पूर्व भारतीय ऑलराउंडर का हुआ निधन, अफगानिस्तान से था खास नाता 

सलीम दुर्रानी का 88 वर्ष की उम्र में निधन हुआ
सलीम दुर्रानी का 88 वर्ष की उम्र में निधन हुआ

पूर्व भारतीय ऑलराउंडर सलीम दुर्रानी (Salim Durani) का 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह गुजरात के जामनगर में अपने भाई जहांगीर दुर्रानी के साथ रहते थे। इसी साल जनवरी में गिरने के चलते उनके जांघ की हड्डी टूट गई थी और फिर उनकी सर्जरी भी हुई थी।

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सलीम दुर्रानी भारत के एकमात्र ऐसे टेस्ट क्रिकेटर थे, जो मूलतः अफगानिस्तान के थे। पूर्व ऑलराउंडर का जन्म 11 दिसंबर 1934 को काबुल में हुआ था। 2 अप्रैल 2023 को 88 वर्ष 112 दिन की अवस्था में उनका निधन हो गया है।

सलीम दुर्रानी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे और इसी के चलते फैंस उन्हें काफी पसंद करते थे। यह भी कहा जाता है कि दुर्रानी उस समय के इकलौते ऐसे भारतीय बल्लेबाज थे जो दर्शकों की माँग पर छक्के लगाया करते थे। उन्होंने 1960 में मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी और 1973 में इंग्लैंड के खिलाफ यहीं पर अपना आखिरी टेस्ट मैच भी खेला था।

आक्रामक बाएं हाथ के बल्लेबाज और बाएं हाथ के स्पिनर दुर्रानी ने अपने करियर में कुल 29 टेस्ट खेले थे, जिसमें उन्होंने 25.04 की औसत से 1202 रन बनाए थे और 35.42 की औसत से 75 विकेट चटकाए थे। दुर्रानी ने 1962 में पोर्ट ऑफ स्पेन में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने करियर का एकमात्र टेस्ट शतक लगाया था। इसके अलावा उनके नाम 7 अर्धशतक भी दर्ज हैं। गेंदबाजी की बात करें तो उनका एक मैच में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 10/177 और एक पारी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 6/73 का रहा।

दुर्रानी को उस जादुई स्पेल के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है जिसके चलते भारत को 1971 में वेस्टइंडीज में पहली टेस्ट जीत दिलाने में मदद की थी। उसी मैच में सुनील गावस्कर ने अपना टेस्ट डेब्यू भी किया था।

वेस्टइंडीज के खिलाफ पहली टेस्ट जीत में सलीम दुर्रानी ने निभाई थी अहम भूमिका

पोर्ट ऑफ स्पेन में खेले गए उस टेस्ट मैच में भारत ने 7 विकेट से जीत हासिल की थी। मैच की दूसरी पारी में महत्वपूर्ण समय पर दुर्रानी ने क्लाइव लॉयड और गैरी सोबर्स को सिर्फ कुछ ही गेंदों में आउट कर मैच का रुख पलट दिया था। उस पारी में उन्होंने 17 ओवरों में मात्र 21 रन खर्च किए थे और दो महत्वपूर्ण विकेट अपने नाम किये।

उस टेस्ट मैच के अलावा उन्होंने 1961-62 में इंग्लैंड के खिलाफ कोलकाता और चेन्नई में खेले गए मैचों में क्रमश: 8 और 10 विकेट लेकर भारत को जीत दिलाई थी। उस सीरीज में वह 9 पारियों में 23 विकेटों के साथ सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज थे।

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Edited by Prashant Kumar
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