कुलदीप यादव और यजवेंद्र चहल की जोड़ी ने मौजूदा श्रृंखला में शानदार प्रदर्शन किया है लेकिन उन्हें विशेष रूप से विदेशी परिस्थितियों में रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा जैसा अनुभव नहीं है। इस अनुभवी जोड़ी ने इंग्लैंड में दुनिया से कहीं और बेहतर प्रदर्शन किया है।
अश्विन ने इंग्लैंड में 17 मैचों में 30 की औसत से 22 विकेट लिए हैं और इकोनोमी रेट सिर्फ 4.9 की रही है। इस बीच, जडेजा ने 17 मैचों में 27 की औसत से 27 विकेट लिए हैं। अश्विन और जडेजा का इंग्लैंड में बहुत अच्छा रिकॉर्ड रहा है और यह देखकर उन्हें नज़रंदाज़ करना महंगा साबित हो सकता है।
वर्तमान श्रृंखला में अश्विन और जडेजा को न खिलाने का चयनकर्ताओं ने फैसला किया और वजह दोनों को आराम की ज़रूरत बताई है, लेकिन अश्विन वर्तमान में इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेल रहे हैं। यह इस तथ्य का स्पष्ट संकेत है कि चयनकर्ता उनके प्रदर्शन से खुश नहीं हैं।
अश्विन और जडेजा ने हाल ही में छोटे प्रारूपों में संघर्ष किया है, लेकिन उनके पास इतनी प्रतिभा है कि एक बार फिर से जब वे अपना फॉर्म हासिल करें तो उन्हें टीम में वापस लाया जाये।
कोहली ने 1-1-1 का लक्ष्य निर्धारित किया है, जहां वह अपनी टीम को सभी प्रारूपों में नंबर एक बनाना चाहते है। टीम इंडिया का असली परीक्षण अगले साल दक्षिण अफ्रीका के दौरे से शुरू होगा और अब से शुरु किया गया सुधार आगामी सीरीज़ और 2019 के विश्व कप के लिए अच्छे प्रदर्शन की नींव भी तैयार करेगा।