खबरों के मुताबिक़ 2017 में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया रांची टेस्ट और 2016 में भारतीय टीम का इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में हुए टेस्ट मैच फिक्स बताये गए हैं। अल जजीरा चैनल ने एक डोक्यूमेंट्री फिल्म 'क्रिकेट मैच फिक्सर्स' नाम से यूट्यूब पर अपलोड की है, जिसमें इन टेस्ट मैचों के सत्र फिक्स बताये हैं। इसके अलावा यह भी बताया गया है कि गॉल में श्रीलंका-ऑस्ट्रेलिया के बीच 2016 में हुए टेस्ट और 2017 में श्रीलंका-भारत के बीच हुए मैच की पिच को बनाने में सहयोगी रहे शख्स ने इसे डॉक्टर्ड बताया है। रांची और चेन्नई टेस्ट में खेलने वाले 2 ऑस्ट्रेलियाई और 3 इंग्लिश खिलाड़ियों के सट्टेबाजों से संपर्क होने की बात भी कही गई है। दाउद इब्राहिम से जुड़े हुए भारतीय फिक्सर अनिल मुनावर चैनल के लिए स्टिंग करने वाले अंडरकवर रिपोर्टर को भारत-इंग्लैंड के बीच चेन्नई में दिसंबर 2016 को हुए टेस्ट को फिक्स कराने की बात कहता है। इसमें टॉस के बाद सेशन फिक्स करने की बात होते हुए दिखाया जाता है। सट्टेबाज यह गारंटी देते हैं कि अंतिम ग्यारह में कौन से खिलाड़ी खेलेंगे और सेशन में कितने रन बनेंगे, इसमें चेन्नई टेस्ट के एक सेशन में 10 ओवरों का जिक्र है। इसके अलावा यह भी बताया जाता है कि बुकी द्वारा अनुमानित टोटल स्कोर से कम रन सेशन में बनेंगे। ठीक इस तरह भारतीय टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया का रांची में हुआ टेस्ट भी फिक्स बताया गया है। टॉस के बाद मुकाबला फिक्स होता है लेकिन इसके लिए रणनीति पहले से तैयार होती है। इसे अंजाम देने के लिए खिलाड़ी तैयार हैं कि नहीं यह मैदान पर आने पर पता चलता है। उनके हाथ में रिस्ट बैंड, माथे पर काला फीता या अलग तरह के ग्लव्स पहनने से सुनिश्चित होता है कि वे फिक्स करने के लिए तैयार हैं। इस तरह की चीजें सामने आने के बाद आईसीसी भी हरकत में आई है और अल जजीरा से मामले के सभी तथ्य मांगे हैं ताकि जांच की जा सके। हालांकि कुछ भी साबित नहीं होने के कारण इस डोक्यूमेंट्री फिल्म में दिखाई गई बातों को महज आरोपों के तौर पर ही देखना चाहिए लेकिन यह भी नहीं भूलना चाहिए कि मामला कितना चौंकाने वाला है। आगे इस पर क्या जांच होती है, यह देखना दिलचस्प होगा।