पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और कोच जावेद मियांदाद ने अपने घरेलू राष्ट्रीय क्रिकेट बोर्ड को सलाह दी है कि भविष्य में भारत के खिलाफ क्रिकेट खेलने का सपना छोड़ कर, अपने देश के क्रिकेट के स्ट्रक्चर के बारे में विचार करें। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को भारतीय क्रिकेट बोर्ड से किसी भी प्रकार की द्विपक्षीय सीरीज खेलने को लेकर बार-बार कहने की आवश्यकता नहीं है। जावेद ने इस मामले को लेकर आगे कहा कि भारत हमारे साथ क्रिकेट नहीं खेलना चाहता। यदि भारतीय टीम हमारे साथ क्रिकेट खेलना पसंद नहीं करती, तो इस वजह से हमारे यहाँ क्रिकेट खत्म नहीं हो जायेगा। हमें इस बात को भुला कर पाकिस्तान में क्रिकेट के भविष्य पर लगातार ध्यान देना जरुरी है। पिछले कुछ समय से पीसीबी ने आईसीसी से भारत के खिलाफ द्विपक्षीय सीरीज खेलने के लिए बहुत से आग्रह किये लेकिन बीसीसीआई इस मुद्दे को राजनीति से जोड़ कर अपना पीछा छुड़ा लेती है। इस बात को लेकर जावेद ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि भारत हमारे साथ तक़रीबन पिछले 10 सालों से क्रिकेट नहीं खेला है, तो इससे हमारा क्रिकेट का स्तर निचे नहीं गिरा। जबकि हमने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उदहारण के तौर पर हमने चैंपियंस ट्रॉफी को अपने नाम किया। पाकिस्तान में क्रिकेट अभी खत्म नहीं हुआ है। साल 2009 से हमारे देश में भले ही क्रिकेट नहीं खेला गया हो लेकिन हम लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। जावेद मियांदाद ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को भारत के खिलाफ द्विपक्षीय सीरीज न खेलने की नसीहत दी और पाकिस्तान में क्रिकेट को बेहतर बनाने पर ध्यान देने को कहा है। भारत और पाकिस्तान के बीच साल 2012-13 से किसी भी प्रकार की द्विपक्षीय श्रृंखला का आयोजन नहीं हुआ है। साल 2014 में दोनों देशों के बीच 6 द्विपक्षीय सीरीज खेलने के लिए करार हुआ था लेकिन लगातार बॉर्डर पर बढ़ते तनाव के कारण भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने की अनुमति नहीं दी है। हाल ही में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस मामले को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा था कि आतंकवाद और क्रिकेट एक साथ नहीं चल सकते। इसलिए बीसीसीआई ने पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने पर मौजूदा समय में किसी भी प्रकार का विचार नहीं किया है।