झूलन गोस्वामी (Jhulan Goswami) ने अपने करियर में कई ऊचाइयां देखी है। वो भारत की कप्तान भी रह चुकी हैं। 2007 में उन्हें आईसीसी वीमेन क्रिकेटर ऑफ द ईयर के अवार्ड नवाजा गया था। वह वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा 240 विकेट लेने वाली गेंदबाज हैं। 39 साल की झूलन का अभी तक वर्ल्ड कप जीतने का सपना पूरा नहीं हो पाया है। वर्ल्ड कप पिछले साल होना था लेकिन कोविड के कारण इसे एक साल तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। अब ये वर्ल्ड कप 4 मार्च से न्यूजीलैंड में शुरू हो रहा है। वहीं झूलन गोस्वामी भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण को लीड करेंगी।
WINS से बातचीत के दौरान दिग्गज खिलाड़ी ने कहा,
क्रिकेटरों के रूप में हम ओलंपिक नहीं खेलते हैं। हमारे लिए वर्ल्ड कप एक ओलंपिक इवेंट की तरह है। आप एक निश्चित स्तर तक पहुंचने के लिए चार साल की तैयारी करते हैं। जब मेगा इवेंट आखिरकार आता है तो आप वहां एन्जॉय करते है और खुद को व्यक्त करते हैं।
झूलन गोस्वामी उस 15 सदस्यीय टीम का हिस्सा हैं जो न्यूजीलैंड में होने वाला वर्ल्ड कप खेलेगी। यहीं टीम वर्ल्ड कप से पहले टूर्नामेंट की तैयारी के लिए मेजबान देश के खिलाफ एक टी20 इंटरनेशनल और पांच वनडे मैच की सीरीज भी खेलेगी।
क्वारंटाइन के नियम हमारे लिए चुनौती होंगे - झूलन गोस्वामी
भारतीय टीम को न्यूजीलैंड जाने से पहले यहाँ और फिर वहां जाकर क्वारंटाइन में रहना होगा और यह टीम के लिए बड़ी चुनौती होगी। इस पर गोस्वामी ने कहा,
हम पहले भारत में क्वारंटाइन रहेंगे फिर उसके बाद न्यूजीलैंड में क्वारंटाइन में रहना होगा, इसलिए यह मुश्किल होने वाला है। इसके लिए बहुत ज्यादा मेंटल स्ट्रेंथ की आवश्यकता होती है। तैयारी में केवल ट्रेनिंग शामिल नहीं होती है बल्कि एक कमरे में भी रहना होता है। हम बाहर नहीं जा सकते है। हम ताजी हवा नहीं ले सकते है। लेकिन हम सभी मुश्किलों को स्वीकार करते हैं। अंत में हमें क्रिकेट खेलना पसंद है तो वहीं करते हैं। मैं 25 सालों से यहीं काम कर रही हूँ। इसलिए मैं यह बलिदान कर सकती हूं।
उन्होंने कहा कि दूसरी बड़ी चुनौती घुमावदार पिचों पर गेंदबाजी और बल्लेबाजी होगी। तेज गेंदबाज ने कहा,
न्यूजीलैंड में यह आसान नहीं होने वाला है क्योंकि हवा एक बड़ी भूमिका निभाती है। जब आप रन-अप लेना शुरू करते हैं, तो कभी-कभी आप तेजी से नहीं दौड़ पाते हैं। यदि आप बल्ले को टैप करना शुरू करते हैं, तो बल्ला हिलना शुरू कर देता है।