भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अजित वाडेकर का लम्बी बीमारी के बाद बुधवार को निधन हो गया। वे 77 वर्ष के थे। 1971 में उनकी कप्तानी के दौरान टीम ने इंग्लैंड और वेस्टइंडीज में टेस्ट मैच जीते थे। भारत की तरफ से वाडेकर ने 37 टेस्ट मैच खेलकर 2113 रन बनाए। 1968 में उनकी कप्तानी में न्यूजीलैंड दौरे पर टीम इंडिया ने टेस्ट सीरीज में जीत दर्ज की थी और यह भारतीय टीम की भी विदेशी जमीन पर पहली टेस्ट सीरीज जीत थी। उस दौरान उन्होंने अपने टेस्ट जीवन का एकमात्र सैकड़ा भी जड़ा था। विदेशों में भारतीय टीम को 2 टेस्ट मैच जिताने के लिए उनका नाम हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने इंग्लैंड और वेस्टइंडीज में लगातार 2 ऐतिहासिक टेस्ट जीत दिलाई थी। उस समय वेस्टइंडीज में 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम ने 1-0 से जीत दर्ज की थी। इसके अलावा इंग्लैंड में हुई तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में भी भारत ने 1-0 से जीत दर्ज करने में कामयाबी हासिल की थी। इस खिलाड़ी ने भारतीय टीम के लिए 16 टेस्ट मैचों में कप्तानी की जिनमें 4 बार जीत और 4 बार ही पराजय मिली। 1974 में इंग्लैंड के हाथों टीम को 3-0 से शिकस्त मिलने के बाद वाडेकर ने कप्तानी छोड़ दी। इसके बाद 1974 में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। संन्यास के बाद 1990 में वाडेकर ने भारतीय टीम के मैनेजर की भूमिका भी निभाई थी। उस समय के बाद ही भारतीय टीम घरेलू मैदानों पर लगातर जीतने की आदी हुई थी। भारत ने तब कोई सीरीज अपनी जमीन पर नहीं गँवाई थी। स्वाधीनता दिवस के दिन एक पूर्व कप्तान का इस तरह दुनिया को अलविदा कहकर जाने पर क्रिकेट प्रेमियों और खिलाड़ियों में काफी निराशा देखी जा सकती है। भारतीय क्रिकेट इतिहास का एक और स्वर्णिम पन्ना हमेशा के लिए बंद हो गया। पीएम नरेंद्र मोदी सहित कई बड़े नामों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।