इंग्लैंड के पूर्व ओपनर माइकल कार्बेरी ने कैंसर से लड़ने के बाद प्रथम श्रेणी क्रिकेट में धमाकेदार वापसी की है। उन्होंने अपनी काउंटी टीम हैम्पशायर की तरफ से कार्डिफ एमसीसीयू के खिलाफ प्री-सत्र कार्यक्रम में शतक जमाया। कार्बेरी ने साउथहैम्पटन में यह शतक ठोंका। 36 वर्षीय बाएं हाथ के बल्लेबाज का पिछले वर्ष जुलाई में कैंसर ट्यूमर का इलाज हुआ था। उन्होंने रविवार को रोज बाउल में 121 गेंदों में 100 रन की पारी खेली। ब्रिटिश मीडिया ने रिपोर्ट में बताया कि मैदान पर मौजूद कम दर्शकों ने खड़े होकर उनका शानदार पारी खेलने के लिए अभिवादन किया। कार्बेरी ने पिछले वर्ष काउंटी सत्र के दूसरे सत्र में शिरकत नहीं की थी क्योंकि वह कैंसर का उपचार करा रहे थे। मगर क्रिसमस से पूर्व वह ट्रेनिंग करने लौटे और पिछले महीने वह हैम्पशायर के प्री-सत्र टूर टू बारबाडोस का हिस्सा भी रहे। पिछले सप्ताह उन्होंने टीम में वापसी के लिए एक बयान जारी करके उन लोगों का शुक्रियाअदा किया, जिन्होंने कैंसर के उपचार के दौरान उनका समर्थन किया था। कार्बेरी ने कहा, 'पूरी तरह फिट होने में समय लगेगा, लेकिन उन समर्थकों का धन्यवाद, जिन्होंने मुझे प्रोत्साहित करके फिर से खेलने के लिए मैदान पर आने के लिए प्रेरित किया। मैं हैम्पशायर की तरफ से शानदार प्रदर्शन करने पर ध्यान लगा रहा हूं।' कार्बेरी ने इंग्लैंड के लिए 6 टेस्ट खेले हैं। उन्होंने आखिरी मैच 20134/14 एशेज सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था। इसके बाद उन्हें कई बीमारियां हुई। 2010 में उनके लंग्स में खून जमा और उपचार कराने के लिए उन्हें अपने आप को क्रिकेट से दूर रखना पड़ा। फिर ठीक होकर उन्होंने मैदान पर वापसी की। कार्बेरी उन चुनिंदा खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने कैंसर को हराकर मैदान में वापसी की। भारत के युवराज सिंह ने भी कैंसर को हराकर मैदान पर वापसी की थी। युवराज को 2011 विश्व कप से पहले कैंसर हो गया था और इसके बावजूद उन्होंने शानदार प्रदर्शन करके भारत को विश्व चैंपियन बनाया। युवराज को शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट के ख़िताब से नवाजा गया था।