साफ दिख रहा था कि प्लंकेट आउट नहीं हैं। लिहाजा अंपायर अनिल चौधरी के फैसले को बदलने की जरूरत थी।