ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज़ डीन जोंस ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि टेस्ट क्रिकेट को भी विश्व कप जैसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंटों का दर्जा मिलना चाहिए जो हर चार साल में आयोजित होना चाहिए। डीन जोंस ने cricbuzz के साथ एक इन्टरव्यू में कहा "अगर में टेस्ट क्रिकेट प्रारूप की बात करूं तो टेस्ट क्रिकेट एक अचार के टुकड़े के समान है, मुझे समझ नहीं आता कि इन टेस्ट सीरीज का क्या मतलब है? हमें टेस्ट क्रिकेट का मतलब समझना चाहिए, हमें इसकी महत्वता पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए, मेरे हिसाब से हमें टेस्ट क्रिकेट के विश्वकप की ज़रुरत है" इसके बाद उन्होंने कहा "आगामी समय में 2019 में एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट विश्व कप का आयोजन होना है और उसके बाद 2020 में टी20 विश्वकप है, इस हिसाब से टेस्ट क्रिकेट का विश्वकप भी 2021 में ज़रूर आयोजित होना चाहिए" ऑस्ट्रेलियाई पूर्व दिग्गज ने माना कि हर चार साल में एक टेस्ट क्रिकेट विश्वकप का भी आयोजन होना चाहिए जिसमे हर मैच की अवधि चार दिन की हो। उन्होंने कहा "पांच दिन की अवधि का टेस्ट मैच काफी लम्बा होता है, इससे लोगों का ध्यान केन्द्रित नहीं हो पाता, टेस्ट क्रिकेट मैच को टेलीविज़न पर चार घंटे के लिए ही प्रसारित कर देना चाहिए, इस हिसाब से अगर आपने दर्शकों को चार घंटे के लिए नहीं रोका तो आप खतरे में आ सकते हैं, अगर आप दुनिया के महानतम खेलों के बड़े-बड़े आयोजनों पर नज़र डालें तो वह सभी चार घंटों के लिए टेलीविज़न का एकमात्र श्रोत हैं" "जबकि ओगस्टा (गोल्फ का मुख्य टूर्नामेंट) में खिलाड़ी पूरे दिन खेलते हैं और फिर भी टेलीविज़न पर उसका आयोजन केवल चार घंटे के लिए ही होता है": डीन जोंस इसके बाद एक टीम को साल में कितने टेस्ट मैच खेलने चाहिएं इस विषय पर भी उन्होंने अपना विचार व्यक्त किया। उन्होंने कहा "एक साल में एक टीम को 8-10 टेस्ट मैच खेलने चाहिएं, एक साल में किसी भी टीम द्वारा 17 टेस्ट मैच खेलना हास्यास्पद है"