1983 में खेले गए प्रूडेंशियल विश्व कप में लगातार दो बार की विजेता रही वेस्टइंडीज को मात देकर भारतीय क्रिकेट टीम ने इतिहास रच दिया था। दिग्गज ऑलराउंडर कपिल देव के नेतृव में कमजोर समझी जाने वाली भारतीय टीम ने विश्व विजेता बनकर दुनियाभर में ख्याति बटोरी थी। हरियाणा हरिकेन के नाम से मशहूर कपिल देव के इस अभूतपूर्व खेल से प्रभावित होकर मोदी मिल कंपनी ने उन्हें अपने यहां नौकरी प्रदान की थी। कंपनी की दिल्ली वाली यूनिट में 1979 से लेकर 1980 के बीच उन्होंने काम किया था। उस दौरान उन्हें नौकरी से तनख्वाह के अलावा कुल 2 लाख 75 हजार रुपये की राशि के रूप में भविष्य निधि भी इकट्ठी हुई थी। अब 38 साल बाद जाकर कपिल को उनके भविष्य निधि का भुगतान किया गया है। कंपनी के डिप्टी सेक्रेटरी राजेंद्र शर्मा ने इसकी बारे में जानकारी देते हुए कहा कि दरअसल मोदी मिल 1994 में ही बंद हो गई थी। हालांकि कंपनी आज भी अस्तित्व में है। बीते साल जब कंपनी के पुराने रिकॉर्ड्स खंगाले गए तो ज्ञात हुआ कि कपिल देव के प्रोविडेंट फंड का भुगतान बकाया है। इसके बाद कंपनी ने कपिल देव से संपर्क किया । 2.75 लाख रुपये बकाया होने की खबर सुन कपिल भी हैरान थे। अब कंपनी के आग्रह पर भारत के इस पूर्व कप्तान ने सारी औपचारिकताएं पूरी की। फिर कंपनी की ओर से भी उन्हें भविष्य निधि के 2.75 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया। ये पूरा मामला जनवरी 2018 का है। कंपनी ने कपिल के बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने के बाद दोबारा बातचीत की कोशिश की, लेकिन व्यस्त कार्यक्रम के चलते उनसे इस मामले में बात नहीं हो सकी। हालांकि उनके कार्यालय की ओर से भुगतान हो जाने की पुष्टि हो गई है। कंपनी के अधिकारी राजेंद्र शर्मा के अनुसार कपिल यहां लाइजनिंग कमिश्नर के रूप में अपनी सेवाएं दी थीं। कपिल के खेल के प्रति समर्पण व अद्भुत प्रतिभा को देखते हुए ही यह नौकरी दी गई थी।